इंडिया न्यूज़ नई दिल्ली, (International Conference On Curbing Terror Funding) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में टेरर फंडिंग के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ किया। कार्यक्रम दो दिन चलेगा। पीएम ने सम्मेलन को संबोधित भी किया। गृहमंत्री अमित शाह सम्मेलन के समापन सत्र को कल संबोधित करेंगे। दुनिया के 72 देशों और छह संस्थाओं के प्रतिनिधि सम्मेलन में भाग ले रहे हैं।
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा, यह अद्भुत है कि टेरर फंडिंग के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का अयोजन भारत में हो रहा है। उन्होंने कहा, हमारा देश कई दशक से आतंकवाद की चपेट में है और दुनिया के गंभीरता से लेने से पहले हमने इस समस्या को गंभीरता से लिया है। भारत को अलग-अलग रूपों में कई सालों से आतंकवाद ने नुकसान पहुंचाने की कोशिश की जिस कारण हमने कीमती जानें गंवाईं, लेकिन आतंकवाद का बहंत बहादुरी से मुकाबला किया।
प्रधानमंत्री ने कहा, पर्यटन हो या व्यापार, आतंकवाद का दीर्घकालिक प्रभाव लोकल इकोनॉमी और गरीबों पर होता है
उन्होंने कहा कि कोई भी उस इलाके को पसंद नहीं करता जहां निरंतर खतरा बना रहता है। आतंकवाद के खतरे के चलते वहां के लोगों की रोजी-रोटी पर भी असर पड़ता है, इसलिए आतंकवाद को जड़ से खत्म करना सबसे अहम है। पीएम ने कहा, हम तब तक चैन से नहीं बैठेंगे जब तक आतंकवाद का पूरी तरह सफाया न हो जाए।
पीएम मोदी ने पाकिस्तान की ओर इशारा करते हुए कहा, अपनी विदेश नीति के तहत कुछ देश आतंकवाद का समर्थन करते हैं। वे आतंकियों को वैचारिक, राजनीतिकव वित्तीय मदद पहुंचाते हैं। उन्होंने कहा, अंतरराष्ट्रीय संगठन को यह नहीं सोचना चाहिए कि युद्ध की अनुपस्थिति का मतलब शांति है। यह अहम है कि हम संयुक्त तौर पर उग्रवाद व कट्टरवाद की समस्या का हल निकालें। कट्टता के समर्थकों के लिए किसी भी देश में जगह नहीं होना चाहिए।
मोदी ने कहा कि आतंकवाद का जड़ से सफाया करने के लिए एक व्यवस्थित, सक्रिय और व्यापक प्रतिक्रिया की आवश्यकता है। हम यदि चाहते हैं कि हमारे नागरिक सेफ रहें, तो हम तब तक इंतजार नहीं कर सकते जब तक कि आतंकी हमारे घरों तक न आ जाएं। उन्होंने कहा, हमें आतंकियों के वित्त को डिरेल करना होगा।
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