इंडिया न्यूज, प्रयागराज:
सोमवार को अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी (Narendra Giri) की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी। उनकी इस अकस्मात् मृत्यु ने सबको चौंका दिया है। आज चहुंओर महंत नरेंद्र (Narendra Giri) गिरी की संदिग्ध मौत का मामला गूंज रहा है। उनका शव प्रयागराज के उनके बाघंबरी मठ में ही फंदे से लटका मिला। उनकी मौत को लेकर अलग-अलग एंगल सामने आ रहे हैं।
शुरूआती तौर पर उनकी मौत की वजह आत्महत्या बताई जा रही है। लेकिन पुलिस का शक उनके शिष्य आनंद गिरी की तरफ जा रहा है। क्योंकि उन्होंने अपने सुसाइड नोट में आनंद गिरी का जिक्र करते हुए लिखा है कि उसकी वजह से वह काफी परेशान थे। और इसी आधार पर आनंद गिरी को गिरफ्तार भी कर लिया गया है। नरेंद्र गिरि (Narendra Giri) की मौत का मामला लगातार उलझ रहा है। इस मामले में संपत्ति का विवाद सबसे अहम माना जा रहा है। आइए हम आपको बताते हैं कि जिस अखाड़े के महंत थे नरेंद्र गिरि, उसके पास कितनी संपत्ति है।
अल्लापुर इलाके में बाघम्बरी गद्दी और मठ करीब 5-6 बीघे जमीन में है। यहां निरंजनी अखाड़े के नाम एक स्कूल और गौशाला चलता है। दारागंज में भी अखाड़े की जमीन है। संगम तट पर लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर भी बाघम्बरी मठ के अंदर आता है। यहां प्रयागराज और संगम आने वाले सभी श्रद्धालु मत्था जरूर टेकते हैं।
मांडा (प्रयागराज) में 100 बीघा और मिजार्पुर के महुआरी में भी 400 बीघे से ज्यादा की जमीन बाघम्बरी मठ के नाम है। इसके अलावा मिजार्पुर के नैडी में 70 और सिगड़ा में 70 बीघा जमीन अखाड़े की है। एक अनुमान के मुताबिक, प्रयागराज और आसपास के इलाकों में निरंजनी अखाड़े के मठ, मंदिर और जमीन की कीमत 300 करोड़ से ज्यादा की है। हरिद्वार और दूसरे राज्यों में संपत्ति की कीमत जोड़े तो वो हजार करोड़ के पार हो जाएगी।
निरंजनी अखाड़े की कुंभ नगरी उज्जैन और ओंकारेश्वर में 250 बीघा जमीन, आधा दर्जन मठ और दर्जनभर आश्रम हैं। कुंभ नगरी नासिक में 100 बीघा से अधिक जमीन, दर्जनभर आश्रम और मंदिर हैं। बड़ोदरा, जयपुर, माउंटआबू में भी करीब 125 बीघा जमीन, दर्जन भर मंदिर और आश्रम हैं। हरिद्वार स्थित मुख्यालय के अधीन दर्जनभर मठ-मंदिर हैं। नोएडा में मंदिर और 50 बीघा जमीन है। वाराणसी में मंदिर और आश्रम के साथ करोड़ों की जमीन है।
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