होम / 1st Navratri Maa Shailputri Ki Katha

1st Navratri Maa Shailputri Ki Katha

Sunita • LAST UPDATED : March 24, 2022, 8:09 pm IST

1st Navratri Maa Shailputri Ki Katha: नवरात्र के 9 दिन भक्ति और साधना के लिए बहुत पवित्र माने गए हैं। इसके पहले दिन शैलपुत्री की पूजा की जाती है। शैलपुत्री हिमालय की पुत्री हैं। हिमालय पर्वतों का राजा है। वह अडिग है, उसे कोई हिला नहीं सकता। जब हम भक्ति का रास्ता चुनते हैं तो हमारे मन में भी भगवान के लिए इसी तरह का अडिग विश्वास होना चाहिए, तभी हम अपने लक्ष्य तक पहुंच सकते हैं।

नवरात्रि के पहले दिन कलश स्थापना के बाद मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। दुर्गासप्तशती का पाठ किया जाता है। बता दें कि पुराणों में कलश को भगवान गणेश का स्वरुप माना गया है इसलिए नवरात्रि में पहले कलश पूजा की जाती है। यही कारण है कि नवरात्र के पहले दिन शैलपुत्री की पूजा की जाती है।

1st Navratri Maa Shailputri Ki Katha

1st Navratri Maa Shailputri Ki Katha

नवरात्रि के पहले दिन मां शैलपुत्री की पूजा विधि-विधान के साथ की जाती है। मां का वाहन वृषभ है। मां शैलपुत्री को हिमालयराज पर्वत की बेटी कहा जाता है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा है, एक बार प्रजापति दक्ष ने यज्ञ के दौरान सभी देवताओं को आमंत्रित किया। उन्होंने भगवान शिव और सती को निमंत्रण नहीं भेजा। लेकिन सती बिना निमंत्रण भी यज्ञ में जाने को तैयार थी।

ऐसे में भगवान शिव ने उन्हें समझाया कि बिना निमंत्रण यज्ञ में जाना ठीक नहीं। लेकिन सती नहीं मानी तो भगवान शिव ने उन्हें जाने की इजाजत दे दी। सती पिता के यहां बिना निमंत्रण पहुंच गई और उन्हें वहां बिना बुलाए मेहमान वाला व्यवहार ही झेलना पड़ा। उनकी माता के अलावा सती से किसी ने भी सही से बात नहीं की।

बहनें भी यज्ञ में उपहास उड़ाती रहीं। इस तरह का कठोर व्यवहार और अपने पति का अपमान वे बर्दाश नहीं कर सकीं और क्रोधित हो गईं और इसी क्षोभ, ग्लानि और क्रोध में आकर उन्होंने खुद को यज्ञ में भस्म कर दिया। जैसे ही ये समाचार भगवान शिव को मिला उन्होंने अपने गणों को दक्ष के भेजा और उनके यहां चल रहा यज्ञ विध्वंस करा दिया। अगले जन्म में उन्होंने हिमालय की पुत्री के रूप में जन्म लिया इसलिए उन्हें शैलपुत्री कहा जाता है और नवरात्रि के पहले दिन शैलपुत्री मां की पूजा की जाती है।

माता शैलपुत्री की आरती  Mata Shailputri Ki Aarti 

1st Navratri Maa Shailputri Ki Katha

शैलपुत्री मां बैल पर सवार, करें देवता जय जयकार।

शिव शंकर की प्रिय भवानी। तेरी महिमा किसी ने ना जानी।।

पार्वती तू उमा कहलावे। जो तुझे सिमरे सो सुख पावे।

ऋद्धि-सिद्धि परवान करे तू। दया करे धनवान करे तू।।

सोमवार को शिव संग प्यारी। आरती तेरी जिसने उतारी।

उसकी सगरी आस पुजा दो। सगरे दुख तकलीफ मिला दो।।

घी का सुंदर दीप जला के। गोला गरी का भोग लगा के।

श्रद्धा भाव से मंत्र गाएं। प्रेम सहित फिर शीश झुकाएं।

जय गिरिराज किशोरी अंबे। शिव मुख चंद्र चकोरी अंबे।।

Read Also: Happy Navratri 2022 Messages in Hindi

Read Also: Happy Baisakhi 2022 Messages

Connect With Us : Twitter | Facebook Youtube

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT