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Bipin Rawat India's First CDS देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत

BY: India News Editor • LAST UPDATED : December 8, 2021, 5:31 pm IST
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Bipin Rawat India's First CDS देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत

Pauri Garhwal’s Boy Touched the Sky

Bipin Rawat India’s First CDS: His Success Story

इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली।

Bipin Rawat India's First CDS

Bipin Rawat Indias First CDS: जनरल बिपिन रावत नहीं रहे। वे देश के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ, यानी CDS थे। तमिलनाडु के कुन्नूर में बुधवार दोपहर करीब 12 बजकर 20 मिनट पर उनका हेलिकॉप्टर क्रैश हो गया था। उसमें जनरल रावत की पत्नी मधुलिका रावत समेत सेना के 14 लोग सवार थे। इस हादसे में 14 लोगों की मौत हो गई है।

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Bipin rawat profile: भारत के पहले सीडीएस जनरल बिपिन रावत का जन्म उत्तराखंड के पौढ़ी गढवाल के द्वारीखाल ब्लॉक स्थित गांव बिरमोली के तोक सैंण में राजपूत परिवार में 16 मार्च 1958 को हुआ था। इनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत सेना में लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत हुए थे। बिपिन रावत की शुरूआती पढ़ाई शिमला के सेंट एडवर्ड स्कुल में हुई।

Education of CDS Bipin Rawat

Bipin rawat facts: उसके बाद उन्होंने इंडियन मिलट्री एकेडमी में एडमिशन लिया और देहरादून चले आये. यहाँ उनकी परफॉर्मेंस को देखते हुए उन्हें पहला सम्मान सोर्ड ऑफ ऑनर पत्र मिला। भारतीय सैन्य अकादमी से स्नातक की उपाधि हासिल की थी।

Bipin Rawat Army Helicopter Crash Update

bipin rawat life: देवी अहिल्या विश्वविद्यालय से रक्षा एवं प्रबंध अध्ययन में एम फिल की डिग्री बिपिन रावत ने हासिल की थी। वहीं मद्रास यूनिवर्सिटी से स्ट्रैटेजिक और डिफेंस स्टडीज में भी एम फिल की हुई थी। साल 2011 में उन्होंने चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से सैन्य मीडिया का अध्ययन करते हुए पीएचडी  की थी।

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Career of Bipin Rawat in Army

bipin rawat family: यूं तो सीडीएस बिपिन रावत की पृष्ठभूमि एक ऐसे परिवार से ताल्लुक रखती है जो भारतीय सेना में अपना योगदान देते रहे हैं। बिपिन रावत की पहली नियुक्ति जनवरी 1979 में मिजोरम में हुई। इसके बाद नेफा इलाके में तैनाती के दौरान उन्हें बटालियन की अगुवाई का जिम्मा सौंप दिया गया।

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वहीं कांगो में संयुक्त राष्ट्र की पीसकीपिंग फोर्स की अगुवाई भी बिपिन रावत ने ही की थी। इसके बाद एक सितंबर 2016 का वो दिन जब बिपिन रावत को सेना में बतौर उप-प्रमुख नियुक्त कर दिया गया। उसके बाद 31 दिसंबर 2016 को ही बिपिन रावत को सेना का जनरल बना दिया गया।

Pauri Garhwal's Boy Touched the Sky

Pauri Garhwal’s Boy Touched the Sky

Bipin Rawat Medals

Pauri Garhwal’s Boy Touched the Sky: सीडीएस बिपिन रावत को वैसे तो अनेकों कार्यक्रमों में बतौर मुख्यातिथि कई बार पदकों से नवाजा गया। लेकिन उनके द्वारा किए गए कामों को देखते हुए सेना के उच्च पदक (युद्ध सेवा पदक) से नवाजा गया है।

इसी तरह घाव पदक, सामान्य सेवा पदक, विशिष्ट सेवा पदक, ऑपरेशन पराक्रम पदक, सैन्य सेवा पदक, उच्च तुंगता सेवा पदक, विदेश सेवा पदक, आजादी की 50वीं वर्षगांठ पदक, 9 से लेकर 30 वर्ष लंबी सेवा पदक भी इन्हें मिला है।

इसी प्रकार परम विशिष्ट सेवा पदक, उत्तम युद्ध सेवा पदक, अति विशिष्ट सेवा पदक युद्ध सेवा पदक, सेना पदक, विशिष्ट सेवा पदक, ऐड-डि-कैंप बिपिन रावत के नाम रहे हैं।

Pauri Garhwal's Boy Touched the Sky

Pauri Garhwal’s Boy Touched the Sky

बिपिन रावत ने भारतीय सेना में 37 साल तक सेवाएं दी

Pauri Garhwal’s Boy Touched the Sky: जनरल बिपिन रावत ने भारतीय सेना में 37 साल तक सेवाएं दी हैं। इस दौरान उन्हें अनेक पदों से सम्मानित किया गया। 31 दिसंबर 2019 को बिपिन रावत ने सेना के प्रमुख पद से इस्तीफा दे दिया और 1 जनवरी 2020 को उन्हें सीडीएस का नया पद दे दिया गया।

इनके कंधे पर आंतकवाद और पड़ौसी मुल्कों के खतरे को देखते हुए तीनों सेनाओं में समन्वय बिठाने का काम भी आसान नहीं था। जनरल बिपिन रावत को जनरल आफ डिफेंस (सीडीएस)का पदभार सौंप दिया गया। इनका काम तीनों सेनाओं को एक साथ लेकर चलने का था।

वहीं किसी भी सेना के पास अगर किसी चीज की कमी होती है तो जल्द से जल्द उसकी आपूर्ति करने की जिम्मेदारी भी इनके कंधों पर थी। सीधे शब्दों में कहें तो रक्षा मंत्री के प्रमुख सलाहकार के तौर पर इनके पद को माना जाता है। सीडीएस बिपिन रावत तीनों सेनाओं को निर्देश देने में सक्षम थे।

Mi-17 Helicopter Crash First Video

Quotes of General Bipin Rawat

How Did CDS Chief General Bipin Rawats Chopper MI 17 Crash

अब सवाल भारत की प्रतिष्ठा का भी है। ‘जो हेलिकॉप्टर एमआई-17 दुर्घटनाग्रस्त हुआ है उसकी लंबाई 8.46 मीटर की है। ऊंचाई 5. 65 मीटर की। उसका वजन 7,487  है। 280 किलोमीटर की प्रति घंटा रफ्तार से चलने वाला और क्षमता 24 जवान/12 स्ट्रेचर की है ‘ देश और दुनिया ये तो पूछेगी है कि जो भारत अपने सबसे शीर्ष जनरल को अति उन्नत हेलिकॉप्टर में सिर्फ 50 किलोमीटर का सुरक्षित सफर नहीं करवा सकता वो भारत को बाहरी ताकतों से सुरक्षित रखने का दावा कैसे कर सकेगा?

पहले भी हो चुके प्लेन दुर्घटना का शिकार

बता दें कि साल 2015 में भी वह एक बार विमान हादसे का शिकार हो चुके हैं। उस समय बिपिन रावत लेफ्टिनेंट जनरल के तौर पर सेवाएं दे रहे थे। दिमापुर में पोस्टिंग के दौरान वह दिमापुर से सेना के चीता हेलीकॉप्टर में सवार होकर निकले तो कुछ ऊंचाई पर जाकर चॉपर अनियंत्रित होकर क्रैश हो गया था।

उस समय जांच मेंं पाया गया था कि जहाज के इंजन ने काम करना बंद कर दिया था। ऐसे में एक बार फिर सीडीएस बिपिन रावत का हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया है। इस हादसे में 14 लोग सवार थे। इनमें से 13 लोगों की मौत हो चुकी है वहीं बिपिन रावत के बारे में अस्पताल प्रशासन चुप्पी साधे हुए है।

Pauri Garhwal's Boy Touched the Sky

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