होम / धर्म / कहां रहती है क्या खाती हैं पूरे महाकुंभ के दौरान महिला नागा साधु? हर चीज के पीछे छिपाकर रखती है एक गहरा रहस्य!

कहां रहती है क्या खाती हैं पूरे महाकुंभ के दौरान महिला नागा साधु? हर चीज के पीछे छिपाकर रखती है एक गहरा रहस्य!

BY: Prachi Jain • LAST UPDATED : January 14, 2025, 4:30 pm IST
ADVERTISEMENT

संबंधित खबरें

कहां रहती है क्या खाती हैं पूरे महाकुंभ के दौरान महिला नागा साधु? हर चीज के पीछे छिपाकर रखती है एक गहरा रहस्य!

Mahila Naga Sadhu Mahakumbh 2025: कहां रहती है क्या खाती हैं पूरे महाकुंभ के दौरान महिला नागा साधु

India News (इंडिया न्यूज़), Mahila Naga Sadhu Mahakumbh 2025: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में महाकुंभ 2025 की भव्य शुरुआत हो चुकी है। इस महापर्व में करोड़ों श्रद्धालु गंगा, यमुना और सरस्वती के त्रिवेणी संगम पर स्नान करने के लिए पहुंच रहे हैं। महाकुंभ में साधु-संतों का जमावड़ा हर बार श्रद्धालुओं के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र होता है। इनमें से नागा साधु और महिला नागा साधुओं की उपस्थिति हमेशा रहस्यमय और अद्भुत होती है।

महिला नागा साधुओं का जीवन और रहस्य

महिला नागा साधु कौन होती हैं?

महिला नागा साधु वे साध्वियां होती हैं, जिन्होंने गृहस्थ जीवन को त्यागकर अपना जीवन पूरी तरह भगवान और साधना को समर्पित कर दिया है। वे दुनिया के हर भौतिक बंधन से मुक्त होकर ईश्वर की भक्ति में लीन रहती हैं। नागा साधुओं की तरह ही महिला नागा साधुओं का जीवन भी कठिन साधना और तप से भरा होता है।

पहले की IIT मुंबई से पढ़ाई और अब त्यागा सारा संसार, सन्यासी बन महाकुंभ पहुंचे इन बाबा की कहानी सुन उड़ जाएंगे आपके होश!

महिला नागा साधु बनने की प्रक्रिया

महिला नागा साधु बनने की प्रक्रिया कठिन और अनुशासन से भरी होती है। इसके लिए उन्हें:

  1. ब्रह्मचर्य का पालन: 10 से 15 वर्षों तक कठोर ब्रह्मचर्य का पालन करना होता है।
  2. गुरु की स्वीकृति: गुरु को यह विश्वास दिलाना होता है कि साधिका ईश्वर के प्रति समर्पित है।
  3. पिंडदान: नागा साधु बनने से पहले जीवित रहते हुए पिंडदान और मुंडन करवाना पड़ता है।
  4. शिव और दत्तात्रेय की आराधना: प्रतिदिन सुबह और शाम विशेष आराधना करनी होती है।
  5. कठिन साधना: नागा साधु बनने के लिए हर परीक्षा और नियम का पालन करना अनिवार्य होता है।

मृत इंसान के शरीर का कौन-सा हिस्सा खाना होता है अघोरियों को बेहद पसंद, बाकि के हिस्से संग करते है ऐसा कि…?

महिला नागा साधु का पहनावा और आहार

  • महिला नागा साधु गेरुए रंग के वस्त्र पहनती हैं, जिन्हें “गंती” कहा जाता है।
  • वे कंदमूल, फल, जड़ी-बूटी और पत्तियां खाती हैं। उनका आहार शुद्ध और सात्विक होता है।

महिला नागा साधुओं का स्थान और भूमिका
महिला नागा साधु कुंभ मेले के दौरान शाही स्नान में भाग लेती हैं। उनके लिए अलग अखाड़ों की व्यवस्था की जाती है। इन्हें “माई,” “अवधूतानी,” या “नागिन” के नाम से भी पुकारा जाता है।

Mahakumbh 2025: पितृ दोष से मिल जाएगी 7 पश्तो को मुक्ति जो कर लिए इस महाकुम्भ में ये 5 काम, हर दुःख जाएंगे तर

महिला नागा साधुओं का महत्व

महिला नागा साधु न केवल धार्मिक परंपराओं को निभाती हैं, बल्कि वे साधना और तप के माध्यम से ईश्वर के प्रति अटूट भक्ति का उदाहरण प्रस्तुत करती हैं। उनके जीवन का उद्देश्य समाज को सच्ची साधना और भक्ति का मार्ग दिखाना होता है।

महाकुंभ में महिला नागा साधुओं की उपस्थिति इस पर्व को और भी खास बनाती है। वे न केवल श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करती हैं, बल्कि अपने जीवन और साधना से प्रेरणा भी देती हैं।

तोड़ने पड़ते हैं रिश्ते, क्या शादी के बाद भी बन सकते हैं नागा साधु? ये होते हैं वो रहस्यमयी जीवन!

डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों का हम यह दावा नहीं करते कि ये जानकारी पूर्णतया सत्य एवं सटीक है।पाठकों से अनुरोध है कि इस लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें। इंडिया न्यूज इसकी सत्यता का दावा नहीं करता है।

Tags:

mahila naga sadhuMahila Naga Sadhu Mahakumbh 2025

Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT