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India News (इंडिया न्यूज), अजीत मेंदोला, नई दिल्ली: नरेंद्र मोदी के तीसरी बार प्रधानमंत्री पद की शपथ लेने के साथ ही भाजपा के नए अध्यक्ष को लेकर भी संकेत मिल जायेंगे।कार्यवाह प्रधानमंत्री मोदी ने आज सेंट्रल हॉल में दिए भाषण में जिस तरह से 2029 जीतने की बात की तो उसका यही मतलब निकाला जा रहा है कि वह अभी से आगे के लिए मजबूत रणनीति बनाना चाहते।यह काम उनकी पार्टी का संगठन करेगा।राष्ट्रीय अध्यक्ष पद का भी फैसला पार्टी को जल्दी करना है।क्योंकि मौजूदा अध्यक्ष जे पी नड्डा का कार्यकाल जून तक ही है।
मोदी के रुख को देखते हुए इस बात को बल मिल रहा है कि अमित शाह की एक बार फिर राष्ट्रीय अध्यक्ष पद पर वापसी हो सकती है।उनके साथ मोदी 2 के कई मंत्रियों की भी संगठन में वापसी होगी।हालांकि अध्यक्ष पद के लिए मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान,हरियाणा के पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर और देवेंद्र फडणवीस के नाम की भी चर्चा है।
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ऐसे संकेत हैं शनिवार तक स्थिति साफ हो जायेगी कि मोदी 3 सरकार में किस किस को मंत्री बनाया जा रहा है।सूत्रों की माने तो शिवराज सिंह चौहान अगर मंत्री बनाए गए और अमित शाह को मोदी की नई टीम में नहीं लिया गया तो फिर चौहान को गृह मंत्रालय दिया जा सकता है।अगर ऐसा होता है तो फिर अमित शाह संगठन को संभाल सकते हैं। पार्टी अभी जिस तरह से इस बार अपने दम पर बहुमत नहीं ला पाई उससे पीएम काफी नाराज हैं।जिन राज्यों में हार हुई वहां से जो रिपोर्ट आ रही है उनमें राज्य संगठन की भूमिका बहुत प्रभावशाली नही रही।
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मतलब संगठन ने ठीक से काम नहीं किया।राजस्थान और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों में तो बूथ प्रबंधन गड़बड़ाया हुआ था। कई राज्यों से इस तरह की रिपोर्ट भी आई कि भाजपा के कार्यकर्ताओं ने चुनाव में रुचि ही नहीं ली।हालत इतनी खराब थी कि प्रधानमंत्री की संसदीय सीट पर ही मतदाताओं तक वोटिंग पर्ची ही नहीं बांटी गई।राजस्थान,हरियाणा जैसे कई राज्यों में उदासीनता की खबरें हैं।इन हालात में अमित शाह जैसे सेनापति की पार्टी को फिर जरूरत महसूस हो रही है।
क्योंकि चुनाव का यह दौर 2025 तक लगातार जारी रहने वाला है। चार माह बाद हरियाणा और महाराष्ट्र जैसे राज्यों में चुनाव होने हैं।उसके बाद अगले साल दिल्ली और बिहार की बारी है।इनके बाद केरल और असम जैसे राज्य आ जायेंगे।पार्टी के लिए सबसे बड़ी चुनौती हरियाणा और महाराष्ट्र बना हुआ है।दोनो राज्यों में पार्टी अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई। इस स्थिति में पार्टी का पूरा फोकस इन दोनो राज्यों में रहने वाला है।अमित शाह भाजपा के चाणक्य माने जाते हैं।
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उन्होंने संगठन की जब भी जिम्मेदारी संभाली पार्टी को राज्यों और केंद्र में जीत दिलवाई।2019 में उनके अध्यक्ष रहते हुए पार्टी ने 303 सीट जीती थी।समझा जा रहा है कि जरूरत पड़ने पर वह फिर संगठन संभाल सकते हैं।अभी के हालात में पार्टी को ऐसे अध्यक्ष की जरूरत भी है जो कि संगठन का फिर से पुनर्गठन कर पार्टी को देश भर में रिचार्ज कर सके।
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