इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Russia Ukraine War Continues For Third Day: बीते गुरूवार से शुरू हुआ रूस और यूक्रेन युद्ध आज तीसरे दिन भी जारी है। इस युद्ध का असर दुनियाभर के कारोबार में देखने को मिल रहा है। (जैसे कि शेयर मार्केट में भारी गिरावट, अंतराष्टÑीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर) इससे भारत में डीजल और पेट्रोल के साथ एलपीजी गैसे के दाम बढ़ने की संभावना जताई जा रही है। तो आइए जानते हैं रूस और यूक्रेन की आपसी लड़ाई का भारत में कितना असर पड़ेगा। भारत इन दो देशों से कितना एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट करता है। (Russia Ukraine War Crisis News)
Can These Things Affect India? ( Russia Ukraine War Continues For Third Day)
- शिक्षा: कहा जाता है कि रूस और यूक्रेन मेडिकल की पढ़ाई करने के लिए भारतीय स्टूडेंट की पसंदीदा जगहों में से एक है। हर साल बड़ी संख्या में डॉक्टरी की पढ़ाई के लिए भारत से छात्र यूक्रेन और रशिया जाते हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि इस समय रूस में करीब 4,500 छात्र हैं, जबकि यूक्रेन में पांच हजार से ज्यादा भारतीय छात्र फंसे हैं।
- दोनों देशों में पढ़ने वाले छात्रों की संख्या 50 हजार से अधिक है। ऐसे में जंग के बीच उन छात्रों को नुकसान तो हुआ ही है जो पहले से इन देशों में पढ़ रहे हैं बल्कि इससे उन युवाओं की परेशानी बढ़ गई है जो यूक्रेन या रूस जाकर पढ़ाई करने की सोच रहे थे।
- रक्षा सामान: कहते हैं कि रूस दुनिया का सबसे बड़ा हथियार बनाने वाला देश है। भारत हर साल कुल हथियार की खरीददारी का 49 फीसदी हिस्सा रूस से खरीदता है। सात दिसंबर 2021 को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रूस दौरे पर छह लाख एके-203 राइफल की डील की है, जो अभी पेंडिंग में है। इसके अलावा एस-400 मिसाइल भी अभी भारत आना बाकी है। ऐसे में जंग की वजह से इन हथियारों के इम्पोर्ट पर असर पड़ना तय है। अमेठी में रूस के साथ मिलकर हथियार निर्माण होना है, लेकिन अब तक इस पर काम शुरू नहीं हुआ है।
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- हीरा और सोना: पिछले कुछ वर्षों में भारत और रूस के बीच हीरे-जवाहरात के व्यापार में बढ़ोतरी दिखी है। भारत के कई हीरे व्यापारियों ने रूस में हीरा काटने और पॉलिश करने के लिए अपनी दुकान खोले हैं। हर साल भारत रूस से 4.45 हजार करोड़ रुपए का हीरा इम्पोर्ट करता है। जंग की वजह से हीरे-जवाहरात के बिजनेस पर भी असर पड़ सकता है। इसके साथ ही शुद्ध सोना की कीमत 2491 रुपए बढ़कर 52540 रुपया हो गया है।
- स्पेस: राकेश शर्मा पहले भारतीय थे, जिन्होंने तीन अप्रैल 1984 को रूस की मदद से अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरी थी। अब तीन दशक बाद एक बार फिर गगनयान मिशन को पूरा करने के लिए रूस और भारत साथ आ गया है। इसके तहत तीन भारतीय को 2022 तक अंतरिक्ष में भेजने की योजना है, जिसके लिए सरकार 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा खर्च कर रही है। जंग की वजह अब गगनयान मिशन पर भी असर पड़ने की संभावना है।
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ईंधन: रूस और यूक्रेन की आपसी लड़ाई का असर भारत में कोयला, प्राकृतिक गैस, क्रूड पेट्रोलियम और रिफाइंड पेट्रोलियम पर पड़ सकता है। क्योंकि रूस से भारत सबसे ज्यादा पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स खरीदता है। (LPG price High, petrolium) कुल आयात में 50 फीसदी से ज्यादा का हिस्सा पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स का होता है। वित्त वर्ष 2020-21 में भारत ने रूस से 5.5 अरब डॉलर मूल्य का आयात किया था, जिसमें से 3.7 अरब डॉलर के केवल पेट्रोलियम प्रोडक्ट्स थे। (India Petrol Price)
- बता दें कि भारत बिजली तैयार करने के लिए 4.87 हजार करोड़ रुपए का कोयला भी सलाना रूस से ही लाता है। इस युद्ध के कारण कोयला की आपूर्ति प्रभावित होने की भी संभावना है। यही नहीं लड़ाई की वजह से तेल के वैश्विक बाजार पर असर पड़ने के कारण भारत में पेट्रोल, डीजल समेत एलपीजी गैस की कीमत बढ़ने की आशंका जताई जा रही है।
- भारत की कुल ईंधन खपत में प्राकृतिक गैस की खपत का छह फीसदी है। इस छह फीसदी का 56 फीसदी हिस्सा भारत रूस, कतर और नॉर्वे जैसे देशों से आयात करता है। ऐसे में पेट्रोलियम के साथ ही प्राकृतिक गैस की कीमत भी बढ़ सकती है।
पेट्रोलियम इम्पोर्ट पर कितना असर पड़ेगा?
- यूके्रन और रूस युद्ध की वजह से कई देशों में पेट्रोलियम का एक्सपोर्ट और इम्पोर्ट प्रभावित होगा। भारत सबसे ज्यादा इराक और सउदी अरब जैसे देशों से पेट्रोलियम इम्पोर्ट करता है। इसलिए भारत पर इसका कम असर पड़ेगा। भारत ने 2021 में रूस से 13.56 करोड़ टन कोयले का इम्पोर्ट किया था। 2020 की तुलना में यह कम था। (Impact on Petrol Prices in India)
- इसी तरह भारत ने 2021 में कुल जितने पेट्रोलियम का इम्पोर्ट किया, उसका महज एक फीसदी हिस्सा ही रूस से मंगवाया था। ऐसे में साफ है कि भारत पेट्रोलियम समेत दूसरे एनर्जी के लिए रूस और यूक्रेन जैसे देशों पर काफी कम निर्भर है, इसलिए भारत पर इसका ज्यादा असर नहीं पड़ेगा।
यूक्रेन और भारत के बीच इकोनॉमिक रिश्ते क्या?
- भारत और यूक्रेन के बीच भी बहुत ज्यादा व्यापार नहीं है। भारत केवल बड़े पैमाने पर कुकिंग आॅयल यूक्रेन से आयात करता है। पिछले साल भारत के कुल सनफ्लावर आॅयल आयात में 74 फीसद हिस्सेदारी यूक्रेन की थी। इसके अलावा प्लास्टिक और पॉलिमर का एक्सपोर्ट-इम्पोर्ट भी बड़े पैमाने पर होता है। यूक्रेन में कई बड़ी भारतीय कंपनियां, जैसे रैनबैक्सी, डॉक्टर रेड्डी लैब और सन ग्रुप का बिजनेस है।
- हालांकि वैश्विक स्तर पर तेल की कीमत बढ़ने की वजह से भारत में भी तेल की कीमत पर असर पड़ना तय है। भारत रूस से सबसे ज्यादा हथियार इम्पोर्ट करता है। हालांकि हथियारों के मामले में भारत ने रूस पर निर्भरता कम की है। रिसर्च अनुसार, 2012 से 2016 तक भारत के हथियारों के आयात में रूस का हिस्सा 68 फीसदी था, जो 2020 तक घटकर 49 फीसदी हो गया था।
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भारत और रूस के बीच कितने का कारोबार?
- रूस और यूक्रेन के बीच जंग से भारत पर इसका असर पड़ना तय है, लेकिन ये असर कम होगा। इसकी मुख्य वजह यह है कि रूस और भारत के बीच अब बिजनेस काफी कम रह गया है। भारत अपने कुल सामान का 0.8 फीसदी रूस को एक्सपोर्ट करता है। वहीं, भारत के कुल इम्पोर्ट में रूस का हिस्सा महज 1.5 फीसदी है।
- इसका साफ मतलब यह है कि रूस और यूक्रेन के बीच जंग का सीधा असर भारत पर नहीं पड़ने वाला है। 2020 में भारत और रूस के बीच बिजनेस संबंधों में 17 फीसदी की गिरावट आई है। आपको बता दें कि रूस से पेट्रो आयात बहुत कम है और इसे अन्य बाजारों से बदला जा सकता है। यूक्रेन और रूस के बीच जंग का कुछ ज्यादा असर भारत पर नहीं पड़ने वाला है।
Russia Ukraine War Continues For Third Day
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