Marriage Dates in 2021:
नरेश भारद्वाज
विवाह में लग्न का महत्व और क्यों मिलायी जाती है कुण्डली
इस साल 19 नवंबर से 13 दिसंबर तक केवल 15 मुहूर्त है। इस अबूझ मुहूर्त में भी बड़ी संख्या में लग्न होते है, विशेषकर ग्रामीण क्षेत्रों में विवाह के आयोजन ज्यादा होते है।
ऐसे में देवउठनी एकादशी से शादियां प्रारंभ हो जाएगी। नवंबर-दिसंबर में 15 दिन के शादियों के मुहूर्त में कई जोड़े शादी के बंधन में बंधेंगे।
15 नवंबर को देवउठनी एकादशी से 13 दिसंबर तक विवाह के लिए कुल 15 मुहूर्त होंगे। 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी से शुभकार्य प्रारंभ हो जाते है।
कम मुहूर्त होने के कारण अधिकांश स्थानों पर मैरिज गार्डन, होटल में लोगों को मनचाही तारीख की बुकिंग नहीं मिल रही है। पंडितों के पास भी मुहूर्त की सभी तारीखें बुक हो चुकी है। इस बार शादियों पर कोरोना का अंकुश नहीं लगेगा।
भविष्यवक्ता और कुण्डली विश्ल़ेषक पंडित राज कृष्ण के अनुसार जुलाई में देवशयन होने के बाद 15 नवंबर को देवउठनी एकादशी पर विवाह मुहूर्त के साथ शादियों का दौर फिर शुरू होगा।
नवंबर में 7 और दिसंबर में 15 तारीख के पहले तक विवाह के सिर्फ 8 मुहूर्त ही होंगे। नवंबर-19, 20, 21, 26, 28, 29 व 30 दिसंबर-1, 2, 5, 6, 7, 11, 12 व 13 चार महीने में दो अधिकमास 15 नवंबर को चातुर्मास का समापन होगा।
इसके साथ शुभ कार्य शुरू होगें। 16 दिसंबर 2021 से 13 जनवरी 2022 तक धनु संक्रांति का मलमास रहेगा।
जनवरी 15, 20, 21, 22, 23, 25, 26, 27, 28, 29 फरवरी – 05, 06, 09, 10, 11, 16, 17, 19 और 20 इसके बाद 04 और 09 मार्च को भी शुभ विवाह का योग है।
वहीं, 14, 17, 21 और 22 अप्रैल को भी शादी की तिथि है। इसके अलावा, 11, 12, 18, 20 और 25 मई को भी शुभ विवाह का मुहूर्त है। 16, 10,12 15, 16 और जून के अलावा, 3, 6, 8, 10, 11 और 14 जुलाई को भी शुभ विवाह किया जा सकता है।
इसके बाद फिर नवंबर, 2022 में ही विवाह का मुहूर्त निकलेगा।
पंडित रामराज कौशिक ने बताया कि दुनिया भर में जब से कोरोना आया है, हर व्यक्ति को काफी नुकसान उठाना पड़ा है। ऐसे में उन व्यापारियों को तो खासा नुकसान हुआ है।
जो कि सीजनल व्यापार करते हैं। लेकिन इस बार शादियों के सीजन से मैरिज गार्डन, होटल से लेकर बैंड, ढोल, कैटर्स, हलवाई आदि को काफी उम्मीदें हैं।
हालांकि नवंबर-दिसंबर महीने में सीमित मुहूर्त हैं। ऐसे में होटल, हलवाई आदि लोगों को भारी बुकिंग मिल रही हैं। लेकिन जिनके घर में शादियां हैं। उन्हें मैरिज हॉल की बुकिंग न होने की वजह से अब परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
यही हालात बैंड-बाजों, ढोल, घोड़ी-बग्गी वालों की भी है। उम्मीद है कि इस बार कोरोना के कम होने से लोगों खुले मन से इस सीजन का आनंद ले सकेंगे।
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