संबंधित खबरें
दान में जो दे दिए इतने मुट्ठी चावल तो दुनिया की कोई ताकत नहीं जो रोक दे आपके अच्छे दिन, जानें सही तरीका और नियम?
सुबह उठते ही इन मंत्रों का जाप पलट के रख देगा आपकी किस्मत, जानें जपने का सही तरीका
Today Horoscope: इन 5 राशियों के लिए आज बनेंगे कई नए अवसर, तो वही इन 3 जातकों को होगी संभलकर रहे की जरुरत, जानें आज का राशिफल
साल के आखरी सप्ताह में इन राशियों की चमकने वाली है किस्मत, होगा इतना धन लाभ की संभाले नही संभाल पाएंगे आप!
अंधविश्वास या हकीकत? बिल्ली रास्ता काटे तो क्या सच में रुक जाना होता है सही, वजह जान चौंक उठेंगे आप!
नहाने के बाद अगर करते हैं ये 5 काम तो बर्बाद हो जाएंगे आप! अभी जान लें वरना बाद में पछताने का भी नहीं मिलेगा मौका
India News (इंडिया न्यूज़), Ganpati Mahotsav 2024: गणेश चतुर्थी एक महत्वपूर्ण हिन्दू त्योहार है, जिसे भगवान श्री गणेश जी के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। इस दिन भक्त अपने घरों में गणेश जी की प्रतिमा स्थापित करते हैं और 11 दिनों तक उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। अंत में, अनंत चतुर्दशी के दिन, गणेश जी की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। इस बार गणेश चतुर्थी 7 सितंबर को मनाई गई थी, और बप्पा का विसर्जन 17 सितंबर को किया जाएगा।
भगवान गणेश जी की पूजा में उनका वाहन, मूषक (चूहा), भी विशेष महत्व रखता है। यह सामान्यतः सभी को पता है कि गणेश जी का वाहन चूहा है, लेकिन बहुत से लोग नहीं जानते कि यह चूहा गणेश जी का वाहन कैसे बना और इसके पीछे की पौराणिक कथा क्या है। आइए जानते हैं इस रहस्य को।
पौराणिक कथाओं के अनुसार, गणेश जी का वाहन मूषक एक समय का गंधर्व था, जिसका नाम क्रौंच था। क्रौंच को एक मुनि ने चूहा बनने का श्राप दिया था। यह श्राप उसे उसके पिछले जन्म की कुछ गलतियों के कारण मिला था।
एक बार, क्रौंच नामक गंधर्व ने पराशर ऋषि के आश्रम को कुतर-कुतर कर नष्ट कर दिया। इस अपमानजनक घटना से ऋषि बहुत दुखी हुए और उन्होंने भगवान गणेश जी से प्रार्थना की कि इस मूषक के आतंक को समाप्त किया जाए।
भगवान गणेश जी ने ऋषि की प्रार्थना सुनी और मूषक को अपने नियंत्रण में ले लिया। गणेश जी ने मूषक को सवारी के रूप में स्वीकार किया और अपनी सवारी का भार उसके अनुरूप कर दिया। मूषक ने गणेश जी से विनती की कि वे उसे उसकी वर्तमान स्थिति के अनुसार सवारी करें।
गणेश जी ने मूषक के अनुरोध को स्वीकार किया और अपने भार को चूहे के अनुसार समायोजित कर लिया। इस प्रकार, मूषक गणेश जी का वाहन बन गया और गणेश जी ने उसे सवारी के रूप में अपनाया। इससे मूषक को गणेश जी की कृपा प्राप्त हुई और वह भगवान गणेश के वाहन के रूप में प्रतिष्ठित हुआ।
क्या है मोदक और बप्पा का सम्बंध…इसे खाते ही तृप्त हो गए थे गणेशा और बच गई थी हजारों लोगों की जान?
मूषक के गणेश जी के वाहन बनने के बारे में अन्य पौराणिक कथाएँ भी प्रचलित हैं, जो विभिन्न धार्मिक ग्रंथों और परंपराओं में पाई जाती हैं। इनमें से कुछ कथाएँ गणेश जी और मूषक के बीच की विशेष धार्मिक और दैवीय कड़ी को दर्शाती हैं।
गणेश जी का वाहन चूहा बनने की कथा न केवल धार्मिक आस्था को प्रकट करती है, बल्कि यह हमें यह भी सिखाती है कि प्रत्येक प्राणी के पास अपनी विशेषता और महत्व होता है। गणेश चतुर्थी पर भगवान गणेश जी की पूजा करते समय, हमें इस पौराणिक कथा को याद रखना चाहिए और इसके माध्यम से धर्म और भक्ति की सच्ची भावना को समझना चाहिए। गणेश जी की पूजा में मूषक का महत्व हमें यह सिखाता है कि हर किसी को सम्मान और स्थान मिलना चाहिए, चाहे वह किसी भी रूप में हो।
Disclaimer: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है। पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.