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हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों ने फैलाई गंदगी, अब हाईकोर्ट ने उठाया यह सख्त कदम

BY: Raunak Pandey • LAST UPDATED : July 27, 2024, 12:45 am IST
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हिमाचल प्रदेश में पर्यटकों ने फैलाई गंदगी, अब हाईकोर्ट ने उठाया यह सख्त कदम

Himachal Pradesh Tourism

India News (इंडिया न्यूज), Himachal Pradesh Tourism: हिमाचल प्रदेश में घूमने के लिए पर्यटक देश-विदेश से आते हैं। इस दौरान वो हिमाचल की खूबसूरत वादियों में गंदगी भी फैला देते हैं। जिसको देखते हुए हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य सरकार को सुझाव दिया है कि पर्यटकों के लिए अपने साथ कचरा बैग ले जाना अनिवार्य किया जाए। ताकि वे अपनी यात्रा के दौरान उत्पन्न होने वाले किसी भी कचरे को साफ कर सकें। जस्टिस तरलोक सिंह चौहान और सुशील कुकरेजा की पीठ ने राज्य सरकार से कहा कि वह गोवा और सिक्किम जैसे राज्यों द्वारा सतत पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उठाए गए कदमों से सीख ले।

हाईकोर्ट ने दिया यह सुझाव

बता दें कि, पीठ ने 19 जुलाई के अपने आदेश में कहा कि सभी पर्यटन स्थलों में स्थिरता को बढ़ावा देने और इस लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में सामुदायिक भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए, राज्य को सिक्किम सरकार से सीख लेनी चाहिए। जिसमें राज्य में प्रवेश करने वाले सभी पर्यटक वाहनों के लिए अपने वाहनों में एक बड़ा कचरा बैग ले जाना अनिवार्य कर दिया गया है। साथ ही संबंधित टूर ऑपरेटरों, ट्रैवल एजेंसियों और वाहन चालकों पर कचरा संग्रह और निपटान के लिए कचरा बैग के उपयोग के बारे में जानकारी प्रसारित करने की जिम्मेदारी डाली गई है। दरअसल, अदालत का यह आदेश हिमाचल प्रदेश में पर्यावरण संबंधी चिंताओं से संबंधित याचिकाओं के एक समूह पर आया है। अदालत ने राज्य सरकार को पर्यटकों पर ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क लगाने पर विचार करने का भी सुझाव दिया था।

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पर्यावरण को लेकर चिंता किया जाहिर

अदालत ने आदेश में अपशिष्ट प्रबंधन की चिंताओं के लिए कई निर्देश सूचीबद्ध किए। इनमें शामिल हैं:-

  1. ट्रेकर्स द्वारा ले जाए जा रहे कचरे का ऑडिट करें और उपयोगकर्ता शुल्क एकत्र करें, जो अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण प्रयासों में योगदान देता है।
  2. चेकपॉइंट्स पर छोटे सूखे अपशिष्ट भंडारण सुविधाएं स्थापित करें। ये इकाइयां एकत्रित कचरे के लिए अस्थायी भंडारण के रूप में काम करेंगी जब तक कि इसे केंद्रीय अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाओं में नहीं ले जाया जा सकता।
  3. संबंधित पंचायत, पर्यटन विकास निगम (टीडीसी), इकोटूरिज्म सोसायटी और गैर-सरकारी संगठनों (एनजीओ) के प्रतिनिधियों वाली समितियां बनाएं। ये समितियां अपशिष्ट प्रबंधन, जीर्णोद्धार कार्य और बचाव कार्यों की देखरेख के लिए जिम्मेदार होंगी।
  4. सुनिश्चित करें कि चेकपॉइंट पर एकत्र किए गए उपयोगकर्ता शुल्क का पारदर्शी तरीके से प्रबंधन किया जाए। उसका उपयोग अपशिष्ट प्रबंधन और पर्यावरण संरक्षण गतिविधियों के लिए किया जाए।
  5. अदालत ने हिमाचल प्रदेश सरकार को संबंधित गैर सरकारी संगठनों को जोड़कर पंचायतों और शहरी स्थानीय निकायों के लिए अपशिष्ट पृथक्करण, सामग्री पुनर्प्राप्ति सुविधाओं पर प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने का निर्देश दिया।

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