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Dexamethasone Medicine उल्टी की दवा कुछ कैंसर रोगियों को लंबे समय तक जीवित रखने में है मददगार

Sameer Saini • LAST UPDATED : October 14, 2021, 6:05 am IST

Dexamethasone Medicine : कैंसर के इलाज के लिए लगातार रिसर्च जारी है। वैज्ञानिक नई-नई दवाओं को टेस्ट कर रहे हैं। साथ ही कई तरीके आजमा रहे हैं। इसी फेहरिस्त में एक नई स्टडी में पता चला है कि ब्रेस्ट और पैनक्रिएटिक समेत कुछ तरह के कैंसर मरीजों को अगर सर्जरी के समय उल्टी या मतली रोकने की दवा दी जाए, तो पीड़ित की लाइफ कुछ समय के लिए बढ़ सकती है।

इस संबंध में की गई स्टडी को एनेस्थिसियोलॉजी 2021 की वार्षिक बैठक में पेश किया गया है। इस रिसर्च के दौरान पाया गया कि सर्जरी के 3 महीने बाद जिन लोगों की मौत हुई, उनमें डेक्सामेथासोन दवा लेने वाले मरीजों की तुलना में यह दवा नहीं लेने वालों की संख्या 3 गुना अधिक थी।

आपको बता दें कि डेक्सामेथासोन दवा सर्जरी या कीमोथेरेपी के बाद मरीजों को उल्टी रोकने के लिए दी जाती है। रिसर्चर्स ने पाया कि नॉन-इम्यूनोजेनिक कैंसर यानी जिसमें मजबूत प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया उत्प्रेरित नहीं होती है। उनके रोगियों में डेक्सामेथासोन दवा का फायदा मीडियम से लॉन्ग टर्म तक होता है। इससे स्तन, गर्भाशय, अंडाशय, भोजन नाल, अग्न्याशय (पैंक्रियास), थायराइड, हड्डियों और जोड़ों के कैंसर रोगियों को राहत मिल सकती है।

रिसर्चर्स का क्या कहना है (Dexamethasone Medicine)

इस रिसर्च के सीनियर राइटर और सेंटर फार एनेस्थीसिया रिसर्च एक्सीलेंस के डायरेक्टर मैक्सिमिलियन शेफर ने बताया कि डेक्सामेथासोन के अच्छे और बुरे दोनों ही असर होते हैं। ये दवा कैंसर की वृद्धि तो रोकती है, लेकिन इम्यून सिस्टम की सक्रियता को भी दबा देती है। मैक्सिमिलियन शेफर ने बताया कि पहले की स्टडीज में बताया गया है कि जिस कैंसर में इम्यून सिस्टम डिजीज को कंट्रोल करता है, उसमें डेक्सामेथासोन का सकारात्मक और नकारात्मक असर एक तरह से एक-दूसरे को संतुलित कर देता है, लिहाजा कोई फायदा नहीं मिलता है। लेकिन व्यापक पैमाने पर किए गए हमारे अध्ययन में यह देखा गया है कि जिस प्रकार के कैंसर में इम्यून सिस्टम की कोई अहम भूमिका नहीं होती है, उनमें इसका सकारात्मक असर प्रभावी रहता है।

यह निकला स्टडी का निष्कर्ष (Dexamethasone Medicine)

स्टडी के दौरान 25,178 (34 फीसद) रोगियों को सर्जरी के दौरान डेक्सामेथासोन दवा दी गई थी। इनमें से सर्जरी के 90 दिनों बाद 209 (0.83 फीसद) रोगियों की मौत हुई। जबकि जिन रोगियों को डेक्सामेथासोन दवा नहीं दी गई थी, उनमें से 1,543 (3.2 फीसद) की मौत हुई। इसके अलावा, यह भी पाया गया कि अन्य कारकों को शामिल करते हुए, जिन युवा रोगियों को नियमित तौर पर डेक्सामेथासोन दवा दी गई, उनमें एक साल में मौत का रिस्क 21 फीसद कम था। डेक्सामेथासोन का सबसे अच्छा असर अंडाशय, गर्भाशय या गर्भाशय ग्रीवा के कैंसर रोगियों में देखने को मिला। शेफर ने कहा कि हमारे अध्ययन के आधार पर एनेस्थिया लिस्ट को न\न-इम्यूनोजेनिक कैंसर की सर्जरी में बेहिचक डेक्सामेथासोन का इस्तेमाल करना चाहिए। (Dexamethasone Medicine)

Disclaimer: लेख में उल्लिखित सुझाव केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से हैं और इसे पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी फिटनेस व्यवस्था या चिकित्सकीय सलाह शुरू करने से पहले कृपया डॉक्टर से सलाह लें।

Also Read : Colorectal Cancer में इम्यून कंट्रोलिंग के काम नहीं करने की वजह आई सामने

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