होम / Lok Sabha Election: बुरे फंसे राहुल गांधी! 200 वाइस चांसलर और शिक्षाविदों ने इस मामले में कार्रवाई की उठाई मांग-Indianews

Lok Sabha Election: बुरे फंसे राहुल गांधी! 200 वाइस चांसलर और शिक्षाविदों ने इस मामले में कार्रवाई की उठाई मांग-Indianews

Shubham Pathak • LAST UPDATED : May 6, 2024, 11:44 am IST

India News(इंडिया न्यूज),Lok Sabha Election: देश में चल रहे लोकसभा चुनाव के बीच कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी की मुश्किलें एक बार फिर बढ़ती हुई दिख रही है। जहां विश्वविद्यालयों के पूर्व और वर्तमान प्रमुखों सहित 181 शिक्षाविदों ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ उनके इस दावे के लिए कार्रवाई की मांग की है कि कुलपतियों (वीसी) की नियुक्ति योग्यता के बजाय केवल संगठन से संबद्धता के आधार पर की गई थी।

  • राहुल गांधी पर विद्वानों का गुस्सा
  • जेएनयू के कुलपति ने दिया तर्क

विद्वानों का फूटा गु्स्सा

विद्वानों ने राहुल गांधी पर कार्रवाई को लेकर एक पत्र जारी किया जिसका शिर्षक “मशाल उठाने वालों को जलाया जा रहा है देते हुए शिक्षाविदों ने कहा कि राहुल गांधी ने उस प्रक्रिया की योग्यता पर सवाल उठाया है जिसके माध्यम से कुलपतियों की नियुक्ति की जाती है। शिक्षाविदों ने कहा, “हम स्पष्ट रूप से और स्पष्ट रूप से ऐसे दावों को खारिज करते हैं।” उन्होंने गांधी पर “राजनीतिक लाभ उठाने के लिए” कुलपतियों को “झूठ और बदनाम करने” का सहारा लेने का आरोप लगाया।

ये भी पढ़े:-Prajwal Revanna Case: प्रज्वल रेवन्ना को दबोचने की तैयारी! SIT ने इंटरपोल से मांगी मदद -India News

जेएनयू के कुलपति का तर्क

जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के कुलपति शांतिश्री धुलीपुडी पंडित, दिल्ली विश्वविद्यालय के उनके समकक्ष योगेश सिंह, भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) रायपुर के निदेशक राम कुमार काकानी सहित हस्ताक्षरकर्ताओं ने तर्क दिया कि कुलपति के चयन की प्रक्रिया एक कठोर, पारदर्शी कठोर प्रक्रिया है जो योग्यता, विद्वत्तापूर्ण विशिष्टता और ईमानदारी के मूल्यों पर आधारित है। बता देंकिइसके साथ ही गांधी ने कहा है कि कुलपतियों की नियुक्ति योग्यता के आधार पर नहीं बल्कि सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के वैचारिक स्रोत, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से उनके जुड़ाव के आधार पर की गई है।

जेएनयू के कुलपति का आरोप

मिली जानकारी के अनुसार शिक्षाविदों ने रेखांकित किया कि चयन अकादमिक और प्रशासनिक कौशल और विश्वविद्यालयों को आगे ले जाने की दृष्टि से किया गया है। पत्र में कहा गया है, “हमारे बीच प्रस्तुत शैक्षणिक विषयों और पेशेवर अनुभवों की श्रृंखला चयन प्रक्रिया की निष्पक्ष और समावेशी प्रकृति का प्रमाण है। यह एक ऐसा माहौल बनाने के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को दर्शाता है जो विविधता को महत्व देता है और बढ़ावा देता है, स्वतंत्र सोच को प्रोत्साहित करता है और शैक्षणिक उपलब्धि का समर्थन करता है। वहीं उन्होने कहा कि, ज्ञान के संरक्षक और शिक्षा के प्रशासक के रूप में हमारी क्षमता में, हम शासन की अखंडता, नैतिक व्यवहार और संस्थागत अखंडता के उच्चतम स्तरों को बनाए रखने के लिए एक अटूट प्रतिबद्धता बनाए रखते हैं।

ये भी पढ़े:-Terrorist Attack: ‘कांग्रेस ने चुनाव जीतने के लिए कराए थे 1971 के युद्ध?’ अनुराग ठाकुर ने पूर्व CM चन्नी पर किया पलटवार -India News

राहुल पर गुस्सा

इसके साथ ही शिक्षाविदों ने कहा कि वे सभी संबंधित हितधारकों से उत्पादक चर्चा और सक्रिय भागीदारी को प्रोत्साहित करते हैं, क्योंकि वे उच्च शिक्षा के प्रक्षेपवक्र को परिभाषित करने के लिए सहयोगात्मक रूप से प्रयास करते हैं। पत्र में कहा गया है, “हम इसमें शामिल सभी व्यक्तियों से दृढ़ता से आग्रह करते हैं कि वे तथ्य और कल्पना के बीच अंतर करने में विवेक का प्रयोग करें, निराधार अफ़वाहें फैलाने से बचें और संवाद में भाग लें जो अच्छी तरह से सूचित, रचनात्मक और गतिशील और समावेशी शैक्षिक वातावरण बनाने के हमारे साझा लक्ष्य का समर्थन करता हो। हम उच्च शिक्षा के क्षेत्र में योग्यता, अखंडता और उत्कृष्टता के सिद्धांतों के प्रति अपने दृढ़ समर्पण की पुष्टि करना चाहते हैं। एक सामूहिक पहल के रूप में, आइए हम सामाजिक परिवर्तन के उत्प्रेरक और उन्नति के सूत्रधार के रूप में अपने शैक्षिक प्रतिष्ठानों के प्रभाव को अधिकतम करने के लिए लगातार प्रयास करें।

Get Current Updates on News India, India News, News India sports, News India Health along with News India Entertainment, India Lok Sabha Election and Headlines from India and around the world.

ADVERTISEMENT

लेटेस्ट खबरें

ADVERTISEMENT