Cause Of Brain Hemorrhage क्या नहाने का भी कोई सही तरीका होता है? क्या गलत तरीके से नहाने की वजह से ब्रेन स्ट्रोक, हार्ट अटैक या लकवे जैसी गंभीर परिस्थतियों का सामना करना पड़ सकता है? क्या शॉवर का पानी सीधे सिर पर पड़ने से किसी की जान भी जा सकती है। आय दिन हमको डराने वाले ऐसे तमाम सवाल हमारे जहन को परेशान करने लगते हैं। ऐसे में, यह जानना बेहत जरूरी हो जाता है कि ये सवाल कितने वाजिब हैं।
नहाने के तरीके को लेकर खड़े इन तमाम सवालों को लेकर दिल्ली के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट ने कई जानकारियां दीं। इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ.विनीत सूरी के अनुसार, यह बात सही है कि नहाते वक्त कई बार ब्रेन स्ट्रोक या हार्ट अटैक के मामले देखने को मिलते हैं। लेकिन, यह कहना बिल्कुल गलत है कि गलत तरीके से नहाने के चलते ब्रेन स्टोक या हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थिति उत्पन्न हो सकती है।
अभी तक मेडिकल साइंस में इस तरह की कोई थ्योरी सामने नहीं आई हैं। जहां तक नहाते वक्त या बाथरूम में इस तरह के गंभीर अटैक की बात है तो उसका कारण गलत तरीके से नहाना नहीं, बल्कि ठंड के एक्सपोजर के चलते कोल्ड स्ट्रोक है।
डॉ. विनीत सूरी ने बताया कि हमारे शरीर का एक थर्मोरेगुलेशन सिस्टम है, जो शरीर के आंतरिक तापमान के संतुलन को बनाने का काम करता है। सर्दी के मौसम में ठंड की वजह से शरीर में कुछ बदलाव आते हैं, जिसकी वजह थर्मोरेगुलेशन सिस्टम कमजोर हो होता है। कमजोर थर्मोरेगुलेशन के चलते शरीर को वॉसोकंस्ट्रिक्शन की स्थिति का सामना करना पड़ता है। जिसकी वजह से, त्वचा में खून की नलियां सिकुडने लगती है। थर्मोरेगुलेशन और वॉसोकंस्ट्रिक्शन के चलते ब्लड प्रेशर बढ़ता है और कई बार स्ट्रोक जैसी गंभीर स्थिति खड़ी हो जाती है।
डॉ. राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अजय चौधरी के अनुसार, मेडिकल साइंस में अभी तक नहाने के सही या गलत तरीके की चर्चा नहीं की गई है। अभी तक ऐसा कोई मामला या केस स्टडी देखने को भी नहीं मिली है, जिसमें सिर में पानी डालने की वजह से ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन हेमरेज हुआ हो।
उन्होंने बताया कि ठंड में शरीर के कमजोर थर्मोरेगुलेशन और वॉसोकंस्ट्रिक्शन की वजह से ब्लडप्रेशर बढ़ता है और यही ब्लड प्रेशर कई बार ब्रेन हेमरेज की वजह बन जाता है। इस ब्रेन हेमरेज का नहाने के तरीके से कोई लेना देना नहीं है। उन्होंने बताया कि सर्दियों में लोग रजाई से निकल कर लोग सीधे बाथरूम चले जाते है और कोल्ड स्ट्रोक की वजह से वहीं पर ही गिर पड़ते हैं।
दरअसल, थर्मोरेगुलेशन और वॉसोकंस्ट्रिक्शन की चलते ब्लड प्रेशर सुबह के समय सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ता है। बहुत से लोग अपने ब्लड प्रेशर को लेकर लापरवाह रहते हैं और मेडिसिन की डोज को समय पर नहीं खाते हैं, जिसका खामियाजा ब्रेन स्ट्रोक या ब्रेन हेमरेज के रूप में सामने आता है। सर्दियों में ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को बेहद सतर्क रहना चाहिए।
इंद्रप्रस्थ अपोलो हॉस्पिटल के सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. विनीत सूरी के अनुसार, कोल्ड स्ट्रोक के चलते ब्रेन हेमरेज का सर्वाधिक खतरा बुजुर्गों के साथ ब्लडप्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को होता है। उन्होंने बताया कि जवान आदमी का थर्मोरेगुलेशन सिस्टम अच्छा होता है। यह सिस्टम बड़ी तेजी से बाहर के तापमान के अनुसार शरीर के अंदर के तापमान को व्यवस्थित कर लेता है।
वहीं, कमजोर थर्मोरेगुलेशन की वजह से बुजुर्ग बहुत जल्दी कोल्ड स्ट्रोक की चपेट में आ जाते हैं, जिसका खामियाजा ब्रेन हेमरेज के तौर पर भुगतना पढ़ता है। डॉ. राम मनोहर लोहिया हॉस्पिटल में न्यूरोसर्जरी विभाग के प्रोफेसर डॉ. अजय चौधरी के अनुसार, बुजुर्गों के साथ-साथ ब्लड प्रेशर और डायबिटीज के मरीजों को ठंड में खास तौर पर सतर्क रहना चाहिए। नियमित तौर उन्हें अपना बीपी और शुगर चेक करनी चाहिए
कई बार ऐसा होता है कि बीपी और शुगर के मरीज पुरानी डोज के अनुसार, अपनी दवाओं का सेवन करते रहते हैं, अचानक एक दिन ब्लड प्रेशन शूट करता है और ब्रेन हेमरेज हो जाता है। लिहाजा, बीपी और शुगर के मरीजों को सुबह के समय खास तौर पर अपना बीपी और शुगर चेक करनी चाहिए।
(Cause Of Brain Hemorrhage)
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