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India News(इंडिया न्यूज),EVM: इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन जिसे आसान भाषा में ईवीएम कहते है लगातार रूप से उसके ऊपर सवाल खड़े होते रहे है। जिसके बाद इस मामले पर चुनाव आयोग ने एक बार फिर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि, इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों के साथ छेड़छाड़ नहीं किया जा सकता है। इसके साथ हीं चुनाव आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया कि, तकनीकी उपायों और आयोग की डिजाइन की गई सख्त प्रशासनिक और सुरक्षा प्रक्रियाओं के कारण ईवीएम फूलप्रूफ है। बता दें कि, सुप्रीम कोर्ट में पिछले दिनों दाखिल हलफनामे में आयोग ने कहा था कि, ईवीएम छेड़छाड़ योग्य नहीं है। सुरक्षा और तकनीकी उपाय ऐसे हैं कि इसके तहत किसी भी अनधिकृत व्यक्ति को ईवीएम/वीवीपीएटी तक पहुंच नहीं है। यह किसी भी छेड़छाड़ या हेरफेर से सुरक्षित हैं।
इसके अलावा चुनाव आयोग ने वीवीपीएटी रिकॉर्ड व ईवीएम डाटा के पूर्ण सत्यापन की मांग करने वाली याचिका का विरोध करते हुए कहा, यह अस्पष्ट और निराधार आधार पर ईवीएम और वीवीपैट की कार्यप्रणाली पर संदेह पैदा करने का एक और प्रयास है। इसके आगे आयोग का यह हलफनामा गैर-सरकारी संगठन एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की जनहित याचिका पर आया है। अपने जवाब में चुनाव आयोग ने तर्क दिया है कि, सभी वीवीपीएटी पेपर पर्चियों को मैन्युअल रूप से गिनने, जैसा कि सुझाव दिया गया है, से न सिर्फ अधिक श्रम और समय लगेगा बल्कि इससे मानवीय त्रुटि और शरारत का भी खतरा होगा।
वहीं चुनाव आयोग के मुख्य निर्वाचन आयुक्त राजीव कुमार ने मजाकिया लहजे में कहा कि, अगर ईवीएम बोल सकती तो कहती कि मुझ पर जिसने तोहमत लगाई मैंने उसके घर की भी लाज रखी है। कुमार ने बैलेट पेपर पर वापस जाने को प्रतिगामी कदम बताते हुए इसे सिरे से खारिज कर दिया।
जानकारी के लिए बता दें कि, इससे पहले भी सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस संजीव खन्ना की पीठ ने एडीआर के वकील प्रशांत भूषण को फटकार लगाते हुए कहा था कि, बार-बार इस मामले को क्यों उठाया जा रहा है। निर्वाचन आयोग ने हलफनामे में स्पष्ट रूप से बताया है कि ईवीएम में किसी तरह के हेरफेर की गुंजाइश नहीं है। ऐसा पहले भी कई बार बताया जा चुका है लेकिन हर छह महीने में फिर से इस मुद्दे को उठाया जाता है। शीर्ष अदालत ने भूषण की ओर से मामले में तत्काल सुनवाई की मांग को दरकिनार कर दिया।
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