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इंडिया न्यूज, मुंबई:
Bharat Ratan Lata Mangeshkar: देश की दिग्गज सिंगर और स्वर कोकिला लता मंगेशकर (Lata Mangeshkar) पिछले 14 दिनों से मुंबई के ब्रीचकैंडी अस्पताल में एडमिट हैं। फैंस उनके जल्दी से ठीक होने के लिए प्रार्थनाएं कर रहे हैं। बता दें कि लता ने अपने सिंगिंग करियर में अब तक कई भाषाओं में 30 हजार से ज्यादा गाने गा चुकी हैं। हालांकि, लताजी के लिए यहां तक पहुंचने का सफर इतना आसान भी नहीं था। दरअसल, एक शख्स ने तो उनकी आवाज को पतला बताते हुए गाना गवाने से ही मना कर दिया था। शुरूआत में बहुत से लोगों ने लताजी की आवाज को पतली और कमजोर बताकर खारिज कर दिया था।
लेकिन लता भी धुन की पक्की थीं, उन्होंने सबकी बताई गलतियों से सबक लिया और दुनिया में अपनी अलग ही पहचान बनाई। लताजी की आवाज को पतली बताने वाले पहले इंसान थे मशहूर फिल्मकार एस मुखर्जी। एक बार लताजी के गुरु गुलाम हैदर साहब ने फिल्ममेकर एस मुखर्जी को दिलीप कुमार और कामिनी कौशल की फिल्म शहीद के लिए लता की आवाज सुनाई। मुखर्जी ने पहले तो बड़े ध्यान से उनका गाना सुना और फिर कहा कि वो इन्हें अपनी फिल्म में काम नहीं दे सकते क्योंकि उनकी आवाज कुछ ज्यादा ही पतली है।
Facts of Lata Mangeshkar गुलाम हैदर ने लताजी को पहला ब्रेक दिया था
वहीं एक बार लताजी के गुरु गुलाम हैदर साहब, खुद लता मंगेशकर और दिलीप कुमार मुंबई की लोकल ट्रेन से कहीं जा रहे थे। ऐसे में हैदर ने सोचा कि क्यों ना दिलीप कुमार को लता की आवाज सुनाई जाए और शायद इसके बाद उन्हें कोई काम मिल जाए। फिर लता ने जैसे ही गाना शुरू किया तो दिलीप कुमार ने उन्हें टोकते हुए कहा कि मराठियों की आवाज से दाल-भात की गंध आती है। उनका इशारा लता के उच्चारण पर था। इसके बाद लता ने हिंदी और उर्दू सीखने के लिए एक टीचर रखा और अपना एक्सेंट सही किया था।
बता दें कि लता मंगेशकर जब 33 साल की थीं, तब उन्हें जहर देकर मारने की कोशिश की गई थी। लता की करीबी मित्र पद्मा सचदेव की किताब ‘ऐसा कहां से लाऊं’ में भी इस बात का जिक्र है। यह घटना 1963 की है, जब लताजी को लगातार उल्टियां हो रही थीं। डॉक्टर ने जांच के बाद बताया कि उन्हें धीमा जहर दिया गया है। हालांकि, बाद में खुद लता मंगेशकर ने इस कहानी के पीछे से पर्दा हटाया था। लताजी ने एक बातचीत में कहा था- हम मंगेशकर्स इस बारे में बात नहीं करते। क्योंकि यह हमारी जिंदगी का सबसे भयानक दौर था।
मुझे इतनी कमजोरी महसूस होने लगी थी कि मैं बिस्तर से बड़ी मुश्किल से उठ पाती थी। जब लताजी से पूछा गया था कि क्या ये सच है कि डॉक्टर्स ने उन्हें कह दिया था कि वे दोबारा कभी नहीं गा पाएंगी? इसके जवाब में लताजी ने कहा- ये बात सही नहीं है। ये एक काल्पनिक कहानी है, जो मुझे दिए जाने वाले धीमे जहर के इर्द-गिर्द बुनी गई है। बता दें कि लता मंगेशकर 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी हैं।
लता के अलावा उनकी बहनें मीना, आशा, उषा और भाई हृदयनाथ मंगेशकर हैं। महज 5 साल की उम्र से ही लता ने गाना सीखना शुरू कर दिया था, क्योंकि पिता दीनदयाल रंगमंच के कलाकार थे। लता को संगीत की कला विरासत में मिली थी। साल 2011 में लता जी ने आखिरी बार सतरंगी पैराशूट गाना गाया था, उसके बाद से वो अब तक सिंगिग से दूर हैं।
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