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इंडिया न्यूज, नई दिल्ली
भगवान शिव को समर्पित महाकाल मंदिर मध्य प्रदेश के उज्जैन शहर में स्थित है। श्रद्धा और आस्था से भरपूर ये जगह शहर शिव नगरी के नाम से भी जानी जाती है। सालभर यहां भक्तों की भारी भीड़ रहती है, दुनियाभर से यहां लोग ज्योंतिर्लिंग के दर्शन के लिए आया करते हैं। विशेषतौर पर सावन माह में इस मंदिर श्रद्धालूओं की ज्यादा भीड़ देखने को मिलती है। सावन के महीने में महाकालेश्वर मंदिर का ज्यादा महत्व होता है। शिव जी के 12 ज्योंतिलिंर्गों में से एक महाकालेश्वर मंदिर में मौजूद है। यहां आने वाले भक्तों को दक्षिणमुखी ज्योतिर्लिंग के दर्शन होते हैं।
महाकालेश्वर मंदिर को विशेषतौर पर 3 हिस्सों में बांटा गया है। सबसे नीचले हिस्से में महाकाल ज्योतिर्लिंग स्थापित है। यहां शिव परिवार की मूर्तियां में मौजूद हैं। इसके ऊपरी हिस्से में ओंकारेश्वर मंदिर और इससे ऊपरी में नाग चंद्रश्वर मंदिर है। यहां एक कुंड भी मौजूद है, जिसे लेकर ऐसा कहा जाता है कि कुंड में स्नान करने से व्यक्ति के सभी पाप धुल जाते हैं। प्राचीनकाल से ही उज्जैन को एक धार्मिक नगरी की उपाधि की प्राप्ति है। इस पवित्र शहर की खासियत है कि यहां आने वाले लोगों को ये अपनी सा बना लेता है।
भगवान महाकाल की भस्म आरती देखने का सुनहरा अवसर किसी को ही प्राप्त हो पाता है। मान्यता है इस आरती में शामिल होने वालों के सभी दुख-दर्द दूर हो जाते हैं। रोजाना सुबह भस्म आरती और महाकाल का श्रृंगार किया जाता है। महाकाल के दर्शन करने के साथ इनकी भस्म आरती भी जरूर देखनी चाहिए। इस तरह की आरती देखने का अवसर सिर्फ आपको उज्जैन में देखने को मिलेगा। आरती में शामिल होने के लिए आप आॅनलाइन बुकिंग भी करवा सकते हैं। बुकिंग के लिए मंदिर की वेबसाइट पर जा सकते हैं। मंदिर के टिकट काउंटर से भी भस्म आरती की बुकिंग हो सकती है, लेकिन उधर लंबी लाइन मिल सकती है। ध्यान रहे कि आपके आपका आईडी प्रूफ भी हो।
महाकालेश्वर मंदिर के नियमानुसार भस्म आरती को महिलाएं नहीं देख सकती हैं। अगर वो इस आरती में शामिल हैं तो उन्हें घूंघट करना पड़ता है। बता दें कि भस्म आरती से पहले यहां शिवलिंग पर जलाभिषेक किया जाता है। यहां भस्म आरती में शामिल होने के लिए किसी तरह का भी पहनाव पहन सकते हैं, लेकिन अगर आप जलाभिषेक करना चाहते हैं तो उसके लिए पुरुषों को सिर्फ धोती और महिलाओं को सिर्फ साड़ी पहननी होती है। अन्य तरह के कपड़े पहने होने पर यहां जलाभिषेक करने की अनुमति नहीं है।
उज्जैन में महाकालेश्वर मंदिर के अलावा हर सिद्धि मंदिर, राम घाट, श्रीराम जानकी मंदिर, संदिपानी आश्रम, गढ़कालिका मंदिर और मंगलनाथ मंदिर मौजूद हैं। यहां जाकर आप दर्शन कर सकते हैं। अगर आप श्री ओम्कारेश्वर ज्योतिर्लिंग के दर्शन करना चाहते हैं तो इसके लिए आपको उज्जैन से तीन घंटे की दूरी का सफर तय करना होगा।
उज्जैन एकमात्र ऐसा पवित्र शहर है जहां पर आपको स्ट्रीट फूड में फलहारी खाना मिलेगा। यहां की हर सड़क पर आपको व्रत वाले खानपान ज्यादा मिलेगा। ऐसा इसलिए क्योंकि यहां आने वाले ज्यादातर लोग आध्यात्मिक यात्रा के लिए आते हैं और इनमें से कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिनका व्रत होता है। ये लोग ओम्कारेश्वर या महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग पर जल चढ़ाने के बाद ही कुछ खाते हैं। ऐसे में यहां आए पर्यटकों के खानपान का ख्याल रखते हुए साफ-सफाई के साथ व्रत में खाने वाला खाना मिलता है। इसलिए यहां स्ट्रीट फूड में ज्यादातर फलहारी भोजन ही मिलते हैं, इसमें आपको फल, साबूदाने की खीर या खिचड़ी, आलू, साबूदाने की नमकीन आदि चीजें मिलेंगी।
सावन के महीने में दूर-दूर से लोग महाकाल मंदिर आते हैं और दिनों की तुलना में इस माह में ज्यादा भीड़ होती है। हिन्दू पौराणिक मान्यताओं की मानें तो उज्जैन में स्थित महाकाल मंदिर को देश के 7 मोक्ष प्राप्ति स्थानों में से एक माना जाता है। सावन महीने के सोमवार में महाकाल के दर्शन करना बेहद शुभ माना गया है। अगर आप इस महीने में यात्रा करना चाहते हैं तो पहले से ही यहां की पूरी जानकारी लेकर जाएं। उज्जैन स्टेशन पर उतरते ही आपको हजारों की संख्या में तोते नजर आएंगे। हैरानी की बात तो ये है कि यहां अपने आप तोते आकर बसे हुए हैं। आपका दिल जितना खुश कई संख्या में तोते देखकर होगा उससे कई ज्यादा यहां के लोगों से मिलकर दिल खुश हो सकता है। उज्जैन में आया हर पर्यटक को यहां के लोग अपना बना लेते हैं। महाकाल मंदिर के पास किसी भी घर में आप चले जाओ वहां के लोग आपका अच्छे से स्वागत करेंगे और रात बिताने की सुविधा भी देंगे। यहां के लोगों का प्यार ही पर्यटकों को बार-बार आने के लिए मजबूर कर देता है।
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