Shardiya Navratri 2025 Maa Skandmata: आज शारदीय नवरात्रि का पांचवां दिन है. मां दुर्गा के पांचवें स्वरूप की आज पूजा की जानी है. यह दिन मां स्कंदमाता को समर्पित माना जाता है. यह नाम स्कंद (कार्तिकेय) की माता होने के कारण पड़ा है, शास्त्रो के अनुसार मां स्कंदमाता अपने भक्तों को संतान, सुख और समृ्द्धि प्रदान करती हैं. साथ ही मां की अराधना करने से विवेक और धर्म का ज्ञान बढ़ता है.
मां स्कंदमाता का स्वरूप अत्यंत दिव्य और शांति से पूर्ण माना जाता है. वह सिंह की सवारी करती हैं. साथ ही गोद में पुत्र स्कंद यानी कार्तिकेय को धारण किए होती हैं. इनते चार हाथ होते हैं. जिनमें से दो हाथओं में कमल का पुष्प, एक हाथ आशीर्वाद और एक हाथ में स्कंद को थामे रहती हैं. कमल पर विराजमान होने के कारण पद्मासिनी भी कहलाता है.
नवरात्रि के पांचवें दिन, भक्तों को ब्रह्म मुहूर्त में जल्दी उठना चाहिए, हरे रंग के नए वस्त्र धारण करने चाहिए और मां स्कंदमाता की पूजा करनी चाहिए. पूजा सामग्री भी तैयार करनी चाहिए और पूजा स्थल या मंदिर में दीया जलाना चाहिए. इसके अतिरिक्त, देवी को माला अर्पित करें. उन्हें लाल रंग के फूल प्रिय हैं. भोग के लिए, भक्तों को देवी को केले चढ़ाने चाहिए. केले का हलवा और केले की मिठाई भी चढ़ाई जा सकती है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि इससे देवी प्रसन्न होती हैं. इसके अतिरिक्त, उन्हें फल, मिठाई, मिश्री और हलवा भी चढ़ाया जा सकता है. इस बीच, सामग्री के लिए लाल फूल, अक्षत, बताशा, पान, सुपारी, लौंग, धूप और केले तैयार करें.
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