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India News (इंडिया न्यूज), Navjot Singh Sidhu: पूर्व क्रिकेटर नवजोत सिंह सिद्धू कैंसर के मामले में दिए गए बयान में बुरी तरह फंस गए हैं। दरअसल, कैंसर के आयुर्वेदिक इलाज के तौर पर नींबू पानी, कच्ची हल्दी और दालचीनी का सेवन करने की सलाह देने पर छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने उन्हें पत्र लिखकर 860 करोड़ रुपये का नोटिस भेजा है। सोसायटी के संयोजक डॉ. कुलदीप सोलंकी ने इस संबंध में कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू ने अपनी पत्नी नवजोत कौर सिद्धू के चौथे स्टेज के कैंसर को 40 दिन में ठीक करने का दावा किया है। सोसायटी ने कहा कि यह दावा कैंसर रोगियों को गुमराह करने वाला है। इससे लोगों का एलोपैथिक दवाओं पर से भरोसा उठ रहा है।
नवजोत कौर सिद्धू साल 2022 से कैंसर से पीड़ित थीं। नवजोत सिंह सिद्धू का यह भी कहना है कि जब उन्हें नवजोत कौर के कैंसर के बारे में पता चला तो वह जेल में थे। नवजोत कैंसर की चौथी स्टेज में थीं। ऐसे में उन्होंने कैंसर को मात दे दी है. जो वाकई किसी चमत्कार से कम नहीं है। सिद्धू पिछले कुछ दिनों में काफी एक्टिव भी हो गए हैं। वह नवजोत के साथ पंजाब की सड़कों पर घूमते भी नजर आए। इससे पहले उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर बताया था कि कैसे नवजोत ने 40 दिनों के अंदर कैंसर से जंग जीत ली। यही विवाद बाद में उनकी मुसीबत का सबब बन गया।
दरअसल, कुछ समय पहले पत्रकारों को संबोधित करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने कहा था कि अब मेरी पत्नी (नवजोत कौर) कैंसर से मुक्त हो गई है। उन्होंने कहा कि डॉक्टर ने कहा है कि इसके पांच प्रतिशत भी चांस नहीं हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस पर जोर देते हुए उन्होंने कहा कि यह प्रेस कॉन्फ्रेंस इसलिए भी जरूरी है ताकि मैं आप लोगों के साथ साझा कर सकूं कि कैसे नवजोत चालीस दिन में कैंसर से जंग जीतकर वापस आई।
इस दौरान नवजोत सिंह ने कहा कि नवजोत कौर का कैंसर चौथी स्टेज पर पहुंच गया था। डॉक्टरों ने चांस 3 प्रतिशत तक बताए थे। उस दौरान मैं रोजाना चार से पांच घंटे पढ़ाई करता था। नवजोत ने कहा कि कई लोग पूछते हैं कि आपके पास करोड़ों रुपये हैं। लेकिन आम आदमी कैसे इलाज करा सकता है। उन्होंने कहा कि नीम के पत्तों का क्या भाव है, कच्ची हल्दी का क्या भाव है, नींबू और सिरके का क्या भाव है। ये वो चार-पांच बातें थीं, जिनसे मुझे अहसास हुआ कि कैंसर को हराया जा सकता है।
सिद्धू के इस बयान से चिकित्सा क्षेत्र में हलचल मच गई। टाटा मेमोरियल अस्पताल के कुल 262 पूर्व और वर्तमान कैंसर विशेषज्ञों द्वारा हस्ताक्षरित बयान में कहा गया कि सिद्धू ने अपने दावे के समर्थन में कोई सबूत पेश नहीं किया है। इसमें कहा गया कि इनमें से कुछ उत्पादों पर शोध जरूर चल रहा है, लेकिन फिलहाल कैंसर रोधी तत्व के रूप में इनके इस्तेमाल की सिफारिश करने वाला कोई क्लीनिकल डेटा नहीं है।
छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी के डॉ. सोलंकी ने कहा कि सोसायटी ने कानूनी नोटिस भेजकर सात दिन के भीतर इलाज के दस्तावेज पेश करने और माफी मांगने की मांग की है। ऐसा नहीं करने पर 100 मिलियन डॉलर यानी 850 करोड़ रुपये का हर्जाना मांगा जाएगा।छत्तीसगढ़ सिविल सोसायटी ने लिखा है कि नवजोत कौर सिद्धू के पास अपने पति के दावों के समर्थन में कोई प्रमाणित दस्तावेज या मेडिकल सबूत नहीं है। उन्हें एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित कर इस पर स्पष्टीकरण देना चाहिए, क्योंकि इससे दूसरे कैंसर मरीज भ्रमित हो रहे हैं। सिद्धू के बयानों पर भरोसा करके लोग अपनी जान से खेल रहे हैं।
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