College Romance FIR: दिल्ली उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया कि टीवीएफ वेब सीरीज ‘कॉलेज रोमांस’ जिसकी स्ट्रीमिंग ओवर द टॉप (ओटीटी) प्लेटफॉर्म पर की गई है उसमें इस्तेमाल की जाने वाली भाषा अश्लील, अभद्र और अश्लील है जो युवाओं के दिमाग को दूषित और खराब करेगी। न्यायमूर्ति स्वर्ण कांता शर्मा ने कहा कि उन्हें चैंबर में ईयरफोन की मदद से शो के एपिसोड देखने पड़े क्योंकि जैसा अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया गया है उसे आसपास के लोगों को सुनाया नहीं जा सकता।
एकल-न्यायाधीश ने फैसला सुनाया कि टीवीएफ शो के निर्देशक सिमरप्रीत सिंह और अभिनेता अपूर्वा अरोड़ा पर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) अधिनियम की धारा 67 (प्रकाशन या प्रसारण, इलेक्ट्रॉनिक रूप में, कोई भी सामग्री जो कामुक है) और 67ए (प्रकाशन या प्रकाशन के लिए सजा) के तहत कार्रवाई की जाए। अदालत ने अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट (एसीएमएम) के उस आदेश को बरकरार रखा जिसमें दिल्ली पुलिस को तीनों आरोपियों के खिलाफ प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) दर्ज करने का आदेश दिया गया था।
एसीएमएम कोर्ट ने पुलिस को आईटी अधिनियम की धारा 67 और 67ए और भारतीय दंड संहिता की धारा 292 (अश्लील किताबों, पर्चे, कागज, लेखन, ड्राइंग, पेंटिंग, प्रतिनिधित्व, आकृति या किसी अन्य वस्तु की बिक्री आदि), और 294 ( सार्वजनिक रूप से अश्लील कार्य) के तहत एफआईआर दर्ज करने का निर्देश दिया था।
न्यायमूर्ति शर्मा ने कहा कि व्यक्तिगत स्वतंत्रता के नाम पर ऐसी भाषा को देश, युवाओं और शैक्षणिक संस्थानों का दुनिया में बड़े पैमाने पर प्रतिनिधित्व करने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। शो में इस्तेमाल की जाने वाली भाषा एक आम आदमी के मनोबल शालीनता की परीक्षा में पास नहीं होती है। अदालत अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश (एएसजे), एसीएमएम के एक आदेश को चुनौती देने याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी।
एसीएमएम ने पुलिस को याचिकाकर्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 292 और 294 और आईटी एक्ट की धारा 67 और 67ए के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का निर्देश दिया था। इसे एएसजे के समक्ष चुनौती दी गई जिन्होंने आईपीसी की धाराओं को हटा दिया लेकिन पुलिस को आईटी अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।
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