संबंधित खबरें
‘केंद्रीय अर्धसैनिक बल, CISF और पुलिस के जवान पैसे लेते हैं तो…’ रिश्वत लेने वालों पर CM Mamata ने ये क्या कह दिया?
चलती बस से कूदी लड़की, बस में फैली यौन शोषण की…महिला के मेडिकल से हुआ बड़ा खुलासा
UP के इन 5 जगहों में नहीं लगेगा कोई फोन कॉल, CM Yogi के इस फैसले से ‘खास समुदाय’ की हो गई खटिया खड़ी
यूपी में भेड़िया के बाद बाघ का आतंक! हमले में किसान को उतारा मौत के घाट
पहले फाड़े कपड़े, तोड़ दिए दांत और आंखे, फिर मार-मार कर किया अधमरा, महिला के साथ बदमाशों ने की सारे हदें पार
CM Yogi का बड़ा तोहफा, Vikrant Massey की The Sabarmati Report को किया टैक्स फ्री
India News (इंडिया न्यूज़), Madras High Court: क्या आपने कभी ऐसा सोचा है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म व्हाट्सएप पर शेयर किए गए किसी भी पोस्ट पर थम्स अप इमोजी लगाने से समस्या पैदा हो सकती है। हाल ही में मद्रास हाई कोर्ट ने इसको लेकर एक अहम फैसला सुनाया है। कोर्ट ने कहा है कि किसी भी पोस्ट पर थम्स अप इमोजी लगाने को उस पोस्ट का समर्थन नहीं माना जा सकता, बल्कि इसे केवल उस सूचना की प्राप्ति की पुष्टि के तौर पर लिया जा सकता है। जस्टिस डी कृष्णकुमार और आर विजयकुमार की खंडपीठ ने कहा कि, थम्स अप इमोजी को ‘OK’ शब्द के विकल्प के रूप में माना जा सकता है न कि हत्या के जश्न के रूप में। खंडपीठ ने पद से हटाये गये रेलवे सुरक्षा बल (आरपीएफ) के सिपाही को भी बहाल करने का आदेश दिया है। इससे पहले, एकल पीठ ने उस कांस्टेबल को भी बहाल करने का आदेश दिया था, जिसे मेघालय में एक वरिष्ठ अधिकारी की हत्या से संबंधित व्हाट्सएप संदेश पर अंगूठे वाला इमोजी पोस्ट करने के लिए सेवा से हटा दिया गया था।
ये भी पढ़े- Bengaluru Cafe Blast: पकड़ा गया बेंगलुरु कैफे ब्लास्ट का मुख्य आरोपी, NIA कर रही पूछताछ;
बता दें कि, महानिदेशक रेलवे सुरक्षा बल बनाम नरेंद्र चौहान इस मामले की सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने कहा कि, ”हत्या से जुड़ी किसी भी पोस्ट पर अंगूठे वाले इमोजी को किसी भी हालत में क्रूर हत्या का जश्न मनाने वाला नहीं माना जा सकता। यह केवल इस तथ्य की स्वीकारोक्ति है कि याचिकाकर्ता [कांस्टेबल] ने उक्त संदेश देखा था। बता दें कि, साल 2018 में आरपीएफ कांस्टेबल नरेंद्र चौहान ने एक असिस्टेंट कमांडेंट की हत्या से जुड़े व्हाट्सएप मैसेज पर थम्स अप इमोजी पोस्ट किया था। जिसके बाद आरपीएफ ने इसे खराब आचरण मानते हुए कांस्टेबल को नौकरी से बर्खास्त कर दिया है। यह मैसेज ऑफिशियल वॉट्सऐप ग्रुप में शेयर किया गया था। चौहान को पद से बर्खास्त करते समय आरपीएफ ने दलील दी थी कि, चौहान द्वारा इमोजी शेयर करना नैतिक रूप से अधिकारी की हत्या का समर्थन करना है। जांच के बाद चौहान को पद से हटा दिया गया।
इस मामले के खिलाफ चौहान ने 2021 में हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। पिछले साल हाई कोर्ट की एकल पीठ ने फैसला सुनाया था कि चौहान ने गलती से थम्स अप इमोजी पोस्ट कर दिया था। इसके साथ ही कोर्ट ने चौहान को इस पद पर बहाल करने का आदेश दिया था। इस फैसले के खिलाफ आरपीएफ ने डबल बेंच में अपील की थी। वहां से भी आरपीएफ को निराशा हाथ लगी है।
ये भी पढ़े- Malaika और Nayantara की हुई मुलाकात, एफ 1 ग्रैंड प्रिक्स क्यो हुई स्पॉट
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.