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India News (इंडिया न्यूज़), BJP-JJP, चंडीगढ़: हरियाणा में बीजेपी-जेजेपी गठबंधन में दरार देखा जा रहा है। नेताओं के तल्ख बयान आ रहे है। भाजपा नेता बिप्लब देब ने मंगलवार को कहा कि जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने हरियाणा में सरकार बनाने में हमारा समर्थन करके कोई “उपकार” नहीं किया है। इस बाद से अंदाजा लगाया जा सकता है की हरियाणा में सत्तारूढ़ गठबंधन में सब ठीक नहीं है।
जजपा ने 2019 में हरियाणा में सरकार बनाने के लिए भाजपा (BJP-JJP) के साथ गठबंधन किया। वर्तमान में, भाजपा के पास 41 सदस्य हैं, जबकि जेजेपी के पास 90 सदस्यीय विधानसभा में दस सदस्य हैं।
पिछले हफ्ते जननायक जनता पार्टी (BJP-JJP) के नेता दिग्विजय चौटाला ने कहा था कि सरकार में नाम मात्र की हिस्सेदारी होने के बावजूद उनके भाई डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला पार्टी द्वारा जनता से किए गए वादों को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं। उन्होंने कहा कि पूर्ण बहुमत होने पर उनकी पार्टी जनता से किए गए सभी वादों को पूरा करेगी।
हरियाणा में गठबंधन के बारे में बात करते हुए बिप्लब देब ने यहा तक कह दिया कि सरकार सुचारू रूप से चल रही है और निर्दलीय विधायक भी हमारा समर्थन कर रहे हैं। दिसंबर 2022, हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने वृद्धावस्था पेंशन बढ़ाने के लिए अपनी पार्टी के चुनाव पूर्व वादे के बारे में बात की था। उन्होंने कहा था, “मुझे भी दर्द महसूस हो रहा है। मैं वादा करता हूं कि जब तक यह बढ़ नहीं जाता, मैं इसे जारी रखूंगा।”
दिग्विजय चौटाला ने कहा कि वृद्धावस्था पेंशन जैसी कई मांगें थीं जो तभी संभव होगा जब दुष्यंत चौटाला (BJP-JJP) की कलम में पूरी स्याही होगी। जिसका अर्थ है कि दुष्यंत के मुख्यमंत्री बनने तक इंतजार करना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब जेजेपी 46 विधायकों के साथ सत्ता में होगी, तो जनता से किया गया हर वादा पूरा किया जाएगा।
इसके अलावा, हाल के पहलवानों के विरोध पर भी दोनों गठबंधन सहयोगियों ने अलग-अलग विचार व्यक्त किए। पहलवान डब्ल्यूएफआई प्रमुख और भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह पर लगे यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर जेजेपी उनका विरोध कर रही है। जबकि हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर सावधानी से चल रहे है।
दुष्यंत चौटाला ने हाल के अपने बयान में कहा था कि क्या हमें संगठन को दस सीटों तक सीमित करना है? बिल्कुल नहीं। क्या बीजेपी सिर्फ 40 सीटों तक सीमित करने के लिए लड़ेगी? बिल्कुल नहीं। दोनों पार्टियां 90 सीटों की तैयारी कर रही हैं। हम भविष्य में क्या तय करते हैं, यह भविष्य पर निर्भर करता है।
सत्तारूढ़ बीजेपी और जेजेपी के बीच तनाव और फिर विवाद बढ़ने की कई वजहें बताई जा रही है। राज्य कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन स्क्रीम बहाल करने की मांग का जेजेपी ने भी समर्थन किया था लेकिन, मुख्यमंत्री ने इस मांग को खारिज कर दिया है। राज्य में एक जनवरी 2006 के बाद भर्ती हुए करीब 1.5 लाख कर्मचारी नई पेंशन योजना लागू करने के फैसले से प्रभावित हैं। राज्य सरकार के लिए इस मुद्दे पर अपने रुख का बचाव करना मुश्किल होता जा रहा है। यह दोनों दलों के बीच मतभेद शुरू होने का पहला कारण बताया गया है।
2019 में चुनाव में बीजेपी ने अपने दम पर 10 सीटों पर जीत दर्ज की थी। जेजेपी आने वाले लोकसभा चुनाव में 3 सीट मांग रही है। इसको लेकर भी विवाद है। दुष्यंत चौटाल राज्य की उजाना सीट से विधायक है। विप्लव देव ने यहां से बीजेपी की प्रेमलता को अगला विधायक बता दिया। इसपर भी दोनों पार्टियों के बीच विवाद हुआ। अतीक की हत्या पर भी जेजेपी ने सवाल उठाए थे।
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