संबंधित खबरें
Today Horoscope: इस 1 राशि की किस्मत में लिखा है आज बड़ा बदलाव, तो इन 3 जातकों को मिलेगा उनका बिछड़ा प्यार, जानें आज का राशिफल
साल 2025 लगते ही पूरे 12 साल के बाद गुरु करेंगे मिथुन और कर्क राशि में प्रवेश, जानें कितने फायदों से भर देंगे आपका दामन?
क्या सच में यूरोपीय देशों से पहले भारत में हो चुकी थी ईसाई धर्म की शुरुआत? आखिर क्या है हिंदुस्तान के सबसे पुराने चर्च की कहानी?
साल 2025 के पहले ही दिन घर के मैन डोर पर बांध दे बस ये एक चीज, पूरा साल धन-धान्य से भर देंगी मां लक्ष्मी
फर्जी है Christmas Tree? नहीं है बाइबल से कोई कनेक्शन, सिर्फ एक छोटी सी चीज पहुंचाती है ईश्वर तक
पांडव-कौरव नहीं…ये है Mahabharat का असली पापी, छुपकर चली ऐसी चाल…भगवान कृष्ण भी नहीं पाए रोक?
India News (इंडिया न्यूज), Ahoi Ashtami 2024: करवा चौथ के बाद अब महिलाओं को अहोई अष्टमी का इंतजार है। करवा चौथ का व्रत जहां पति की लंबी उम्र और सलामती के लिए रखा जाता है, वहीं अहोई अष्टमी का व्रत संतान की लंबी उम्र, तरक्की और समृद्धि के लिए रखा जाता है। यह व्रत करवा चौथ के 4 दिन बाद यानी कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को रखा जाता है। आइए जानते हैं अहोई अष्टमी व्रत की सही तिथि, महत्व और पूजा विधि क्या है?
संतान से जुड़े कई व्रतों में अहोई अष्टमी को काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि को महिलाएं अपनी संतान की लंबी उम्र, तरक्की और सुखी जीवन के लिए व्रत रखती हैं। हिंदू धर्म में अहोई माता को माता पार्वती का रूप माना जाता है। ऐसे में इनकी पूजा करने से भी महादेव का आशीर्वाद मिलता है।
अहोई अष्टमी तिथि बुधवार, 23 अक्टूबर 2024 को दोपहर 1:18 बजे से शुरू होगी, जबकि यह तिथि गुरुवार, 24 अक्टूबर 2024 को दोपहर 1:58 बजे समाप्त होगी। इस प्रकार 24 अक्टूबर को पड़ने वाली सूर्योदय तिथि के अनुसार अहोई अष्टमी व्रत गुरुवार, 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा।
क्या बेटी के घर का पानी पीने से लग जाता है पाप? लड़की के मायके वाले जान ले सनातन धर्म का ये सच!
गुरुवार, 24 अक्टूबर 2024 को अहोई अष्टमी पूजा का शुभ मुहूर्त शाम 5:42 बजे से शाम 6:59 बजे तक है। इस प्रकार, पूजा की कुल अवधि 1 घंटा 17 मिनट होगी।
अहोई अष्टमी पर ऊपर दिए गए शुभ मुहूर्त में अहोई माता की पूजा करने का विधान है। इस दिन निर्जला व्रत रखने के बाद शाम को तारों को अर्घ्य देने के बाद व्रत तोड़ा जाता है। इस दिन तारों को देखने का समय शाम 6.06 बजे के बाद है, जबकि चंद्रोदय का समय रात 11.55 बजे है।
इस दिन माताओं और महिलाओं को सुबह उठकर व्रत का संकल्प लेना चाहिए। सुबह स्नान करके स्वच्छ वस्त्र धारण करने चाहिए।
दीवार पर गेरू या कुमकुम से देवी अहोई का चित्र बनाएं।
शाम को सही मुहूर्त देखकर पूजा करें। पूजा में 8 पूरी, 8 पुए और हलवा रखें।
पूजा के दौरान व्रत की कथा सुनें या पढ़ें। कथा सुनने के बाद देवी से बच्चों की रक्षा करने की प्रार्थना करें।
इस दिन सेई की भी पूजा की जाती है और सेई को हलवे और सरई की सात डंडियाँ चढ़ाई जाती हैं।
पूजा के बाद अहोई अष्टमी की आरती करें। आसमान में तारे देखने के बाद व्रत खोलें।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.