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Ukraine Crisis Today Latest Updates : क्या रूसी हमले से पहले यूक्रेन में फंसे नागरिकों के लिए सभी देशों ने जारी की थी एडवाइजरी?

Suman Tiwari • LAST UPDATED : March 5, 2022, 11:13 am IST

इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
Ukraine Crisis Today Latest Updates: रूस और यूक्रेन का विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा। इस हमले में सबसे ज्यादा दिक्कतों का सामना यूक्रेन में पढ़ने गए भारतीय छात्रों को भुगतना पड़ रहा है। सूत्रों के मुताबिक यूक्रेन के उत्तर पूर्व में स्थित शहर सुमी में जहां करीब 800 भारतीय छात्र फंसे हैं। (Indian Students In Ukraine Evacuation) उनके पास न तो खाना बचा है और न पानी। इस मामले में रूस का कहना है कि छात्रों को यूक्रेन अपनी ढाल की तरह प्रयोग कर रहा है। वहीं यूक्रेन बोल रहा है कि रूस हमले नहीं रोक रहा, इस कारण फंसे छात्र बाहर नहीं निकल पा रहे हैं।

तो आइए जानते हैं कि ( Russia Ukraine Crisis) रूस-यूक्रेन हमला शुरू होने से पहले यूक्रेन में किस देश के कितने छात्र थे। हमले शुरू होने के बाद नागरिकों को निकालने के लिए किस देश ने क्या-क्या किया। क्या यूक्रेन से भारतीय छात्रों को बाहर निकालने की कोशिशें चल रही हैं।

बताया जा रहा है कि 12 फरवरी तक अमेरिका, ब्रिटेन, जापान, इजराइल, जर्मनी नॉर्वे, साउथ कोरिया और लात्विया जैसे देशों ने नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने की एडवाइजरी जारी कर दी थी। अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन से लेकर एंटनी ब्लिंकेन तक कह रहे थे कि रूस हमला करने जा रहा है। जल्द से जल्द यूक्रेन छोड़ दें।

यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों ने मोदी से लगाई गुहार

  • रिपोर्ट्स के मुताबिक यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों ने (Indian Students In Ukraine ) सोशल मीडिया में वीडियो डालकर गुहार लगाई है कि, ‘हमारे पास खाना और पानी खत्म हो रहा है। चारों तरफ गोलीबारी हो रही है। हम मारे जाएंगे, मोदी जी प्लीज हमारी सहायता कीजिए।
  • इंडियन एंबेसी ने अपनी पहली एडवाइजरी 15 फरवरी को जारी की। इसकी भाषा भी बहुत ढुलमुल थी। इसमें कहा गया कि यूक्रेन में रहने वाले छात्र जिनका रहना जरूरी नहीं है, वो अस्थाई तौर पर देश छोड़ने पर विचार कर सकते हैं। वहां से निकलने के लिए पर्याप्त फ्लाइट्स का इंतजाम नहीं किया गया। सीमित फ्लाइट्स मौजूद थीं, जिनकी डिमांड बढ़ने पर किराया तीन गुना तक बढ़ गया।

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यूक्रेन में फंसे छात्रों के लिए भारत का आपरेशन गंगा क्या है?

  • भारत: अपने नागरिकों को संभावित खतरे से आगाह करने में भारत पीछे रह गया। 15 फरवरी को पहली एडवाइजरी जारी की गई, जिसकी भाषा बेहद सामान्य थी। भारत आने के लिए पर्याप्त फ्लाइट्स का इंतजाम भी नहीं था। 24 फरवरी को यूक्रेन का एयरस्पेस बंद हो गया और भारतीय फंस गए।
  • इसके बाद 26 फरवरी को आपरेशन गंगा लॉन्च हुआ और भारत ने बहुत एक्टिव तरीके से अपने नागरिकों को यूक्रेन से निकालकर भारत पहुंचाना शुरू किया। उम्मीद जताई जा रही है कि 10 मार्च तक यूक्रेन में फंसे अधिकांश भारतीय अपने देश लौट आएंगे।

हमले से पहले क्या अमेरिका ने उठाया था सख्त कदम?

अमेरिका: रिपोर्ट अनुसार अमेरिका ने रूसी हमले से दो हफ्ते पहले ही सख्त ट्रैवल एडवाइजरी जारी कर दी थी। इसमें सभी अमेरिकी नागरिकों को यूक्रेन छोड़ने के लिए कहा गया। 22 फरवरी को यूक्रेन की यूएस एम्बेसी ने एक आनलाइन फॉर्म जारी किया। इसमें यूक्रेन में रह रहे सभी अमेरिकी नागरिकों की डिटेल मांगी गई, जिससे इमरजेंसी कॉन्टैक्ट किया जा सके। इसके अलावा बॉर्डर क्रॉसिंग की जानकारी और फोन नंबर जारी किए गए, जिनकी मदद से अमेरिकी नागरिक यूक्रेन से निकल सकते थे। 27 फरवरी को अमेरिका ने कहा कि अब सरकार यूक्रेन में घुसकर नागरिकों को बाहर निकालने में सक्षम नहीं है।

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क्या ब्रिटेन ने किया था अपने नागरिकों को आगाह?  (Ukraine Crisis Today Latest Updates)

ब्रिटेन: अमेरिका की तरह ब्रिटेन भी यूक्रेन पर रूसी हमले की आशंका जता रहा था, लेकिन ट्रैवल एडवाइजरी 17 फरवरी को जारी की। इसमें अधिकारियों के कॉन्टैक्ट नंबर जारी किए गए। एक आॅनलाइन फॉर्म भी जारी किया जिससे इमरजेंसी में नागरिकों से कॉन्टैक्ट किया जा सके। वहीं ब्रिटेन का कहना था कि अगर रूस हमला करता है तो ब्रिटिश सरकार यूक्रेन में राजनयिकों की मदद मुहैया नहीं करा पाएगी।

युद्ध से पहले चीन ने क्या किया ?

  • चीन: यूक्रेन में रह रहे चीनी नागरिकों के लिए चीन ने कोई ट्रैवल एडवाइजरी जारी नहीं की थी। 24 फरवरी को रूस के हमले के बाद चीन ने अपने नागरिकों के लिए चार्टर्ड फ्लाइट की घोषणा की और कीव से बाहर जा रहे लोगों को चीनी झंडा साथ रखने को कहा।
  • 26 फरवरी को चीनी एम्बेसी ने अपने नागरिकों से कहा था कि झंडा दिखाने से परहेज करें। 27 फरवरी को यूक्रेन में चीनी एंबेसडर ने कहा कि मौजूदा हालात नागरिकों को बाहर निकालने के लिए सुरक्षित नहीं हैं। एक मार्च को चीनी नागरिकों को यूक्रेन से निकाले जाने के समाचार मीडिया में आए थे।

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