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गजनवी से लेकर खिलजी तक, इतिहास के डार्क चैप्टर्स अब किताबों में, NCERT ने बदला क्लास 7 के सोशल साइंस का नैरेटिव

NCERT Class 7 New Social Science Book: NCERT क्लास सातवीं की नई सोशल साइंस की किताब शुक्रवार को जारी की गई. इस किताब में गजनवी के भारत के हमले पर एक बहुत बड़ा और मजबूत सेक्शन लिखा है. यह पुरानी किताबों के मुकाबले महमूद गजनवी के हमलों, भारत में किए गए उसके द्वारा विनाश, लूटपाट और उसका इस्लाम के रूप में भारत में हुआ फैलाव पर ज्यादा ध्यान देती है. ऐसे में आइए विस्तार से जानें पूरी खबर.

6 पन्नों के सेक्शन में क्या गजनवी हमले के बारे में क्या लिखा है?

जनाकारी के लिए बता दें कि, 6 पन्नों का यह सेक्शन, जिसे ‘गजनवी हमले’ कहा गया है, एक बॉक्स में लिखे “सावधानी के शब्द” से शुरू होता है, जो क्लास 8 की किताब में दिल्ली सल्तनत चैप्टर से पहले इस्तेमाल किए गए नोट जैसा ही है. सूत्रों के अनुसार, नोट में कहा गया है कि हमारा नजरिया यह है कि उनका सामना करना और उनका विश्लेषण करना बेहतर है ताकि यह समझा जा सके कि किन वजहों से ऐसे हालात बने और उम्मीद है कि भविष्य में उनकी पुनरावृत्ति से बचने में मदद मिलेगी. इसके अलावा, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि हालांकि पिछली घटनाओं को मिटाया या नकारा नहीं जा सकता, लेकिन आज किसी को भी उनके लिए जिम्मेदार ठहराना गलत होगा.

इससे पहले भी स्लैबस में हुए है कई बदलाव

इससे पहले, NCERT ने गुजरात दंगों और बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद हुई हिंसा से संबंधित सामग्री हटा दी थी. डायरेक्टर डीपी सकलानी ने बताया कि बच्चों को स्कूल में दंगों के बारे में नहीं पढ़ाना चाहिए क्योंकि इसका मकसद “सकारात्मक नागरिक” बनाना है, न कि हिंसक या “निराश व्यक्ति”. नई क्लास 7 की किताब का पार्ट 1 इस साल की शुरुआत में आया था, और यह अपडेटेड पार्ट मौजूदा स्कूल वर्ष में इस्तेमाल किया जाएगा.

इस नए एडिशन में क्या है बदलाव?

पुरानी क्लास 7 की इतिहास की किताब में महमूद गजनवी पर सिर्फ़ एक छोटा पैराग्राफ था, जिसमें संक्षेप में उसके 17 हमलों और अमीर मंदिरों पर उसके हमलों का ज़िक्र था. नया एडिशन इसे बदलकर उसके सैन्य अभियानों का पूरा विवरण देता है, जिसमें मथुरा और कन्नौज की लूट और गुजरात में सोमनाथ मंदिर का विनाश शामिल है.

नया चैप्टर उसके 17 भारत अभियानों, जयपाल और उसके बेटे पर उसकी जीत, और तेज घुड़सवारों और घुड़सवार तीरंदाज़ों के इस्तेमाल के बारे में बताता है. यह छात्रों को बताता है कि कैसे कई दिनों की लड़ाई के बाद सोमनाथ मंदिर गिरा और कैसे महमूद भारी मात्रा में धन-दौलत लेकर गज़नी वापस गया. इसमें यह भी बताया गया है कि मौजूदा सोमनाथ मंदिर, जिसे 1950 में फिर से बनाया गया था और राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद द्वारा खोला गया था, उसे पूरी तरह से सार्वजनिक दान से बनाया गया था. छात्रों को यह सोचने के लिए प्रोत्साहित किया जाता है कि यह फैसला क्यों लिया गया.

विस्तारित सामग्री महमूद को एक मजबूत लेकिन क्रूर कमांडर के रूप में बताती है जिसके हमलों से कई नागरिकों की मौत हुई और बच्चों को बंदी बनाया गया जिन्हें बाद में मध्य एशियाई गुलाम बाज़ारों में बेच दिया गया. इसमें उनके बायोग्राफर अल-उत्बी का ज़िक्र है, जिन्होंने लिखा था कि महमूद ने मंदिरों को तोड़ा, बच्चों और जानवरों को लूट के तौर पर ले गया, और पवित्र जगहों पर मस्जिदें बनवाईं. किताब में अल-बिरूनी के हवाले से यह भी बताया गया है कि सोमनाथ शिवलिंग को कैसे तोड़ा गया और उसके टुकड़े ग़ज़नी ले जाए गए.

इनमें से कोई भी डिटेल पुरानी किताब में शामिल नहीं

गजनवी वंश के बाद, ‘टर्निंग टाइड्स: 11वीं और 12वीं सदी’ चैप्टर में मुहम्मद ग़ोरी, कुतुब-उद-दीन ऐबक और बख्तियार खिलजी के बारे में बताया गया है. क्लास 7 की NCERT की किताब में पहली बार बख्तियार खिलजी के पूर्वी भारत में अभियानों और मशहूर बौद्ध केंद्रों नालंदा और विक्रमशिला को नष्ट करने का पूरा ब्यौरा दिया गया है. किताब में कई भिक्षुओं की हत्या, धन की लूट के बारे में बताया गया है, और उन बातों का ज़िक्र है जिनमें कहा गया है कि नालंदा की लाइब्रेरी महीनों तक जलती रही. इसमें यह भी कहा गया है कि इतिहासकार आम तौर पर मानते हैं कि इन विनाशों की वजह से भारत में बौद्ध धर्म का पतन तेज़ी से हुआ.

अपडेटेड चैप्टर में छात्रों को मुहम्मद बिन कासिम द्वारा सिंध पर अरब आक्रमण के बारे में भी पढ़ाया गया है. इसमें 13वीं सदी के एक फ़ारसी सोर्स का हवाला दिया गया है जो उनके हमले को एक धार्मिक कर्तव्य बताता है और राजा दाहिर की हत्या का ज़िक्र करता है. किताब बताती है कि मध्यकालीन इस्लाम में “काफ़िर” शब्द का इस्तेमाल कैसे किया जाता था और यह भी बताती है कि सिंध पर अरबों के कब्ज़े का दूसरे क्षेत्रों में अरब विजयों की तुलना में बहुत बड़ा लंबे समय तक चलने वाला असर नहीं हुआ. चैप्टर के आखिर में यह बताया गया है कि उत्तर भारत के बड़े हिस्से और पूरे दक्षिण भारत तुर्की हमलावरों के कंट्रोल से बाहर रहे, और कभी-कभी भारतीय शासक उनसे लड़ने के लिए एक साथ आए.

क्या है NCERT के डायरेक्टर का कहना?

NCERT के डायरेक्टर दिनेश सकलानी ने कहा कि नई सामग्री साफ है और इसके लिए किसी अतिरिक्त स्पष्टीकरण की जरूरत नहीं है. ये किताबें राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और राष्ट्रीय पाठ्यक्रम फ्रेमवर्क 2023 का पालन करती हैं. पहले, क्लास 7 का सोशल साइंस तीन अलग-अलग किताबों में फैला हुआ था.
shristi S

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