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आखिर ऐसा क्या हुआ कि भगवान शिव को करना पड़ा कृष्ण के खास मित्र का वध, सच्चाई जान हिल जाएंगे आप!

Death of Sudama: सुदामा को भगवान श्री कृष्ण का भक्त माना जाता है। श्री कृष्ण और सुदामा की दोस्ती की कहानियां बहुत मशहूर हैं।

BY: Preeti Pandey • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज), Death of Sudama: सुदामा को भगवान श्री कृष्ण का भक्त माना जाता है। श्री कृष्ण और सुदामा की दोस्ती की कहानियां बहुत मशहूर हैं। लेकिन सुदामा से जुड़ी एक घटना यह है कि भगवान शिव ने उनका वध कर दिया था। इस बात पर यकीन करना मुश्किल लगता है लेकिन पुराणों में इसका जिक्र किया गया है। इस घटना के अनुसार सुदामा और विराजा स्वर्ग के एक खास हिस्से गोलोक में रहते थे। सुदामा विराजा से प्रेम करने लगे थे। लेकिन विराजा कृष्ण से प्रेम करती थीं। एक दिन राधा ने कृष्ण और विराजा को प्रेम करते हुए देख लिया। इससे क्रोधित होकर राधा ने विराजा को धरती पर आने का श्राप दे दिया। विराजा ने धर्मध्वज के यहां तुलसी के रूप में जन्म लिया।

अजेय होने का मांगा वरदान

राधा ने क्रोध में आकर सुदामा को श्राप दे दिया। इसके कारण सुदामा ने दैत्यराज दंभ के घर शंखचूड़ के रूप में जन्म लिया। धरती पर शंखचूड़ ने तुलसी से विवाह किया। शंखचूड़ ब्रह्मा जी का भक्त था। उसने तपस्या कर ब्रह्मा जी से अजेय होने का वरदान प्राप्त कर लिया। इसके कुछ समय बाद ही शंखचूड़ ने तीनों लोकों पर अपना स्वामित्व स्थापित कर लिया। मनुष्य से लेकर देवता तक सभी शंखचूड़ के अत्याचारों से परेशान हो गए।

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Death of Sudama: आखिर ऐसा क्या हुआ कि भगवान शिव को करना पड़ा कृष्ण के खास मित्र का वध

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भगवान शिव ने त्रिशूल से कर दिया नाश

देवताओं ने इसके लिए भगवान शिव से मदद मांगी। लेकिन भगवान शिव शंखचूड़ को मारने में असमर्थ थे क्योंकि उन्हें श्री कृष्ण कवच और तुलसी का पतिव्रत धर्म प्राप्त हो चुका था। विष्णु जी ने ब्राह्मण का रूप धारण कर शंखचूड़ से श्री कृष्ण कवच दान में ले लिया। उन्होंने शंखचूड़ का रूप धारण कर तुलसी का सतीत्व भी छीन लिया। इस अवसर पर भगवान शिव ने अपने त्रिशूल से शंखचूड़ का नाश कर दिया। इस तरह भगवान शिव ने सुदामा के पुनर्जन्म का वध कर दिया।

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डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

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