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Drone Infiltration: तीन साल में 53 बार पाकिस्तान की तरफ से ड्रोन भेजे गए, हथियार और ड्रग्स तस्करी का लगातार प्रयास

India News (इंडिया न्यूज़), Drone Infiltration, दिल्ली: गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक ने मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि राष्ट्र विरोधी तत्व और तस्कर हथियारों की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। पंजाब राज्य में भारत-पाकिस्तान सीमा से इसका इस्तेमाल ड्रग्स तस्करी के लिए किया जा […]

BY: Roshan Kumar • UPDATED :
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India News (इंडिया न्यूज़), Drone Infiltration, दिल्ली: गृह राज्य मंत्री निसिथ प्रमाणिक ने मंगलवार को लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि राष्ट्र विरोधी तत्व और तस्कर हथियारों की तस्करी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रहे हैं। पंजाब राज्य में भारत-पाकिस्तान सीमा से इसका इस्तेमाल ड्रग्स तस्करी के लिए किया जा रहा है।

  • सरकार ने कई उपाय किए
  • हथियार और ड्रग्स भेजे जाते
  • इस साल 30 जून तक के आकंड़े

गृह मंत्रालय ने जानकारी दी जिसमें कहा गया कि पिछले तीन वर्षों में (इस साल 30 जून तक) हथियारों/नशीले पदार्थों की तस्करी में शामिल ड्रोन की बरामदगी की 53 घटनाओं का पता चला है। निसिथ प्रमाणिक ने कहा कि इस संबंध में सरकार की तरफ से लगातार कदम उठाए जा रहे है। सीमा पर बीएसएफ की तरफ से चौबीसों घंटे निगरानी की जा रही है। जिसमें गश्त करना, नाका लगाना, निगरानी चौकियों सहित कई उपाय शामिल है।

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Drone Infiltration

फ्लड लाइट लगाए गए

गृह राज्य मंत्री के अनुसार, अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सीमा बाड़ का निर्माण, अंधेरे के दौरान क्षेत्र को रोशन करने के लिए बाड़ के साथ सीमा फ्लड लाइट की स्थापना और खुफिया नेटवर्क को मजबूत करना और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय लगातार स्थापित किया जा रहा।

कई उपाय किए गए

मंत्री निसिथ प्रमाणिक ने कहा कि सीसीटीवी/पीटीजेड कैमरे, आईआर सेंसर और इन्फ्रारेड अलार्म से लैस वाहनों और अतिरिक्त विशेष निगरानी उपकरणों और एकीकृत निगरानी तकनीक को तैनात करके निगरानी को मजबूत करने का काम किया जा रहा है। अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर कमांड एवं कंट्रोल सिस्टम भी स्थापित किया गया था।

एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात

जानकारी के अनुसार, ड्रोन के खतरों से निपटने के लिए पंजाब के सीमावर्ती इलाकों में एंटी-ड्रोन सिस्टम तैनात किए गए हैं। इसके अलावा, एक एंटी-रग ड्रोन एसओपी तैयार किया गया है और इसका पालन किया जा रहा है। ऐसे किसी भी ड्रोन के बारे में पता चलते ही स्थानीय पुलिस को तुरंत सूचित किया जाता है। ड्रोन के गिराए जाने वाले संदिग्ध क्षेत्रों में नियमित रूप से डेप्थ नाके लगाए जाते हैं।

लोगों को जागरूक किया गया

मंत्री प्रमाणिक ने यह भी कहा कि सीमावर्ती क्षेत्रों में आम जनता को ऐसी यूएवी/ड्रोन गतिविधियों, उनके संभावित सुरक्षा निहितार्थों के बारे में जागरूक किया गया है। मएचए ने डीजी बीएसएफ की देखरेख में एंटी रॉग ड्रोन टेक्नोलॉजी कमेटी (एआरडीटीसी) की स्थापना की है, जिसका उद्देश्य इन ड्रोन का मुकाबला करने के लिए उपलब्ध तकनीक का मूल्यांकन करना और ड्रोन से निपटने में इसकी प्रभाव को साबित करना है।

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