India News (इंडिया न्यूज़), Lok Sabha Election: राजस्थान से चुनाव लड़ रहे केंद्र सरकार के मंत्रियों में अर्जुन राम मेघवाल को छोड़ बाकी तीन मंत्रियों को खासी मशककत करनी पड़ रही है। एक केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी तो त्रिकोणीय संघर्ष में इस तरह फंस गए हैं कि चुनाव परिणाम वाले दिन ही पता चलेगा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बाड़मेर रैली कितनी कारगर रही। बाकी गजेंद्र सिंह शेखावत और भूपेंद्र यादव को भी जिताने के लिए केंद्रीय मंत्री गृहमंत्री अमित शाह समेत कई दिग्गज नेता चुनावी दौरे कर चुके हैं। इन दोनों मंत्रियों को जीत के लिए पसीना बहाना पड़ रहा है।
केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल बीकानेर से चौथी बार चुनाव मैदान में हैं उनके खिलाफ कांग्रेस के गोविंदराम मेघवाल चुनावी मैदान में है।अर्जुन मेघवाल ने मंत्री रहते हुए इलाके में काम से ठीक ठाक पकड़ बनाई हुई है।आम जन में काफी लोकप्रिय हैं।प्रशासनिक नौकरी से सीधे इसी पर चुनाव लड़ा।वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस के गोविंद राम राज्य सरकार में मंत्री रह चुके हैं,लेकिन टक्कर में नहीं दिख रहे हैं।इसलिए अर्जुन राम मेघवाल का पलड़ा काफी भारी दिख रहा है।
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पहली बार चुनाव लड़ रहे केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव शुरू में बहुत मजबूत माने जा रहे थे। क्योंकि कांग्रेस ने उनके खिलाफ विधायक युवा नेता ललित यादव को मौका दिया।लेकिन जैसे जैसे चुनाव आगे बढ़ा कांग्रेस ने चुनाव को बाहरी बनाम लोकल बना दिया। भूपेंद्र हरियाणा से हैं जबकि ललित लोकल हैं। जातीय समीकरण के हिसाब से यादवों की संख्या ठीक ठाक है।मुसलमान और पिछड़ी जातियां भी निर्णायक भूमिका निभाती हैं।ऐसे में भूपेंद्र यादव के लिए चुनौती बढ़ गई। कांग्रेस ने भी माहौल बनता देख ताकत लगा दी।प्रियंका गांधी ने ललित के समर्थन में रोड शो कर वोट की अपील की है।हालांकि बीजेपी लगातार यहां पर तीन बार से चुनाव जीतती हुई आई है।अयोध्या के राम मंदिर का शहरों में असर है।मतलब वोटिंग के दिन तक बीजेपी को खासी मशक्कत करनी पड़ेगी।
जोधपुर से लगातार दो बार से चुनाव जीत रहे केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत असल में चुनाव इस बार लड़ रहे हैं। वर्ष 2014 और 2019 में मोदी लहर के चलते परिणाम से पहले ही बीजेपी की जीत सुनिश्चित मानी जाती थी।लेकिन इस बार उस तरह की लहर नहीं दिखती है। कांग्रेस ने शेखावत समाज के करण सिंह उचियाड़ा को टिकट देकर इस बार माहौल बनाने की कोशिश की है। करण सिंह आर्थिक रूप से काफी मजबूत इसलिए खर्चे में वह कोई कमी नहीं रख रहे हैं। इसके साथ पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत भी जोधपुर से आते है।विधानसभा में पार्टी की हार के बाद गहलोत के प्रति इलाके में सहानुभूति है,जिसका लाभ करण सिंह को मिल सकता है।इसके चलते जोधपुर का चुनाव भी दिलचस्प हो गया है।हालांकि हल्का पलड़ा शेखावत का ही भारी है।
बाडमेर में बीजेपी को अपने ने ही फंसा दिया।यहां पर भाजपा ने केंद्रीय मंत्री कैलाश चौधरी को फिर से मौका दे दिया।कांग्रेस ने आरएलपी से आए उम्मेदाराम बेनीवाल को मैदान में उतारा।बात तब तक ठीक थी जब तक निर्दलीय प्रत्याशी रविन्द्र सिंह भाटी चुनाव मैदान में नहीं उतरे थे।बीजेपी पृष्ठ भूमि के भाटी ने पहले विधायक का टिकट मांगा नहीं मिला निर्दलीय खड़े हुए जीत गए।इसके बाद बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में नामांकन से पूर्व मनाने की कोशिश की।लेकिन बात नहीं बनी।भाटी ने निर्दलीय पर्चा दाखिल कर बीजेपी की परेशानी बढ़ा दी।जनसभाओं में उमड़ती भीड़ के बाद भाटी रेस में आ गए। बाड़मेर का चुनाव भाटी के इर्द गिर्द सिमट गया।हालांकि प्रधानमंत्री मोदी ने रैली कर कैलाश चौधरी के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश की।अब परिणाम वाले दिन पता चलेगा कि बाड़मेर की जनता ने किसे दिल्ली पहुंचाया।
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