Anil Kapoor Happy Birthday
Anil Kapoor Happy Birthday: अनिल कपूर भारतीय सिनेमा के उन सितारों में शामिल हैं, जिन्होंने फर्श से अर्श का सफर तय किया है. इंडस्ट्री में हर किसी का अपने तरीके से संघर्ष रहा है, लेकिन अनिल कपूर इस मामले में थोड़े लकी तो थोड़े बदकिस्मत भी रहे. पिता सुरिंदर कपूर निर्माता-निर्देशक थे, लेकिन अनिल कपूर ने एक मामूली एक्टर की तरह रोल हासिल किए. ‘पुकार’ (2000) के लिए राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार पाने वाले अनिल कपूर ने कॉमेडी, ड्रामा, एक्शन और रोमांस जैसे हर जॉनर में काम किया है. उम्र को काम पर कभी हावी नहीं होने देने वाले अनिल कपूर ने खुद को समय के साथ जरूर ढाला है. अनिल कपूर वह इकलौते एक्टर हैं, जिन्होंने बहुत जल्द कैरेक्टर रोल के लिए खुद को तैयार किया. इस स्टोरी में हम जानेंगे अनिल कपूर से जुड़े कुछ रोचक तथ्य.
उम्र में एक्टर जैकी श्रॉफ झकास अभिनेता अनिल कपूर से छोटे हैं. अनिल का जन्म 1956 का है, जबकि जैकी 1957 में पैदा हुए. बावजूद इसके जैकी श्राफ ने ‘राम लखन’ और ‘रूप की रानी चोरों का राजा’ में अनिल कपूर के बड़े भाई का रोल किया है. जैकी श्राफ तो 1988 में विधु विनोद चोपड़ा की फिल्म ‘परिंदा’ में भी अनिल के बड़े भाई का रोल कर चुके थे. 1994 की सुपरहिट फिल्म ‘1942 : अ लव स्टोरी’ में अनिल कपूर चाहते थे कि जैकी श्राफ को उनके बड़े भाई का रोल मिले. वहीं, रघुवीर यादव ने अनिल कपूर के दोस्त का किरदार निभाया था. यह भी रोचक है कि पहले यह रोल शाहरुख खान को ऑफर हुआ था.
‘आवारगी’, ‘तेजाब’ और ‘राम लखन’ इन तीनों फिल्मों में अनिल कपूर के रोल की खास बात यह थी कि ये तीनों टपोरी थे. मशहूर कॉमेडियन ‘द कपिल शर्मा शो’ के शो में बतौर मेहमान पहुंचे अनिल कपूर ने खुद स्वीकार किया था कि बचपन में वो टपोरी की तरह ही रहते थे. ऐसे में जब ये रोल मिले तो आसानी से निभा दिया. अनिल कपूर ने कपिल शर्मा के शो में कहा भी था कि बचपन में वे और उनके दोस्त टपोरियों जैसे ही काम किया करते थे. अनिल कपूर ने बड़ी ही बेबाकी से यह भी कहा था कि उन्होंने तो फिल्म की टिकट्स तक ब्लैक की हैं.
सही मायने में 1986 में आई फिल्म ‘चमेली की शादी’ अनिल कपूर की पहली बॉलीवुड फिल्म थी. इसमें उनके अपोजिट थीं-अमृता सिंह. इसमें अनिल कपूर ने न सिर्फ लीड रोल किया, बल्कि इस फिल्म का टाइटल सॉन्ग भी गाया था. बतौर सिंगर भी अनिल का यह पहला मौका था, लेकिन इसके बाद उन्होंने ऐसा नहीं किया. यह फिल्म चली और सराही गई, लेकिन अनिल कपूर का फिल्मी सफर और संघर्ष दोनों जारी रहे. 1979 में आई फिल्म ‘हमारे तुम्हारे’ से कुछ और पहचान मिली. अनिल कपूर दरअसल, 1983 में ‘वो सात दिन’ में लीड रोल में आए. इसके बाद ‘तेज़ाब’, ‘मिस्टर इंडिया’, ‘राम लखन’ जैसी फिल्मों से स्टारडम पाया. ‘मेरी जंग’ को लोग उनकी चुनिंदा अच्छे सिनेमा में शुमार करते हैं. इसमें अनिल कपूर का रोल लोगों को बहुत पसंद आया था. इसके बाद उन्होंने ‘स्लमडॉग मिलियनेयर’ (2008) और ‘मिशन: इम्पॉसिबल’ (2011) जैसी हॉलीवुड फिल्मों से वैश्विक स्तर पर पहचान बनाई. अमिताभ बच्चन, शाहरुख खान और सलमान खान की तरह उन्होंने भी टीवी पर ’24’ किया. वर्ष 2013 में आया यह सीरियल काफी कामयाब रहा. अमेरिकन टीवी सीरीज ’24’ के आठवें सीजन का प्रमोशन आए अनिल कपूर ने कपिल के शो में जानकारी दी थी कि ‘स्लमडॉग मिलिनेयर’ ने करीब 200-250 अवॉर्ड्स जीते हैं और 2500 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की थी.
बॉलीवुड में 4 दशक से भी ज्यादा समय से एक्टिव अनिल कपूर ने हर तरह के रोल किए हैं. उन्होंने कई फिल्में ऐसी भी की हैं, जिनमें वह डबल रोल तक में नजर आए. हर दौर में शानदार फिल्में देने वाले अनिल कपूर कई बार सपोर्टिंग रोल में भी नजर आए. पिता सुरिंदर कपूर प्रोड्यूसर थे तो घर में फिल्मी माहौल था. सिर्फ 15 साल की उम्र में अनिल कपूर ने एक फिल्म के लिए ऑडिशन दे दिया था और उनका सेलेक्शन भी हो गया था.24 दिसंबर 1956 को मुंबई में जन्में अनिल को बचपन से ही एक्टिंग का शौक था. बताया जाता है कि वह अपने परिवार से बिना बताए फिल्म ‘तू पायल मैं गीत’ फिल्म का ऑडिशन देने चले गए. ऑडिशन में एक्टिंग पसंद आई तो अनिल को शशि कपूर के बचपन का रोल दिया गया. सिर्फ 15 साल की उम्र में फिल्म में काम करने वाले अनिल कपूर ने खुशी में मेकअप तक नहीं उतारा और मेकअप में ही स्कूल भी चले गए. फिल्म की शूटिंग और रोल का जिक्र अनिल स्कूल और अन्य दोस्तों से करते. उधर, दुर्भाग्य यह है कि शशि कपूर अभिनीत फिल्म ‘तू पायल मैं गीत’ के जरिए बॉलीवुड में बतौर चाइल्ड आर्टिस्ट डेब्यू होने का ख्वाब देख रहे अनिल के लिए बुरी खबर आई, क्योंकि यह फिल्म डिब्बे में बंद हो गई.
बहुत कम लोग जानते हैं कि अनिल कपूर के पिता सुरिंदर कपूर फिल्म निर्माता थे. संघर्ष के दिनों में बुरे हालात होते देर ना लगी. गरीबी के दिन आ गए. एक दौर ऐसा आया जब ‘खाने का दाना नहीं और रहने का ठिकाना नहीं’ की नौबत आ गई. हिम्मत टूट रही थी. यह बात भी आम नहीं है कि सुरिंदर कपूर दरअसल शोमैन राज कपूर के पिता और अपने जमाने के दिग्गज एक्टर पृथ्वीराज कपूर के कजिन लगते थे. शुरुआत में सुरिंदर कपूर का परिवार मुंबई आया तो उनके पास रहने के लिए कोई ठिकाना नहीं था. जब यह बात पृथ्वीराज कपूर को पता चली तो उन्होंने अपने कजिन सुरिंदर कपूर को गैराज में गुजारा करने की सलाह दी. बताया जाता है कि उन्होंने इसका कोई किराया भी नहीं लिया. कहते हैं कि हालात बहुत खराब थे और घर में छोटे बच्चे छोटे होने की वजह से परिवार के साथ वह सालों तक उसी गैराज में रहे. अनिल कपूर ने टाइम्स ऑफ इंडिया को दिए एक इंटरव्यू ने कबूल किया था कि राज कपूर की फैमिली का किस तरह से उनके परिवार पर बड़ा एहसान रहा. पृथ्वीराज राज कपूर ने सहारा नहीं दिया होता तो हालात कहां ले जाते? यह तो कल्पना से भी बाहर की बात है.
पिता सुरिंदर कपूर फिल्म डायरेक्टर-प्रॉड्यूसर थे. ऐसे में जाहिर तौर पर घर का माहौल फिल्मी होने से अनिल का रुझान शुरू से एक्टिंग की तरफ रहा. अनिल ने उस समय हिंदी फिल्मों में काम पाने के लिए हाथ-पैर मार रहे थे. लेकिन सच बात तो यह है कि अनिल कपूर की बतौर लीड एक्टर पहली डेब्यू फिल्म ‘वामसा व्रुक्षम’ थी, 1980 में रिलीज हुई यह फिल्म तेलुगु भाषा में थी. यह अलग बात है कि इससे भी पहले अनिल वर्ष 1979 में डायरेक्टर उमेश मेहरा की फिल्म ‘हमारे-तुम्हारे’ में सपोर्टिंग रोल में नजर आ चुके थे. बतौर लीड एक्टर उनकी पहली फिल्म 1983 में आई ‘वो सात दिन’ थी, जिसने उन्हें स्टारडम की ओर बढ़ाया. इस फिल्म के गाने आज भी लोगों को याद हैं. अनिल ने बॉलीवुड में चार फिल्मों ‘हम पांच’, ‘हमारे तुम्हारे’, ‘एक बार कहो’ और ‘शक्ति’ में काम किया था. इनमें रोल छोटे थे, लेकिन लोगों को पसंद आए थे.
अनिल कपूर की चुनिंदा उम्दा फिल्में हैं, जिनमें ‘मिस्टर इंडिया’ का भी नाम है. कहा जाता है कि सबसे पहले यह फिल्म अमिताभ ऑफर की गई थी. खुद डायरेक्टर शेखर कपूर अपनी इस फिल्म ‘मिस्टर इंडिया’ में अमिताभ बच्चन का कास्ट करने का इरादा किया था. फिर किन्हीं वजहों से यह फिल्म अमिताभ नहीं कर सके. फिर इस फिल्म में अनिल को कास्ट कर लिया गया. इसमें कोई शक नहीं है कि अनिल कपूर को काम मिलने का श्रेय बड़े भाई बोनी कपूर को जाता है. वह लगातार अनिल को काम दिलाने का प्रयास करते रहते थे. दरअसल, सलीम-जावेद की जोड़ी उस दौर में हिट थी. वह जिस फिल्म को लिख देते सुपर हिट हो जाती. बताया जाता है कि ‘मिस्टर इंडिया’ की कहानी वर्ष 1980 में लिखी जा चुकी थी. सलीम-जावेद की जोड़ी ने ‘मिस्टर इंडिया’ की स्टोरी को 1980 में ही लिख दिया था.
हैरत की बात यह है कि एक ओर जहां सलीम-जावेद को इस फिल्म की कामयाबी का पूरा भरोसा था तो दूसरी तरफ बॉलीवुड का कोई एक्टर फिल्म में गायब होने यानी स्क्रीन न दिख पाने के लिए तैयार नहीं हो रहा था. इनमें अमिताभ बच्चन और राजेश खन्ना भी थे. दोनों ने इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया था. इसके बाद सलीम और जावेद काफी परेशान भी हुए, क्योंकि उनका मनोबल भी कमजोर पड़ रहा था. बताया जाता है कि फिल्म की स्क्रिप्ट बोनी कपूर के पास गई तो उन्होंने शेखर कपूर को अपने भाई अनिल कपूर का नाम सुझाया. अनिल कपूर को मूवी की स्टोरी अच्छी लगी और वह तुरंत इसमें काम करने के लिए तैयार हो गए थे. इसके बाद फिल्म ने इतिहास रच दिया. 1987 में रिलीज हुई ‘मिस्टर इंडिया’ फिल्म बहुत कामयाब रही. फिल्म में अनिल कपूर और श्रीदेवी की जोड़ी को खूब प्यार मिला. इसके बाद अनिल कपूर और श्रीदेवी की जोड़ी कई फिल्मों में आई.
कई दशकों से सक्रिय अनिल कपूर करोड़ों के मालिक हैं. दौलत और शोहरत हासिल करने वाले अनिल कपूर ने एक से बढ़कर एक फिल्में दी हैं. बॉलीवुड इंडस्ट्री में उन्होंने बहुत पैसे कमाए हैं. लाइफस्टाइल एशिया की रिपोर्ट के मुताबिक, अनिल कपूर की टोटल नेटवर्थ 134 करोड़ रुपये से अधिक है. वह अभी फिल्मों में एक्टिव हैं. ‘एनिमल’ फिल्म में वह रणबीर कपूर के पिता के रोल में नजर आए थे. उनकी एक्टिंग की भी खूब तारीफ हुई थी. वर्तमान में उनकी कमाई का जरिया सिर्फ फिल्मों में एक्टिंग नहीं है बल्कि वह ऐड एंडोर्समेंट, रियलिटी शो और अन्य माध्यमों से भी मोटी कमाई करते हैं. इनमें सबसे बड़ा ऐड है. फैमिली की बात करें तो अनिल कपूर की पत्नी का नाम सुनीता है. दो बेटियां सोनम कपूर (अभिनेत्री) और रिया कपूर (निर्माता) हैं. इस कड़ी में बेटा हर्षवर्धन कपूर भी एक्टर हैं. अनिल कपूर के भाई बोनी कपूर (निर्माता) जबकि संजय कपूर (अभिनेता) हैं. श्रीदेवी के देवर हैं, जो अब इस दुनिया में नहीं है. अनिल कपूर की फैमिली में करीब-करीब सभी एक्टर या एक्सेस हैं.
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