India News (इंडिया न्यूज), Himachal: हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के फैसले के बाद मुख्य संसदीय सचिवों के सचिवालय में कार्यालय खाली कराने के आदेश जारी हुए हैं और कुछ दफ्तर खाली हो गए हैं। सीपीएस के साथ लगाया गया स्टाफ भी वापस बुला दिया गया है। बता दें कि गाड़ियां इनसे वापस ले ली गई हैं। प्रदेश सरकार ने बुधवार शाम को ही यह आदेश जारी किए। यहीं नहीं इन CPS को सरकार की ओर से दी गई सभी सुख सुविधाएं भी हट जाएंगी। सरकारी कोठियां खाली करनी होंगी। बुधवार को हाईकोर्ट के फैसले के बाद ही सचिवालय में CPS के कमरों में सन्नाटा पसरा रहा। कई भी CPS सचिवालय में नहीं देखे गए। 7 मंत्रियों के साथ हिमाचल हाईकोर्ट के फैसले के बाद मुख्य संसदीय सचिवों के सचिवालय में कार्यालय खाली कराने के आदेश जारी हुए हैं और कुछ दफ्तर खाली भी कर दिए गए हैं। CPS के साथ लगाया गया स्टाफ भी वापस बुला दिया गया है। गाड़ियां इनसे वापस ले ली गई हैं। प्रदेश सरकार ने बुधवार शाम को ही यह आदेश जारी किए। यहीं नहीं इनCPS को सरकार की ओर से दी गई सभी सुख सुविधाएं भी हटेगी । सरकारी कोठियां भी खाली करनी होंगी। बुधवार को हाईकोर्ट के फैसले के बाद सचिवालय में CPS के कमरों में सन्नाटा पसरा रहा। कई भी CPS सचिवालय में नहीं देखे गए। 7 मंत्रियों के साथ ही इन सीपीएस ने गोपनीयता की शपथ ली थी।
काम में मदद करने का जिम्मा दिया गया
आपकी जानकारी के लिए बता दें कि सक्खू सरकार में मुख्य संसदीय सचिव मोहन लाल ब्राक्टा को विधि विभाग, संसदीय कार्य विभाग और बागवानी विभाग, रामकुमार को नगर नियोजन विभाग, उद्योग विभाग और राजस्व, आशीष बुटेल को शहरी विकास विभाग के साथ शिक्षा विभाग में CM और शिक्षा मंत्री के साथ अटैच किया गया। वहीं, मुख्य संसदीय सचिव किशोरी लाल को पशुपालन विभाग, ग्रामीण विकास के साथ पंचायती राज विभाग की जिम्मेवारी दी गई । संजय अवस्थी को स्वास्थ्य जनसंपर्क और लोक निर्माण विभाग की जिम्मेदारी दी गई । मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर को ऊर्जा, वन, परिवहन और पर्यटन विभाग विभाग का जिम्मा सौंपा गया। यह 6 मुख्य संसदीय सचिव अलग-अलग विभागों के मंत्रियों की काम में सहायता करने का जिम्मेदारी दी गई ।
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