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Loksabha Chunav 2024: बसपा सुप्रीमो ने फिर चला यूपी के विभाजन का चुनावी दांव, जाट लैंड के लिए किया बड़ा वादा

BY: Raunak Pandey • LAST UPDATED : April 15, 2024, 2:23 am IST
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Loksabha Chunav 2024: बसपा सुप्रीमो ने फिर चला यूपी के विभाजन का चुनावी दांव, जाट लैंड के लिए किया बड़ा वादा

Loksabha Chunav 2024

India News (इंडिया न्यूज), Loksabha Chunav 2024: देश में लोकसभा चुनाव 2024 को लेकर राजनीतिक दलों की तरफ से तमाम वादे किए जा रहे हैं। बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने मुजफ्फरनगर के चुनावी सभा से एक बार फिर उत्तर प्रदेश विभाजन का कार्ड चला है। उन्होंने बसपा प्रत्याशी के समर्थन में रैली की। इस दौरान उन्होंने कहा कि अगर केंद्र में उनकी सरकार मजबूती के साथ आती है तो पश्चिम उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे। इस तरह से एक बार फिर विभाजन की बात चुनावी माहौल में सामने आ गई है। दरअसल, बसपा सुप्रीमो मायावती रविवार (14 अप्रैल) को लोकसभा चुनाव को देखते हुए सहारनपुर पहुंची थीं। यहां उन्होंने अपने प्रत्याशी के प्रचार में एक जनसभा को संबोधित किया। जिसके बाद उन्होंने मुजफ्फरनगर लोकसभा सीट के लिए जीआईसी मैदान में भी एक रैली को संबोधित किया।

मायावती क्या बोलीं?

बता दें कि, उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने कहा कि पश्चिमी यूपी में खासकर मुजफ्फरनगर जिले में हमने कोई भी दंगा नहीं होने दिया। सपा सरकार के दौरान जाट-मुस्लिम भाईचारे को तोड़ा गया। हमने जाट समाज की उपेक्षा नहीं की। मैं मुजफ्फरनगर से मुस्लिम प्रत्याशी को लड़ाना चाहती थी मगर दहशत में कोई नहीं लड़ा, फिर हरिद्वार से मुज़फ्फरनगर के मौलाना जमील को टिकट दिया है। देश में भ्रष्टाचार है और देश की सीमाएं सुरक्षित नहीं हैं। उन्होंने आगे कहा कि पिछले कई सालों से मुसलमानों का शोषण किया जा रहा है। केंद्र में सरकार बनने पर पश्चिमी उत्तर प्रदेश को अलग राज्य बनाने के लिए कठोर कदम उठाया जाएगा।

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बसपा के एजेंडे में प्रदेश विभाजन है शामिल

बता दें कि उत्तर प्रदेश में दो मांगे तो हर चुनाव में प्रमुखता से उठती रही हैं। पहला ‘जाट लैंड’ को अलग राज्य बनाया जाए तो वहीं, हाईकोर्ट की बेंच पश्चिमी उत्तर प्रदेश को भी मिले। इसके लिए आगरा और मेरठ का नाम भी चर्चा में रहा है। दरअसल बसपा लगभग हर चुनाव में प्रदेश विभाजन की मांग करती रही है। बसपा ने साल 2011 में उत्तर प्रदेश को 4 राज्यों में बांटने का प्रस्ताव दिया था। वह तब प्रदेश की मुख्यमंत्री थीं और इस दौरान उनके प्रस्ताव के मुताबिक, देश के सबसे बड़े राज्‍य (आबादी के लिहाज से) उत्तर प्रदेश को बांट कर 4 अलग-अलग राज्‍य बनाने की बात कही गई थी। जो राज्‍य बनते उनके नाम हरित प्रदेश, अवध प्रदेश, बुंदेलखंड और पूर्वांचल दिए गए थे।

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