डॉ. नीरज रायजादा
How to Keep Your Body Healthy : आज के युग में प्रत्येक व्यक्ति भागदौड़ की जिंदगी में सुविधा की जीवन शैली लिए थोड़ी बहुत अस्वस्थता को प्राय साधारण मानता है सिरदर्द, एसीडीटी, एलर्जी, खांसी, जुखाम और थकान से जूझता वह अंग्रेजी दवाइयों के माध्यम से इसमें निधान ढूंढता है। पैरासिटामोल, एनटासीड, एंटीएलर्जी जैसी दवाओं का प्रयोग वह बिना किसी डर या संकोच एवं इसके दूरगामी प्रभाव से अंजान अपनी दिनचर्या का हिस्सा बना लेता है-नींद न आने पर दवाई-सिर दर्द होने पर दवाई-पेट दर्द होने पर दवाई-जुखाम-खांसी पर अंग्रेजी दवाई का प्रयोग हर घर में हर शख्स द्वारा आम बात हो गई है। इसके दुष्परिणामों से बेखबर वह किस बड़ी बीमारी को नजर अंदाज कर रहा है उसे तबतक पता नहीं चलता जबतक वह बीमारी एक भयंकर रूप न लेलें ।
नि:स्देह यह चिकित्सा पद्धति व्यक्ति को अपनी व्यस्त जीवन शैली में एक बड़ा सरल उपचार लगती है और इसकी औषधियां चिकित्सक एवं चिकित्सालय क्योंकि सर्वत्र प्राप्त हैं इसलिए यह पद्धति प्रसार एवं प्रचार में अपना पूरा फैलाव लिए हैं। दूसरी चिकित्सय पद्धतियां जिनमें आयुर्वेद एवं होम्योपैथ अपना विशेष स्थान लिए हैं और एलोपैथी के सामांतर अपना फैलाव न लिए अपनी मान्यता के स्तर की चूक भी लिए हैं।
प्राकृतिक चिकित्सा पद्धति वास्तव में स्वस्थ जीने की कला के रूप में परिभाषित होती है। प्राकृतिक जीवन द्वारा ही रोग के कारणों को निरमूल किया जा सकता है। जैसे किसी सूखते पेड़ के पत्तों पर पानी छिड़कने से उसे ठीक नहीं किया जा सकता अपितु उसकी जड़ में खाद और पानी देकर स्वस्थ किया जा सकता है (6 Basic Rules for Good Health)
वैसी ही प्राकृतिक चिकित्सा में रोग को मूल जड़ तक पहुंचते शरीर को पूर्ण रूप से स्वस्थ किया जा सकता है। एलोपैथी-आयुर्वेदिक होम्योपैथिक या अन्य चिकित्सा पद्धतियां अपने सिद्धांत लिए रोग मुक्त करने का प्रयास -अविष्कार- शोध एवं चिकित्सय उत्कृष्ट विश्लेषण के माध्यम से किसी भी दवाई के दुष्परिणामों को न नजर अंदाज करते एक उत्तम विश्लेषण मांगती हैं।
लेकिन प्राकृतिक चिकित्सा शरीर को स्वस्थ रखने के लिए उस प्राकृतिक कला से अवगत कराती है – जिससे हम स्वस्थ रहने की कलानुमा चाबी से अपने शरीर का समझते हैं और किसी भी व्याधि को शरीर के अंदर पनपने की इजाजत नहीं देते। प्राकृतिक चिकित्सा में सबसे ज्यादा जरूरी है आपकी जीवन शैली और हम इसके सही अपनाने से कई बीमारियों से बच सकते हैं। (How to Keep Your Body Healthy)
1. गहरी नींद का आना
2. ब्रह्म मुहूर्त में नव स्फुर्ति के साथ नींद का खुलना
3. दिनभर श्रम करने में उत्साह रहना
4. थकान का अनुभव न करना
5. कोई चिड़चिड़ा पन, आक्रोश, एवं क्रोध का ना आना
6. पेट ठीक से साफ होना
7. भूख का अहसास होना
8. हृदय सदैव आलौकिक आनंद से परिपूर्ण रहना ।
प्राकृतिक चिकित्सा से रोगों के कारणों को समाप्त किया जा सकता है लेकिन कई बार फिर भी हमारी जीवनशैली संसारिक जीवन शैली से प्रभावित हो कुछ रोग के लक्ष्णों को दर्शाती है जिसको हम सरल प्राकृतिक आहार एवं शैली को अपनाकर दुरूस्त कर सकते हैं।
मानसिक तनाव-आज का मनुष्य चिंताओं में लिप्त रहता है- कई दुख और अवसाद उसको घेरे रहते हैं। इस तनाव से बचने के लिए तनाव मुक्त करती दवाएं लेकर अपने स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ करता है अगर वह इसके बदले प्रयास करके खुद को योगा से-मेडिटेशन या लंबी सैर से दूर कर सके तो उसे महसूस होगा की वह मानसिक रूप से बहुत हल्का एवं तनाव मुक्त है। चाय, कोफीन या कोई भी और नशा तनाव मुक्त नहीं करता बल्कि हमें मानसिक रूप से अपाहिज बना देता है। (How to improve your Health Quickly)
तनाव दूर करने के लिए स्वयं को किसी शारीरिक खेल-कूदकर- सांस्कृतिक रूचि एवं कोई दिलचस्प कला में व्यस्त करके हम तनाव मुक्त हो सकते हैं। अपने दिल के करीब पारिवारिक सदस्य,पारिवारिक मित्र एवं सहयोगी मंडली में बैठकर भी खुद को अच्छी बातों में लगाएं। नाकारात्मक व्यक्तियों से एक दूरी बनाकर रखें, नाकारात्मक विचार दिमाग में न उबरने दें,लंबी सांस लें, धैर्य रखें और अपने होने व ईश्वर के होने पर विश्वास रखते हम बहुत तनाव मुक्त हो रह सकते हैं।
औषधि से हम दिमाग को कुंद करकर तनाव से बचते नहीं बल्कि और मानसिक व्याधियों को न्यौता देते हैं। जितना हम तनाव मुक्त रहेंगे उतना हमारे शरीर के अंग स्वस्थ रहकर हमारा साथ देंगे तनाव से दिल की धमनियां दबने लगती हैं,खून का संचार रूकने लगता है और हम हृदय रोग तथा मानसिक विकार जैसी बीमारियों से ग्रस्त हो जाते हैं।
शांतिपूर्वक तनाव मुक्त जीवन शैली हमें कई बीमारियों से बचाए रखती है। पेट के दर्द,पैचिश,कब्ज,दस्त ऐसी व्याधियां हैं जो सिर्फ अच्छी जीवन प्रणाली से भी दूर की जा सकती हैं। इस अच्छी जीवन शैली में सही आहार भी अपना एक विशेष महत्व लिए है। सही आहार जिसमें मादक उत्तेजक पदार्थों से बचना स्वस्थ मौसमी फलों एवं सब्जियों का उचित प्रयोग एवं खाने की उचित मात्रा अपना विशेष स्थान रखती है। खाने के आहार पर पूरे विवरण के साथ विस्तार से फिर बात की जाएगी क्योंकि सही आहार सिर्फ आहार नहीं है ये दवाई का काम करता है एवं आहार का प्राकृतिक चिकित्सा में बड़ा सशक्त प्रभाव है। (10 ways to keep your body Healthy)
Also Read : Fruit For Health : सर्दी-जुकाम व आँखों के लिए लाभदायक फल
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.