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गुटों में बटी हरियाणा कांग्रेस में कलह चरम पर, सैलजा ने की इस्तीफे की पेशकश

Amit Gupta • LAST UPDATED : April 11, 2022, 6:12 pm IST
पवन शर्मा । चंडीगढ़।
खेमों बंटी कांग्रेस (conflict in haryana congress selja offers to resign) का संकट कम होने का नाम नहीं ले रहा है। सोमवार को कांग्रेस की हरियाणा अध्यक्ष कुमारी सैलजा (haryana congress president kumari selja) ने अपने पद से इस्‍तीफे की पेशकश हाईकमान (congress high command) से की है। इसकी सबसे बड़ी सैलजा को अध्यक्ष पद से किसी भी समय हटाने को माना जा रहा है। पंजाब तथा उत्तराखंड में बदलाव के बाद यह तय है कि हरियाणा में भी बड़े बदलाव के संकेत हैं। इसमें अध्यक्ष के साथ साथ सीएलपी लीडर भी शामिल हैं।

सैलजा की हाईकमान से गुहार: हटाने की बजाए इस्तीफा हो स्वीकार

कांग्रेस संगठन में भाारी बदलाव की हवा अब हरियाणाा में भाी जाेर से चलने लगी है। बताया जा रहा है कि एक सप्ताह के अंतराल में प्रदेश संगठन में अमूल चूल परिवर्तन होने जा रहा है। पंजाब व उत्तराखंड में बदलाव के बाद हरियाणा में इसकी आहट सुनकर वतर्मान प्रदेश अधयक्षा कुमारी सैलजा भी आलाकमान के दरबार में जा धमकी।
सूत्राें की मानें ताे सैलजा पद छाेड़ने काे तैयार है लेकिन उनका कहना है कि उन्हे धक्के से हटाना मंजूर नहीं है। वे चाहती हैं पहले उनका इस्तीफा स्वीकार किया जाए इसके बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी में एडजस्ट कर दें उसके बाद भले ही किसी काे भी हरियाणा का मुखिया बना दें।

दीपेंद्र का नाम सोशल मीडिया में उछला

जैसे ही सैलजा के इस्तीफे का समाचार फैला तो साथ साथ में नए अध्यक्ष पद पर दीपेंद्र (deepender singh hooda) की ताजपोशी होने की अफवाह भी खूब फैली। इसके अलावा कुलदीप बिश्नोई को सीएलपी लीडर बनाने की झंडी हाईकमान ने दे दी है यह भी चल रही है। मगर कांग्रेस के बड़े नेताओं का कहना है कि अभी ऐसा कुछ नहीं हैं। सभी बातें केवल हवा में ही फैलाई जा रही हैं। हकिकत  यह है कि कांग्रेस हाईकमान ने क्या फैसला करना है इसको किसी काे भी इलम नहीं है।

आधा दर्जन गुटों बंटी कांग्रेस में टकराव नहीं हो रहा कम

इसमें कोई  दाेराय नहीं कि हरियाणाा में कांग्रेस गुटाें में बंटी हुई है। देसवाली बैल्ट की बात करें ताे भुपेंद्र सिंह हुड्डा, अहिरवाल में कैपटन अजय यादव, जीटी बैल्ट पर रणदीप सुरजेवाला, हिसार में कुलदीप बिश्नोई व भिवानी में किरण चाैधरी अपना अपना खेमा लेकर बैठे हैं।
कुमारी सैलजा प्रदेशााधयक्ष के रूप में करीब दाे साल से काबिज ताे है लेकिन प्रदेश कांग्रेस में उनकी आवाज शायद ही कोई बड़ा नेता सुनता होगा। इसका उदाहरण हाल ही में मंहगाई काे लेकर प्रदर्शन में भी देखने काे मिला। लगभाग दाे दजर्न विधायकाें का खेमा प्रदर्शन से दूर रहा।

कई दिनों से चल रही है बदलाव की मांग

अब कांग्रेस में बदलाव की मांग तेजी से उठी है। अगर यह बदलाव हाेता है ताे यह अशाेक तंवर के बाद दूसरे दलित की बलि हाेगी। बदलाव के कयास काे इसलिए भी हवा मिली की भाजपा ने हाल ही में उत्तर प्रदेश सहित गोवा, उत्तराखंड व मणीपुर में पचास  से कम उम्र के नेताओं को सीएम बनाया है।
इसी राह पर चलते हुए कांग्रेस ने पंजाव व उत्तराखंड में जवान प्रदेशााधय दे दिए। इस बात को देखकर ही हरियाणाा में भी पचास से कम उम्र के नेता को अधयक्ष बनाने की बात उठी ताे सभी गुटों के कान खड़े हाे गए। सभी ने आनन फानन में दिल्ली की ओर अपनी गाड़ी का एक्सीलेटर दबा दिया। वतर्मान में सभाी खेमाें काे पड़ाव दिल्ली में है।
पुखता सूत्राें की मानें ताे कुमारी शैजा के साथ रणदीप सुरजेवाला, किरण चौधरी व कैप्टन अजय ने सुर मिलाया है। ये खेमा अपना अधयक्ष चाहता है। हुड्डा खेमा अपने दाे दजर्न विधायकाें के साथा ताल ठाेक रहा है। कुलदीप बिश्नोई ने करनाल में रैली की ताल ठाेक एकला चलाे की रणनिति अपना रखी है मगर दाेनाें में खेमाें में उनकी आवाजाही बताई जा रही है।

हुड्डा काे जी23 के नेताओं का साथ देना पड़ सकता है भारी

पूर्व सीएम भुपेंद्र सिंह हुड़डा को जी 23 का साथ देने का भय अब सताने लगा है। कांग्रेस हाईकमान की बात की जाए तो किसी से सोनिया नाराज है ताे किसी से राहुल। इसी ऊहापाेह में बदलाव की बयार जरूर तेजी से चल निकली है मगर ऊंट किस करवट बैठेगा यह कहा नहीं जा सकता।
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