What can be the reason for ‘Spotting’ during pregnancy गर्भावस्था के दौरान अगर हल्का रक्तस्राव होता है, तो लोग डर जाते हैं। कई बार डरने की जरूरत नहीं होती है क्योंकि हल्की स्पॉटिंग होना आम बात है। जबकि अधिक मात्रा में स्पॉटिंग भारी विकार का संकेत हो सकता है।
हर प्रेग्नेंट महिला को गर्भावस्था के दौरान स्पॉटिंग के कारणों के बारे में पता होना चाहिए और ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए नियमित अंतराल पर अपने डॉक्टर की सलाह लेनी चाहिए। सबसे पहले ये जानें की स्पॉटिंग और ब्लीडिंग में अंतर क्या है।
स्पॉटिंग हल्के गुलाबी या भूरे रंग का खून का हल्का धब्बा होता है। जो मासिक धर्म के छठवें या सातवें दिन के रक्तस्राव के समान होता है। अगर ब्लड का रंग गहरा लाल है और पैड की जरूरत पड़ रही है तो ये ब्लीडिंग है। दोनों ही अवस्था में डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।
शारीरिक संबंध बनाने के बाद स्पॉटिंग हो सकती है। इस दौरान गर्भाशय ग्रीवा यानी सर्विक्स के पॉलीप्स का आकार बढ़ता है। गर्भावस्था के दौरान संभोग के बाद स्पॉटिंग होना बहुत ही सामान्य बात है।
इस प्रकार का रक्त स्राव कोरियोन और प्लेसेंटा में परिवर्तन के कारण होता है। कोरियोन एक छोटी पतली झिल्ली होती है जो फीट्स के आसपास होती है। आम तौर पर ये खुद बंद हो जाती है लेकिन डॉक्टर से सम्पर्क जरूर कर लें।
जैसे ही डिलीवरी की तारीख नजदीक आती है, गर्भाशय ग्रीवा यानी सर्विक्स फैलने लगता है। इसे सर्विक्स डायलेशन भी कहते हैं। इसमें बलगम प्लग जैसा चिपचिपा म्यूकस प्लग आता सकता है और भारी मात्रा में रक्तस्राव हो सकता है।
यह एक दुर्लभ मामला है, जब अंडा फैलोपियन ट्यूब में रुक जाता है, जो गर्भाशय के बाहर होता है। इसमें मतली, चक्कर आना, उल्टी या कमजोरी जैसे लक्षण हो सकते हैं। इसका कारण एक्टोपिक सर्जरी, फैलोपियन सर्जरी, या पेल्विक में सूजन वजह हो सकती है।
कई बार पैप सिमर टेस्ट के बाद भी ब्लड आता है। ऐसे में जरूरी है की लगातार अपने डॉक्टर के संपर्क में रहें।
Also Read : Benefits of Jumping Jacks : सूर्य नमस्कार से पहले करें जंपिंग जैक्स, सेहत को होगा फायदा
Connect With Us : Twitter Facebook