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BAPS Mandir: कौन है वो भगवान जिनके लिए बन रहा अबूधाबी में पहला हिंदू मंदिर? जानिए कहानी

BY: Simran Singh • LAST UPDATED : February 15, 2024, 8:06 am IST
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BAPS Mandir: कौन है वो भगवान जिनके लिए बन रहा अबूधाबी में पहला हिंदू मंदिर? जानिए कहानी

BAPS Mandir

India News (इंडिया न्यूज़), BAPS Mandir, दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा अबूधाबी के पहले हिंदू मंदिर का 14 फरवरी को उद्घाटन किया गया। यह मंदिर अपने आप में ही काफी भाव है और दुनिया भर के लोगों के लिए आकर्षण का केंद्र बन चुका है। बोचासनवासी अक्षर पुरुषोत्तम स्वामीनारायण संयुक्तयुक्त अरब अमीरात में पहले हिंदू मंदिर को बनाया जा रहा है। यह मंदिर भगवान स्वामीनारायण को समर्पित किया गया है। स्वामीनारायण का यह मंदिर अबूधाबी के अलावा कई और देश में भी मौजूद है, इसके साथ ही बता दे कि भगवान स्वामीनारायण परब्रह्म मानकर उनकी उपासना की जाती है। ऐसे में यह जानना दिलचस्प होगा कि कौन है स्वामीनारायण।

उत्तर प्रदेश में हुआ था स्वामीनारायण का जन्म

हिंदू धर्म काफी ज्यादा बड़ा और अद्भुत धर्म है। जिसमें कई संप्रदाय शामिल है। वहीं हिंदू संप्रदाय में एक संप्रदाय स्वामीनारायण संप्रदाय भी है। इस संप्रदाय की स्थापना भगवान स्वामीनारायण द्वारा की गई थी। जिनका जन्म 3 फरवरी 1781 को उत्तर प्रदेश के अयोध्या में हुआ था। इसके साथ ही बता दे की स्वामीनारायण को सहजानंद स्वामी के नाम से भी जाना जाता है। वही उनके पिता का नाम श्री हरिप्रसाद और माता का नाम भक्तिदेवी था। उनका नाम घनश्याम भी रखा गया था। स्वामीनारायण के बारे में यह भी कहा जाता है कि उनके पैरों में कमल का चिन्ह बना हुआ था। जिस वजह से ज्योतिषों ने कहा था कि यह बालक लाखों लोगों के जीवन को सही दिशा की ओर ले जाएगा।

कम उम्र में किया शास्त्रों का अध्ययन

स्वामीनारायण ने 5 साल की उम्र में अध्ययन शुरू कर दिया था। वहीं 8 साल में जनेऊ संस्कार भी पूरा किया। उन्होंने शास्त्र का अध्ययन करना शुरू कर दिया ऐसा कहा जाता है कि बहुत ही कम उम्र में ही वह शास्त्रों का अध्ययन कर रहे थे। अल्पायु में ही वह घर छोड़कर देश भ्रमण के लिए निकल गए थे और भ्रमण के दौरान मिले लोगों के साथ वह सत्संग करते और प्रवचन किया करते थे। उनकी ख्याति इस तरह से तेजी से फैलने लगी और उनके अनुयायियों की संख्या भी बड़ी।

कैसे हुई स्वामीनारायण संप्रदाय की स्थापना

बताया जाता है कि जहां-जहां ज्ञान और अध्यात्म के अलख जगाने के दौरान वह गुजरते थे। वहीं से वह स्वामीनारायण संप्रदाय की स्थापना भी करते थे। स्वामीनारायण संप्रदाय और इस संप्रदाय के अनुयायियों की जरिए उन्होंने समाज में फैल रहे कुर्ता को दूर करने की कोशिश की उन्होंने विभिन्न प्रकृति आपदाओं में राहत कार्य भी करें। उनकी सेवा भाव की वजह से लोग उन्हें भगवान का अवतार मानने लगे।

आखिर में बता दे कि भगवान स्वामीनारायण ने अपने शिष्यों को दार्शनिक सिद्धांतों, नैतिक मूल्य, अनुष्ठानों आदि की शिक्षा दी थी। इस संप्रदाय के अंदर कई गुरु होते हैं। जिन्होंने भगवान स्वामी नारायण के आध्यात्मिक की विरासत को आगे बढ़ रहे हैं। वही बता दे कि भगवान स्वामी नारायण के तीसरे आध्यात्मिक उत्तराधिकारी शास्त्री जी महाराज ने 1907 में बीएपीएस स्वामीनारायण संस्था की स्थापना की थी। जिसके जरिए दुनिया भर में मंदिरों की स्थापना की जा रही है। इस संस्था ने दुनिया भर में 1200 से ज्यादा हिंदू मंदिर बनाए हैं। साथ ही बीएपीएस को कई राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पुरस्कारों से भी सम्मानित किया गया है।

 

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