What is Rage Rooms
What is Rage Rooms: रेज रूम जिन्हें ‘स्मैश रूम’ या फिर जिसे दूसरे शब्दों में ‘डिस्ट्रक्शन थेरेपी’ भी कहा जाता है, एक ऐसा सुरक्षित और नियंत्रित स्थान हैं, व्यक्ति वस्तुओं को तोड़कर अपना गुस्सा और तनाव पूरी तरह से बाहर निकाल देता है.
दरअसल, रेज रूम का विचार सबसे पहले जापान में साल 2008 में इसकी शुरुआत की गई थी. यह विचार जल्द ही व्यवसायीकरण (Commercialised Catharsis) के रूप में अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, यूरोप और एशिया में तेज़ी से फैलता चला गया. जहां, उच्च तनाव वाली आधुनिक जीवनशैली, काम का दबाव, सामाजिक मीडिया का तनाव और ‘गुस्से को दबाने’ की सामाजिक अपेक्षा ने इन कमरों को एक भावनात्मक आउटलेट के रूप में पूरी तरह से बदल दिया.
इसके अलावा रेज रूम को पांरपरिक चिकित्सा का विकल्प तक भी नहीं माना जाता है, लेकिन यह एक ‘कैथार्टिक रिलीज’ (Cathartic Release) देने का काम करते हैं, जिससे इंसान का तनाव और गुस्सा पूरी तरह से बाहर निकल जाता है.
भारत में देखते ही देखते रेज रूम का चलन तेजी से बढ़ता जा रहा और यह खासकर युवाओं और छात्रों के बीच इसको लेकर उत्साह ज्यादा देखने को मिलता है. इसके अलावा मध्य प्रदेश के इंदौर में ‘कैफे भड़ास’ को भारत का पहला एंगर मैनेजमेंट कैफे माना जाता है, जिसकी शुरुआत साल 2017 से की गई थी. आज, भारत के प्रमुख शहरों में रेज रूम आउटलेट खुल चुके हैं, जो ‘आधुनिक बर्नआउट’ को अपनी तरफ तेज़ी से आकर्षित करने में जुटे हुए हैं.
इसके साथ ही ये अब बेंगलुरु, मुंबई, दिल्ली, चेन्नई, हैदराबाद, पुणे, कोलकाता, सूरत और कई अन्य शहरों में भी तेज़ी से खुलते जा रहे हैं. Rageroom.in जैसे प्लेटफॉर्म भारत में ‘इमोशनल रिलीज़ एक्सपीरियंस’ को लगातार बढ़ावा दे रहे हैं और इसे वेलनेस स्पेस में एक नवीन स्टार्टअप के रूप में पहचान मिली है.
स्क्रीम क्लब रेज रूम से बेहद ही अलग होता है. स्क्रीम क्लब ऐसे संगठित समूह होते हैं, जहां लोग तनाव और गुस्सा को मुक्त करने के लिए सार्वजनिक स्थानों पर मिलते हैं और एक साथ ज़ोर से चिल्लाते (Scream) हैं. यह शारीरिक रूप से चीजों को तोड़ने के बजाय मौखिक (Vocal) रूप से भावनाओं को बाहर निकालने पर केंद्रित है.
क्योंकि, ‘लोकप्रियता’ को अक्सर ग्राहक संख्या और मीडिया कवरेज से तोला जाता है, भारत में सबसे चर्चित और स्थापित कुछ रेज रूम ब्रांड/लोकेशन कुछ इस प्रकार के हैं. रेज रूम (बेंगलुरु), रेज रूम (मुंबई), रेज रूम दिल्ली (लाजपत नगर), द रेज रूम और स्प्लैश रूम (हैदराबाद), कैफ़े भड़ास (इंदौर).
शुरुआत में यह गतिविधि दोनों लिंगों के लिए थी, लेकिन वैश्विक और भारतीय रिपोर्टों से अब यह सामने आया है कि इस आउटलेट का इस्तेमाल करने वालों में महिलाओं की संख्या काफी तेज़ी से बढ़ती जा रही है. हांलाकि, कुछ विशेषज्ञों के मुताबिक, समाज पुरुषों के गुस्से को ज्यादा स्वीकार करता है, जबकि महिलाओं को ‘सभ्य’ और ‘शांत’ बने रहने का दबाव पहले से दिया जाता है. रेज रूम महिलाओं को बिना किसी निर्णय (Judgment) के अपने तनाव को बाहर निकालने का एक सुरक्षित स्थान है.
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