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India News (इंडिया न्यूज़), Electoral Bonds: देश में चुनावी बांड (Electoral bonds) को लेकर काफी चर्चा है। सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) को फटकार लगाई है। साथ ही चुनावी बांड से संबंधित सभी विवरणों का खुलासा करने का निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से साफ कर दिया गया कि वह चयनात्मक नहीं हो सकता है और उसे अपने पास मौजूद सभी विवरणों का खुलासा करना होगा। जिसमें अल्फा-न्यूमेरिक विशिष्ट नंबर भी शामिल हैं, जो लिंक का खुलासा करेंगे।
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भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पांच न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने चुनावी बांड मामले में अपने फैसले में एसबीआई से बांड के सभी विवरण का खुलासा करने को कहा था और उसे इस पहलू पर अगले आदेश की प्रतीक्षा नहीं करनी चाहिए।
बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के पहले आदेश में SBI को सभी डिटेल्स को साक्षा करने को कहा गया था। जिसके बाद SBI ने डिटेल्स को 14 मार्च को अपलोड कर दिया। हालांकि उसमें अल्फा-न्यूमेरिक नंबरों का खुलासा नहीं किया गया। जिसके बाद 15 मार्च को सुप्रीम कोर्ट ने देश के सबसे बड़े बैंक को अपने निर्देशों के अनुपालन में अद्वितीय अल्फा-न्यूमेरिक नंबरों का खुलासा न करने का कारण बताने के लिए एक नोटिस जारी किया था।
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बता दें कि प्रत्येक बांड का एक अलग अल्फ़ान्यूमेरिक कोड दिया जाता है। जिसे एसबीआई ने रिलीज नहीं किया है। इस अलग अल्फ़ान्यूमेरिक कोड के माध्यम से संबंधित प्राप्तकर्ता पक्षों के साथ दाताओं के सहसंबंध भी जान पाएंगे। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि वर्तमान में, एसबीआई ने चुनाव आयोग को दो साइलो में डेटा दिया है। पहला दानकर्ता जिन्होंने बांड खरीदे और दूसरा प्राप्तकर्ता जिन्होंने उन्हें भुनाया। हालांकि इसमें से लिंक गायब है।
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