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Acharya NG Ranga Jayanthi विज्ञान और प्रौद्योगिकी की नई तकनीकों से होगा कृषि का विकास

Amit Sood • LAST UPDATED : November 7, 2021, 5:12 pm IST

इंडिया न्यूज, चंडीगढ़।
Acharya NG Ranga Jayanthi राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने कहा कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी की नई तकनीकों का प्रयोग कर कृषि व संबंधित क्षेत्रों में और अधिक विकास किया जा सकता है। इससे कृषि उत्पादन बढ़ने के साथ-साथ किसानों की आय में भी हिजाफा होगा। दत्तात्रेय रविवार को राजभवन में आचार्य एनजी रंगा की 121वीं जयंती के अवसर पर वर्चुअल रूप से आयोजित किसान और वैज्ञानिक बातचीत विषय पर कार्यशाला में अध्यक्षीय संबोधन कर रहे थे।

आचार्य एनजी रंगा की मूर्ति पर माल्यार्पण (Acharya NG Ranga Jayanthi)

राज्यपाल ने राजभवन में आयोजित वर्चुअल कार्यशाला में आचार्य एनजी रंगा की मूर्ति के समक्ष दीप प्रज्जवलित और मूर्ति पर माल्यार्पण कर कार्यशाला का शुभारंभ किया। उन्होंने आचार्य रंगा को याद करते हुए कहा कि वे एक किसान शिक्षक, लेखक समाज सुधारक और सुलझे हुए सांसद थे। वे किसान-कुली-कारीगर का भला चाहते थे और यह सिद्धांत उनके विचारों में शुमार था। राज्यपाल दत्तात्रेय ने कहा कि आचार्य एनजी रंगा कृषि विश्वविद्यालय हैदराबाद, किसानों व अन्य हितधारकों को कृषि व इससे संबंधित क्षेत्रों में विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी का स्थान्तरण करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। इसके साथ-साथ इस विश्वविद्यालय ने जैविक खेती को बढ़ावा देने में भी सराहनीय कार्य किया है, जिसे आंध्र प्रदेश और तेलंगाना के साथ अन्य राज्यों के किसानों ने अपनाया है।

मोदी किसानों के कल्याण के लिए गंभीर (Acharya NG Ranga Jayanthi)

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी किसानों के कल्याण के लिए बेहद गंभीर हैं। पीएम किसान योजना के तहत अभी तक 1.38 लाख करोड़ रुपए की राशि किसानों के खातों में डाली गई है। जिससे करोड़ो छोटे और सीमांत किसानों को लाभ हुआ है। विगत अगस्त माह में 19500 करोड़ रुपए की राशि 9 करोड़ 75 लाख किसानों के खातों में डाली गई है। इसके साथ-साथ प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, संस्थागत ऋण, यूरिया की नीम कोटिंग, कृषि संरचना कोष (एआईएफ), सूक्ष्म सिंचाई कोष, ई-एनएएम विस्तार, कृषि उपज रसद में सुधार, किसान रेल की शुरुआत भी शुरू की गई है। दत्तात्रेय ने कहा कि कृषि क्षेत्र में नई टैक्नोलोजी, हाईब्रीड बीज उपलब्ध करवाने व जैविक खेती को बढ़ावा देने में देश के कृषि विश्वविद्यालायों की भूमिका अति सराहनीय है। उन्होंने हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय हिसार का जिक्र करते हुए कहा कि इस विश्वविद्यालय द्वारा भारत का पहला इलेक्ट्रिक ट्रैक्टर विकसित किया गया है। इसके साथ-साथ विश्वविद्यालय द्वारा खेती की नई तकनीक व उन्नत बीज भी विकसित किए जा रहे हैं। उन्होंने वैज्ञानिकों को खाद्य उत्पादन और उवर्रकों में देश को आत्मनिर्भर बनाने में बधाई दी और किसानों को सलाह दी कि वें कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सुझाए बीजों व उवर्रकों का ही प्रयोग करें जिससे उत्पादन के साथ-साथ उनकी आय भी बढ़ेगी।

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