इंडिया न्यूज, नई दिल्ली:
भारत सरकार ने हाल ही में गेहूं की कीमतों को नियंत्रित करने के लिए बड़ा कदम उठाते हुए इसके निर्यात पर रोक लगा दी थी। सरकार के इस निर्णय के बीच मिस्र के सप्लाई मिनिस्टर अली मोसेल्ही ने अपने एक बयान में कहा है कि “उनकी सरकार भारत से पांच लाख टन गेहूं खरीदेगी।”
मोसेल्ही ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद बताया कि “हम भारत से पांच लाख टन गेहूं खरीदने को तैयार हो गए हैं।” आपको बता दें कि दुनिया में गेहूं के सबसे बड़े आयातकों में से एक मिस्र को यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से गेहूं मिलना लगभग बंद हो गया है। क्यूंकि रूस और यूक्रेन दोनों ही देश दुनिया गेहूं के सबसे बड़े निर्यातक हैं। रूस के हमले की वजह से सस्ते ब्लैक सी ग्रेन की बिक्री नहीं हो रही है। मिस्र इसके निर्यात के विकल्प खोजने में लगा है।
भारत सरकार ने शनिवार को गेहूं के निर्यात पर रोक लगाने का ऐलान किया था। देश में कीमतों को स्थिर करने के लिए इसके निर्यात पर रोक लगाने का फैसला किया था। भारत में गेहूं के घरेलू उत्पादन पर लगाम लगाने और घरेलू स्तर पर कीमतें बढ़ाने के बीच गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का ऐलान किया गया था।
मोसेल्ही ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि “गेहूं खरीद को लेकर मिस्र के साथ हुए समझौते पर भारत सरकार का निर्यात बैन का फैसला लागू नहीं होगा। मिस्र की कैबिनेट ने सरकारी खरीदार को अपनी टेंडर प्रक्रिया को दरकिनार कर गेहूं सीधे देशों या कंपनियों से खरीदने को मंजूरी दी थी। मिस्र, कजाखस्तान, फ्रांस और अर्जेंटीना के साथ भी बातचीत कर रहा था।
इससे पहले मिस्र के प्रधानमंत्री ने कहा था कि “मिस्र के पास चार महीने का रिजर्व और छह महीने का वेजिटेबल ऑयल बचा है।” एक अनुमान के अनुसार स्थानीय फसल की खरीद के बाद मिस्र का गेहूं भंडारण साल के अंत तक पर्याप्त रहेगा।
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