menstrual cycle duration
महिलाओं की लाइफ में पीरियड्स होना एक नेचुरल प्रोसेस होता है लेकिन कई बार लोगों के मन में यह सवाल आता है की पीरियड कितने दिनों तक होना सही होता है? किसी को ब्लीडिंग 6 से 7 दिन तक होती है तो किसी को दो से तीन दिन होती है, लेकिन कई बार जब ब्लीडिंग अचानक से कम हो जाए और दो दिन तक पहुंच जाएं तो महिलाओं को चिंता होने लगती है. वो सोचने पर मजबूर हो जाती कि यह कोई गंभीर समस्या तो नहीं है या फिर यह किसी बीमारी का संकेत तो नही. लेकिन असलियत में पीरियड्स की टाइमिंग हर महिला के शरीर की बनावट और उसकी लाइफ स्टाइल परी निर्भर करती है.
आमतौर पर एक महिला का पीरियड साइकिल (period cycle) लगभग 3-7 दिनों तक चलता है, पहले दो दिन ब्लीडिंग ज्यादा होती है उसके बाद धीरे-धीरे कम होने लगती है. यह मेंस्ट्रुअल पैटर्न हर महिलाओं के शरीर की बनावट पर आधारित होता है. कई महिलाओं को बिल्डिंग के केवल दो-तीन दिन तक होती है उसके बाद खत्म हो जाती है, और उन्हें कुछ भी परेशानी नहीं होती हैं. अगर आपके पीरियड भी रेगुलर है और ब्लीडिंग का रंग नार्मल है और अजीब सा दर्द नहीं हो रहा तो 2 दिन की ब्लीडिंग भी नॉर्मल मानी जाती है.
अगर अचानक से आपके पीरियड्स में ब्लीडिंग का टाइमिंग कम हो जाए और केवल 2 दिन में ही उनके पीरियड्स खत्म हो जाते हैं तो इसके पीछे काफी सारे कारण हो सकते हैं. सबसे आम कारण होते है हार्मोनल इंबैलेंस होना, नींद न पूरी होना या फिर गलत लाइफस्टाइल और ज्यादा वर्कआउट जिससे कि हार्मोन में बदलाव आता है. कई बार कुछ दवाइयाँ ऐसी भी होती है जो ब्लीडिंग को कम कर देती है तो अगर आप भी कोई दवाई ले रहे है तो आपको तुरंत डॉक्टर से राय लेनी चाहिए.
हर महिला के पीरियड साइकिल का पैटर्न अलग होता है लेकिन अगर अचानक 5-6 दिनों से घटकर आपकी पीरियड साइकिल दो दिनों पर ही आ जाती है और अगर ये सिचुएशन आपके साथी महीनो से से चल रही है तो यह संकेत हो सकता है कि आप किसी समस्या का शिकार हो गए हैं. खासकर अगर ब्लीडिंग का रंग गाढ़ा होता है और पेट में न सहन करने वाला दर्द हो रहा है तो आपको तुरंत डॉक्टर से जांच कर लेनी चाहिए. जिन लोगों को थायराइड पीसीओडी जैसी समस्याएं हैं उनकी पीरियड अवधि छोटी हो सकती है.
इन चीजों से रखें अपनी पीरियड साइकिल को नॉर्मल
अपने पीरियड साइकिल को बैलेंस रखने के लिए सबसे जरूरी होता है एक अच्छी लाइफ स्टाइल आपको रोजाना भरपूर मात्रा में पानी पिएं और पूरी नींद ले और स्ट्रेस से जितना हो सके दूरी बनानी है. ये सब करना काफी ज्यादा फायदेमंद होता है इसके अलावा आप योगा, एक्सरसाइज भी कर सकते हैं जिससे कि हार्मोन बैलेंस रहते हैं इसके अलावा आप जंक फूड से बच सकते हैं. अगर आप कोई भी दवाई ले रहे हैं तो उसके साइड इफेक्ट के बारे में डॉक्टर से जरूर पूछ लें.
Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में सामान्य जानकारियों की मदद ली है. indianews इसकी पुष्टि नहीं करता है.
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