इंडिया न्यूज, चंडीगढ़ :
Change the Rules and Regulations : पासपोर्ट बनवाने के लिए कुछ नियम-कानून बदल दिए गए हैं।
Change the Rules and Regulations
ऐसा फर्जी पासपोर्ट बनाने के अनेक मामले सामने आने के बाद किया गया है। अब पासपोर्ट बनवाने के लिए 2 गवाहों से काम नहीं चलेगा।
अब आवेदक की रिहायश जहां है, वहां के एमसी, सरपंच या मौजिज व्यक्ति को बतौर गवाह बनाकर सत्यापन की कार्रवाई की जाएगी।
अब गवाहों को थाने में नहीं बुलाया जाएगा, बल्कि पुलिस कर्मी आवेदक के घर जाकर सत्यापन करेगा। पासपोर्ट बनवाने के लिए जिन शैक्षणिक दस्तावेजों का इस्तेमाल किया जाता है, उनकी भी जांच की जाएगी।
इसके लिए संबंधित शिक्षण संस्थान में जाकर रिकार्ड से मिलान भी किया जाएगा कि शैक्षणिक दस्तावेज सही हैं भी या नहीं।
पासपोर्ट फर्जीवाड़े का गंभीर मामला उजागर होने के बाद मंडल के आईजी राकेश कुमार आर्य (IG Rakesh Kumar Arya) ने कड़ा संज्ञान लेते हुए उक्त दिशा-निर्देश मंडल के पांचों पुलिस अधीक्षकों को जारी कर दिए हैं।
आईजी के अनुसार थाना स्तर पर पुलिस अधिकारियों व कर्मचारियों द्वारा पासपोर्ट सत्यापन के दौरान लापरवाही बरती जा रही है।
अब ऐसा होने से रोकने के लिए ही मंडल के पांचों पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने जिलों में विशेष टीमों का गठन करने को कहा गया है।
उन्होंने कहा कि इन टीमों से वर्ष 2018 के बाद जारी हुए पासपोर्ट का रिकार्ड रीजनल पासपोर्ट कार्यालय (Regional Passport Office) से लेकर गहनता से पुन: सत्यापित करवाए जाएंगे।
इस दौरान किसी प्रकार की अनियमितताएं मिलीं तो नियमानुसार एक्शन लेकर प्रगति रिपोर्ट आईजी कार्यालय में भिजवाने को कहा गया है।
इस मामले में एसआईटी (SIT) ने बताया था कि गवाहों के सत्यापन को लेकर खानापूर्ति होती है। गौरतलब है कि फतेहाबाद के टोहाना में फर्जी पासपोर्ट का मामला उजागर हुआ था।
इसमें दर्ज अभियोग की जांच एसआईटी कर रही है। इसमें सामने आया है कि पासपोर्ट सत्यापन के लिए गवाहों को थाने में बुलाकर खानापूर्ति कर दी जाती है।
पुलिस केवल भरोसेमंद लोगों पर विश्वास करके रिपोर्ट बनाकर भेज देती है। आवेदक की तस्दीक के तौर पर शिक्षा का प्रमाण पत्र, आधार कार्ड, रिहायशी प्रमाण पत्र, मतदाता पहचान पत्र आदि दस्तावेज भी देखने-जांचने होते हैं लेकिन यहां भी लापरवाही बरतकर खानापूर्ति कर दी जाती है।
पासपोर्ट सत्यापन का काम संवेदनशील है। ऐसे में आवेदक के आवास पर जाकर सत्यापन होना चाहिए। पासपोर्ट के प्रोफार्मा में दर्शाए गए वर्तमान व स्थायी पते (current and permanent addresses) का भी मौके पर जाकर और पूर्ण रूप से तस्दीक करने के निर्देश दिए गए हैं।
हाल ही में पासपोर्ट के मामले में करनाल में बरती गई लापरवाही की पुनरावृत्ति न हो, यह भी पुलिस अधिकारियों और कर्मचारियों को सुनिश्चित करना होगा।
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