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SPACE: बस चंद घंटे में धरती की ओर स्पेस से आ रही है 'बड़ी मुसीबत', जानें कितनी हैं खतरनाक

Big trouble from space इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली। वैज्ञानिकों और खगोलशास्त्री लगातार अंतरिक्ष के बारे में अधिक जानकारी जुटाने में लगे रहते हैं। हम बीते सालों में अपने स्पेस के बारे में बहुत ज्यादा जानकारियां जुटाने में सफल हुए हैं। ज्यादा रिसर्च होने का ही नतीजा है कि अब हम पृथ्वी के पास से गुजरने […]

BY: India News Desk • UPDATED :
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Big trouble from space

इंडिया न्यूज़, नई दिल्ली। वैज्ञानिकों और खगोलशास्त्री लगातार अंतरिक्ष के बारे में अधिक जानकारी जुटाने में लगे रहते हैं। हम बीते सालों में अपने स्पेस के बारे में बहुत ज्यादा जानकारियां जुटाने में सफल हुए हैं। ज्यादा रिसर्च होने का ही नतीजा है कि अब हम पृथ्वी के पास से गुजरने वाले एस्टेरॉयड के बारे जान पाते हैं। आपको बता दें कि बीते 10 दिनों में दो एस्टेरॉयड पृथ्वी से होकर गुजरे हैं। वहीं अब 9 मई, सोमवार को भी एक काफी बड़ा एस्टेरॉयड पृथ्वी के नजदीक से गुजरने वाला है।

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9 मई को आ रहा एस्टेरॉयड
space.com की एक खबर के अनुसार सोमवार 9 मई को एक एस्टेरॉयड (Asteroid) पृथ्वी के बहुत करीब से होकर गुजरेगा।

Big trouble from space

NASA Photoइस एस्टेरॉयड का नाम 467460 (2006 JF42) है, लेकिन आपको बता दें कि NASA या किसी भी खगोलविद द्वारा इसे लेकर कोई चेतावनी नहीं दी है। क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि यह पृथ्वी को कोई नुकसान नहीं पहुंचाएगा। आपको बता दें कि शुक्रवार 6 मई को भी एक एस्टेरॉयड, जिसका नाम 2009 JF1 है, पृथ्वी के पास से होकर गुजर चुका है।

कितना बड़ा है ये एस्टेरॉयड
हम बात करें तो शुक्रवार 6 मई को पृथ्वी के पास से गुजरने वाले एस्टेरॉयड 2009 JF1 का व्यास केवल 30 फीट (10 मीटर) का था। इसे कुछ महीने पहले ही यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (European Space Agency) की वाच लिस्ट से हटा दिया गया था।

क्योंकि वैज्ञानिकों यह समझ गए थे कि इससे पृथ्वी को कोई नुकसान नहीं है, लेकिन एस्टेरॉयड 2006 JF42 कुछ ज्यादा बड़ा है। इसकी लंबाई 1,247 फीट से 2,822 फीट (380 से 860 मीटर) के बीच है। आपको बता दें कि यह हमारी पृथ्वी से तकरीबन 57 लाख किलोमीटर दूर से गुजरेगा। यह चंद्रमा और पृथ्वी की औसत दूरी से 14 गुना ज्यादा है।

NASA रखता है नजर
आपको बता दें कि नासा (NASA) पार्टनर टेलिस्कोप के नेटवर्क और अपने पेलैनेटरी डिफेंस कोऑर्डिनेशन ऑफिस (Planetary Defense Coordination Office) से सभी एस्टेरॉयड पर नजर रखता है, जहां पर यह मॉनीटरिंग की जाती है कि पृथ्वी के आसपास कितने फ्लाईबाई (Flybys) और छोटे एस्टेरॉयड हैं। आपको बता दें कि इस लिस्ट में वह एस्टेरॉयड भी शामिल होते हैं, जिन पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत होती है।

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