संबंधित खबरें
Mumbai Boat Accident: कैसे कुछ ही सेकंड के अंदर पानी में समा गए 114 लोग ? वीडियो देख कांप जाएगी रुह
जम्मू-कश्मीर के कुलगाम में सुरक्षा बलों के साथ मुठभेड़ में मारे गए 5 आतंकवादी, 2 जवान घायल, ऑपरेशन जारी
अमित शाह के बयान के बाद पूरे विपक्ष को लगी मिर्ची, ममता की पार्टी ने गृह मंत्री के खिलाफ उठाया ये कदम, पूरा मामला जान तिलमिला उठेंगे भाजपाई
गेटवे ऑफ इंडिया के पास बड़ा हादसा, नेवी की स्पीड बोट से टकराई नाव, बचाव अभियान जारी…अब तक 13 की मौत
वैष्णो देवी जाने वाले भक्तों को लगा बड़ा झटका! अब नहीं कर सकेंगे ये काम
सदन में उनका रौद्र रूप में आए सतीश महाना, मार्शल से कहा-अतुल प्रधान को उठाकर बाहर फेंक…
इंडिया न्यूज़, इलाहाबाद :
इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने कहा है कि बच्चा गोद लेने के लिए विवाह प्रमाण पत्र एक आवश्यक शर्त नहीं है। अदालत ने कहा कि हिंदू दत्तक और भरण-पोषण अधिनियम, 1956 के तहत एकल माता-पिता भी बच्चे को गोद ले सकते हैं। अदालत ने 9 फरवरी को एक ट्रांसजेंडर रीना किन्नर और उसके साथी द्वारा दायर एक रिट याचिका पर सुनवाई करते हुए यह टिप्पणी की।
याचिका में कहा गया था कि रीना का जन्म 1983 में हुआ था और उनकी शादी 16 दिसंबर 2000 को वाराणसी के महाबीर मंदिर, अरदाली बाजार में हुई थी।
याचिकाकर्ता एक बच्चे को गोद लेना चाहते थे, लेकिन उन्हें विवाह प्रमाण पत्र प्रस्तुत करने के लिए कहा गया, जो उनके पास नहीं था।
Read Also : Corona Update Today 22 February 2022 पिछले 24 घंटे में सामने आए 13,405 नए मामले, 235 लोगों ने गंवाई जान
Also Read : New Guidelines of Corona Released 14 फरवरी से लागू, विदेशी यात्रियों को मिली होम क्वारंटाइन से छूट
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.