Dhanteras 2022 Ayodhya: ‘तमसो मा ज्योतिर्गमय’ अर्थात् अंधकार से प्रकाश की तरफ ले जाने वाला, दीपावली वही पावन त्योहार है। वैसे तो भारतीय परंपराओं और मान्यताओं के अनुसार सनातन धर्म में हर दिन ईश्वर की आराधना की जाती है। लेकिन दीपावली को लेकर देशभर में एक अलग ही उत्साह रहता है। क्योंकि दीपावली का उत्सव 5 दिनों तक मनाया जाता है।
इस पर्व की शुरुआत धनतेरस से होती है और इस बार 27 साल बाद शुभ नक्षत्रों का धनतेरस पर संयोग बन रहा है। धनतेरस के दिन मां लक्ष्मी और भगवान गणेश का मूर्ति लाना शुभ माना जाता है। साथ ही उसी दिन नए सामान यानी बर्तन, सोना, चांदी इत्यादि खरीदना शुभ होता है। इस साल 2 दिन तक धनतेरस के मौके पर सामानों की खरीददारी की जा सकेगी। इस दिन भगवान धन्वंतरी की विधि-विधान पूर्वक पूजा-अर्चना की जाती है। यहां जानिए ज्योतिषाचार्य के अनुसार।
ज्योतिषाचार्य पंडित कल्कि राम बताते हैं कि अबकी बार धनतेरस पर 27 साल बाद शुभ नक्षत्रों का संयोग बन रहा है। भगवान धन्वंतरि का प्रदुर्भाव इस दिन हुआ था। माता लक्ष्मी भी इसी दिन प्रकट हुई थीं। इसलिए धनतेरस का यह पर्व माता लक्ष्मी के प्रतीक रूप में मनाते हैं।
आपको बता दें कि धनतेरस पर 22 अक्टूबर शाम 6:30 से धन चतुर्थी का आरंभ हो रहा है। जो 23 अक्टूबर शाम 6:03 तक रहेगा। इसलिए अबकी बार धनतेरस का ये महापर्व 2 दिन मनाया जाना है। क्योंकि, सनातन धर्म में आरंभ होने वाले उदया तिथि को माना जाता है। इसलिए अबकी बार धनतेरस में साईं काल में 2 दिन तक खरीदारी कर सकते हैं। इसके बाद रविवार को दीपावली है। उस दिन एक ऐतिहासिक सूर्य ग्रहण भी पड़ रहा है। इसलिए ये धनतेरस कई मायनों में बहुत महत्वपूर्ण है। संपूर्ण सनातन समाज के लिए कल्याणकारी है। इस दिन पूजा पाठ करने के साथ-साथ हनुमान चालीसा का पाठ जरुर करें।
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