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India News (इंडिया न्यूज़), Hit and Run Case Law: भारत सरकार ने भारतीय कानूनों में बदलाव का प्रस्ताव पेश किया है, इस कानून के बाद वाहन चालक सड़क हादसे के बाद बच नहीं सकता। नए नियमो के मुताबिक वाहन चालक को पुलिस के पास जाकर सूचना देनी होगी। वरना पुलिस ने पकड़ा तो कम से कम 10 साल की सजा हो सकती है।
हादसों को लेकर जनता में एक बात मशहूर है कि वाहन चालक किसी को कुचल कर भी वाहन चालक पुलिस थाने से ही जमानत पाकर छूट जाता है, लेकिन हादसे में घायल व्यक्ति या मृतक के परिजन अस्पताल में इलाज कराने या शव लेने के लिए पुलिस और अस्पताल के चक्कर काटते रह जाते हैं। कई मामलों में देखा गया है दोष सिद्ध होने पर सिर्फ कोर्ट में जुर्माना भरकर आरोपी छूट भी जाता है।
आपराधिक कानून में बदलाव को लेकर प्रस्तावित भारतीय न्याय संहिता 2023 में अगर किसी की लापरवाही से किसी शख्स की मौत हो जाती है तो ऐसे में आरोपी के लिए छूटना आसान नहीं होगा। IPC की धारा 104 के तहत जल्दबाजी या लापरवाही से हुई मौत के केस में पहले दो साल की सजा या जुर्माना या फिर दोनों का प्रावधान था, अब प्रस्तावित विधेयक कानून में इसके लिए कम से कम 7 साल कैद और जुर्माना दोनों देने का प्रावधान किया गया है। ऐसा कोई अपराध जो गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में नहीं आता है, जिसमें आरोपी घटना स्थल से भाग जाता है या घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस अधिकारी या मजिस्ट्रेट को घटना की रिपोर्ट करता नहीं है ऐसे मामले में उसे दोनों प्रकार यानी कैद और नगद जुर्माना से दंडित किया जाएगा। इसकी सजा की अवधि 10 वर्ष तक हो सकती है, और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
भारतीय दंड संहिता ने किसी की “लापरवाही” के कारण होने वाली मौत की सजा में बढ़ोतरी कर दी है। नए कोड की धारा 104 में कहा गया है, अगर किसी शख्स की लापरवाही से किसी की मौत हो जाती है, तो इससे जुड़े नए की धारा 104 में दो बातें दर्ज की गई हैं।
1. अगर किसी शख्स की लापरवाही से गैर इरादतन हत्या में शामिल न होने वाले जरिए से किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है, तो उसे किसी तय समय के लिए जेल होगी जिसे सात साल तक बढ़ाया जा सकता है, और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
2. अगर कोई भी लापरवाही से या गैर इरादतन हत्या की श्रेणी में न आने वाला कार्य करके किसी व्यक्ति की मौत का कारण बनता है और वो व्यक्ति घटना स्थल से भाग जाता है या घटना के तुरंत बाद किसी पुलिस थाने या मजिस्ट्रेट को घटना की रिपोर्ट नहीं करता है, तो उसे कारावास से दंडित किया जाएगा उस व्यक्ति को जेल हो सकती है, जिसे 10 साल तक बढ़ाया जा सकता है, और जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
ये बिल संसद में लाए जाने के बाद लागू हो गए तो इसके बाद, ये बिल उन लोगों के लिए मुश्किलें पैदा करेगा, जिनकी वजह से किसी की मौत हो जाए या फिर किसी को गंभीर चोट लग जाए, इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि नागरिक अपनी जिम्मेदारियों को गंभीरता और सम्मान के साथ निभाएं।
इस प्रस्तावित बिल का एक महत्वपूर्ण पहलू जवाबदेही में बदलाव है, यदि प्रावधान लागू हो जाता है, तो लोगों को उनकी लापरवाही के परिणामों के लिए दोशी ठहराया जाएगा। इस व्यापक प्रावधान के गंभीर निहितार्थ हैं, जिनमें इंजीनियरिंग फर्मों, अस्पतालों और सार्वजनिक परिवहन जैसी पेशेवर सेटिंग्स सहित अन्य शामिल हैं। इस नये कानून के तहत हर नागरिक को अपने कर्तव्यों को पूरी लगन से निभाना चाहिए। यह जानते हुए कि हमारी एक चूक संभावित रूप से किसी की मृत्यु और भारी कानूनी परिणामों का कारण बन सकती है।
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