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India News (इंडिया न्यूज), Manipur Violence: मणिपुर से हिंसा की खबर फिर से सामने आ रही है। राज्य के जिरीबाम जिले से एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। जानकारी के मुताबिक, गुरुवार (7 नवंबर) रात को 31 वर्षीय आदिवासी महिला के साथ दुष्कर्म किया गया और फिर उसे जिंदा जला दिया गया। इस दौरान हथियारबंद हमलावरों ने गांव में फायरिंग के साथ ही लूटपाट और आगजनी की। साथ ही हमलावरों ने 17 घरों को जलाकर राख कर दिया। पुलिस के मुताबिक, इस घटना में पीड़िता के साथ सामूहिक दुष्कर्म किया गया और उसकी हत्या कर दी गई। वहीं पुलिस ने एफआईआर में नस्लीय और सामुदायिक आधार पर दुष्कर्म और हत्या का जिक्र किया है।
पीड़िता के पति ने पुलिस से शिकायत कर बताया कि यह कृत्य अवैध घुसपैठियों ने किया है, लेकिन हमलावरों की अभी तक पहचान नहीं हो पाई है। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, संदेह है कि हमलावर मणिपुर के स्थानीय इलाकों के हो सकते हैं। इंडीजिनस ट्राइबल एडवोकेसी कमेटी (आईटीएसी) ने बयान जारी कर कहा कि हमलावरों ने घरों में आग लगा दी और गांव में घुसते ही फायरिंग शुरू कर दी। इस दौरान ग्रामीण अपनी जान बचाने के लिए जंगल की ओर भागने लगे, लेकिन एक महिला फंस गई और उसकी बेरहमी से हत्या कर दी गई। यह घटना मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष की एक और भयावह घटना बन गई है।
बता दें कि, मणिपुर में चल रहा जातीय संघर्ष राज्य में विभाजन का कारण बन गया है। मणिपुर में बहुसंख्यक मैतेई और आदिवासी कुकी समुदायों के बीच लगातार संघर्ष चल रहा है, जिसके कारण राज्य में हिंसा का माहौल है। इस संघर्ष में अब तक 230 लोगों की मौत हो चुकी है और 50,000 लोग बेघर हो गए हैं। इस घटना ने राज्य की स्थिति को और भी अशांत कर दिया है। इस घटना के बाद आदिवासी संगठनों ने मणिपुर में कुकी-जोमी-हमार समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए केंद्र सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है। चूड़ाचांदपुर के आदिवासी संगठन इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम ने भी इस जघन्य अपराध के लिए जिम्मेदार लोगों की तत्काल गिरफ्तारी की मांग की है।
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