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Diabetes in Women : डायबिटीज पुरुषों की तुलना में महिलाओं के लिए घातक हो सकता है क्योंकि ये रोग उनकी ओवरऑल हेल्थ पर असर करता है। ये उन्हें हार्ट डिजीज, किडनी डिजीज, अंधापन, डिप्रेशन, यूटीआई और इंफर्टिलिटी की समस्याओं के हाई रिस्क में डाल सकता है. डायबिटीज एक मेटाबॉलिक डिसऑडर है, जो हाई ब्लड शुगर लेवल के कारण होता है। डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को वेजाइनल डिस्चार्ज, योनि में खुजली, दर्द, पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम, सेक्स ड्राइव में कमी, साथ ही बार-बार पेशाब आना जैसे लक्षणों का अनुभव हो सकता है।
इसलिए, उनके लिए एक हेल्थ लाइफस्टाइल को मेंटेन करने और अपने शुगर कंट्रोल लेवल को मॉनीटर करना जरूरी हो जाता है। डायबिटीज से पीड़ित महिलाओं को भी दिल का दौरा पड़ने का खतरा अधिक होता है। एक्सपर्ट का कहना है कि डायबिटीज से एक महिला को हार्ट डिजीज का खतरा बढ़ जाता है, जो कि इसकी सबसे कॉमन कॉम्पलिकेशन हैं और जो हार्ट अटैक का कारण भी बनता है। डायबिटीज से महिलाओं में अंधापन, गुर्दे की बीमारी और अवसाद जैसी गंभीर जटिलताएं भी दिखाई दे सकती हैं। इसके अलावा, मासिक धर्म में बदलाव से पीरियड्स लंबे और हेवी हो सकते है। (Diabetes in Women)
इतना ही नहीं, डायबिटीज से महिलाओं में भी सेक्स ड्राइव की कमी होने की संभावना होती है क्योंकि अवसाद, तनाव और चिंता वेजाइनल ल्यूब्रिकेशन को कम कर सकते हैं, जिससे उन्हें इंटरकोर्स के दौरान दर्द और परेशानी का अनुभव होता है। टाइप 1 और टाइप 2 डायबिटीज दोनों ही पीरियड्स की अनियमितताओं और कम प्रजनन दर के लिए जिम्मेदार हैं। डायबिटिक महिलाओं में संक्रमण और फैलोपियन ट्यूब जैसे प्रजनन अंगों को नुकसान होने का खतरा अधिक होता है। (Diabetes in Women)
प्रेग्नेंसी के दौरान हाई ब्लड शुगर लेवल यानी गर्भावस्थाजन्य डायबिटीज से गर्भपात या जन्मजात दोष हो सकता है। यह समय से पहले प्रसव, लार्ज बेबी, मिसकैरेज और बच्चों में बर्थ डिफेक्ट भी पैदा कर सकता है। कुछ सरल और आसान आहार की आदतें महिलाओं को अपने ब्लड शुगर के लेवल को कंट्रोल करने में मदद कर सकती हैं। फाइबर से भरपूर खाना खाएं। अपने आहार में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, फलियां और दाल शामिल करें। (Diabetes in Women)
जितना हो सके ऑयली, प्रोसेस्ड और डिब्बाबंद फूड आइटम्स से बचें। आपको पैक्ड जूस, मिठाई, मिठाई, कोला और सोडा के बजाय घर का बना ताजा जूस लेना चाहिए। अपने नमक का सेवन कम करें। ब्लड शुगर लेवल को कंट्रोल करने और सही वजन बनाए रखने के लिए एक्सरसाइज और योग जैसी फिजिकल एक्टिविटी में शामिल हों। अपने ब्लड शुगर लेवल की नियमित जांच कराते रहें।
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