India News (इंडिया न्यूज),Delhi slum dweller: दिल्ली में बड़ी संख्या में अवैध बांग्लादेशी रह रहे हैं, जिनकी पहचान के लिए दिल्ली पुलिस अब अभियान चला रही है। अवैध बांग्लादेशियों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए दिल्ली पुलिस की एक टीम मंगलवार सुबह कालिंदी कुंज पहुंची। पुलिस यहां झुग्गी बस्ती मदनपुर खादर पहुंची और विशेष अभियान चलाया। अर्धसैनिक बल के साथ पहुंची कालिंदी कुंज थाने की पुलिस ने झुग्गियों में रहने वाले लोगों के आधार कार्ड, पहचान पत्र और अन्य दस्तावेजों की जांच की।
दिल्ली पुलिस ने यहां कबाड़ बेचने का काम करने वाले हर व्यक्ति की हर जानकारी नोट की, साथ ही उनके आधार कार्ड और पहचान पत्र भी लिए। यहां रहने वाले ज़्यादातर लोग धुबरी असम और पश्चिम बंगाल से हैं। उनका कहना है कि वे कई सालों से यहां रह रहे हैं और उन सभी ने अपना सही आधार कार्ड धुबरी से बनवाया है। वे यहां कबाड़ बेचने का काम करते हैं।
मदनपुर खादर की झुग्गियों में रहने वाली नाजमी का कहना है कि वह असम के धुबरी की रहने वाली है और उसके पास दिल्ली का आधार कार्ड है। क्योंकि यहां स्कूल में एडमिशन के लिए दिल्ली का आधार कार्ड मांगा गया था। उसका कहना है कि वह ज्यादा पढ़ी-लिखी नहीं है, इसलिए उसे नौकरी नहीं मिलेगी। इसलिए वह कूड़ा बीनने का काम कर रही है और उसका बांग्लादेश से कोई संबंध नहीं है। पुलिस अब असम और पश्चिम बंगाल से उसके विवरण की जांच करेगी और अगर ये दस्तावेज फर्जी पाए गए तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
पुलिस के मुताबिक, पूरी दिल्ली में अब तक 1500 से ज्यादा लोगों को संदिग्ध बनाया गया है, जिनके दस्तावेजों की जांच की जा रही है। साउथ ईस्ट जिला पुलिस ने अब तक अपने जिले में 8 अवैध बांग्लादेशियों की पहचान की है, जिन्हें गिरफ्तार किया जा चुका है। बाहरी दिल्ली से 10 अवैध बांग्लादेशियों को गिरफ्तार किया गया है। साउथ जिला पुलिस ने अवैध बांग्लादेशियों के लिए फर्जी दस्तावेज बनाने वाले सिंडिकेट का भी पर्दाफाश किया है, जिसमें 11 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
दरअसल दिल्ली के एलजी विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली पुलिस से कहा था कि दिल्ली में बड़े पैमाने पर बांग्लादेशी अवैध रूप से रह रहे हैं। उनकी पहचान की जानी चाहिए और उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इसके बाद दिल्ली पुलिस पूरी दिल्ली में अवैध रूप से रह रहे बांग्लादेशियों की पहचान कर उन्हें गिरफ्तार कर रही है। इसके बाद उन्हें एफआरआरओ को सौंपा जा रहा है। फिर उन्हें बांग्लादेश भेजा जाएगा।