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India News (इंडिया न्यूज), BJP in BJP: उत्तर प्रदेश की राजनीति में उथल-पुथल का दौर जारी है। सीएम योगी और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच तनातनी साफ नजर आ रही है। यूपी सरकार ये जरूर कह रही है कि राज्य में सब कुछ ठीक चल रहा है, लेकिन पांच बातें ऐसी हैं जो बताती हैं कि यूपी में सब कुछ ठीक चल रहा है। पार्टी में तकरार की आवाज बाहर तक गूंज रही है कहा जा रहा है कि योगी की ये मुलाकात उनके और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के बीच आई दूरियों की वजह से है। याद हो कि 14 जुलाई को केपी ने कहा था कि संगठन सरकार से बड़ा है। यह बयान पार्टी प्रमुख जेपी नड्डा की मौजूदगी में राज्य भाजपा की कार्यकारी समिति की बैठक में की गई थी। आपको बता दें कि मौर्य की तरफ से यूपी के सीएम योगी पर जवाबदेही के लिए दबाव भी डाला गया था। इससे अटकलें तेज हुई हैं कि बीजेपी में अभी कुछ भी सही नहीं है।
1. उत्तर प्रदेश में ऑल इस नॉट वेल का पहला कारण सरकारी अधिकारियों की लापरवाही। सांसदों और विधायकों ने आरोप लगाया है कि सरकारी अधिकारी जनप्रतिनिधियों के प्रोटोकॉल फॉलो नहीं कर रहे। इतना ही नहीं भ्रष्टाचार भी कर रहे हैं। कड़ी कार्रवाई करने की भी मांग की गई है2.दूसरी वजह यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ और डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य की हो रहीं अलग-अलग मुलाकातें हैं। दरअसल, योगी आदित्यनाथ और केशव प्रसाद मौर्य विधायकों और सांसदों से मिल रहे हैं उनके साथ बैठक कर रहे हैं, लेकिन ये बैठकें वे एक साथ नहीं बल्कि अपने आवास पर अलग-अलग कर रहे हैं।
3.तीसरा कारण पर नजर डालें तो शक्ति प्रदर्शन है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की बैठक के लिए दिल्ली जा रहे हैं। ऐसे में कहा जा रहा है कि दिल्ली बैठक से पहले दोनों नेता सामूहिक रूप से अपना- अपना शक्ति प्रदर्शन कर रहे हैं।
4. अगर आप चौथे कारण पर नजर डालेंगे तो सियासी खेमेबाजी किसी से छिपी नहीं है। कुछ ही दिन पहले यूपी सरकार में मंत्री संजय निषाद के भी बोल बिगड़े हुए लग रहे थे। उन्होनें योगी के बुलडोजर मॉडल के खिलाफ कहा था। जिसमें वो बोल रहे थे कि उसे जनता नाराज ही होगी। इतनी ही नहीं वहीं सिराथू से केशव प्रसाद मौर्य को चुनाव में मात देने वाली पलवी पटेल की मुलाकात सीएम योगी से हुई जिसने सियासी गहमा गहमी को और बढ़ा दिया। बहती गंगा में हाथ धोने का काम अखिलेश यादव ने भी खूब किया है जो केशव के कंधे पर गोलियां दागते हुए नजर आए। इतना ही नहीं वो तो मौर्य को एक खास ऑफर भी देते हुए नजर आए थे। जिसमें वो कह रहे थे कि 100 विधायक लाओ और सरकार बनाओ। इस बयान ने भी खूब सुर्खियां बटोरीं थी।
5. पांचवा कारण जिसे खटास की वजह मानी जा रही है वो है 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव और पुलिस भर्ती के पेपर लीक होने के बाद दोबारा बिना पेपर लीक हुए ही उन परीक्षाओं को कंडक्ट करवाना। आपको बता दें कि परीक्षा में कुल 48 लाख लोग शामिल होने वाले थे।
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