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Police Commemoration Day: चीन के धोखे में शहिद हुए थे पुलिसकर्मी, जानिए आज भारतीय पुलिस स्मृति दिवस का क्या है इतिहास

India News(इंडिया न्यूज),Police Commemoration Day: आज भारत में पुलिस स्मृति दिवस के तौर पर मनाया जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि, इस दिन को भारत की आजादी के बाद से देश की सेवा करते हुए शहीद हुए देश के तमाम पुलिसकर्मियों को याद करने के लिए मनाया जाता है। वहीं ये दिवस पहली […]

BY: Shubham Pathak • UPDATED :
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India News(इंडिया न्यूज),Police Commemoration Day: आज भारत में पुलिस स्मृति दिवस के तौर पर मनाया जाता है। जानकारी के लिए बता दें कि, इस दिन को भारत की आजादी के बाद से देश की सेवा करते हुए शहीद हुए देश के तमाम पुलिसकर्मियों को याद करने के लिए मनाया जाता है। वहीं ये दिवस पहली बार 21 अक्टूबर 1959 को जब पहली बार देश की सीमा की रक्षा करते हुए सेना के नहीं बल्कि केद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) के जवान शहीद हुए थे। इन जवानों को चीन की सेना ने अचानक हमला कर मार दिया था। बता दें कि, इस दिवस को कई अन्य नाम से भी जाना जाता है जैसे कि, इसे पुलिस शहीद दिवस, पुलिस रिमेंम्बरेंस डे, पुलिस कमोमोरेशन डे पुलिस मेमोरियल डे जैसे नाम से भी जाना जाता है।

जानिए कैसे हुई शुरूआत

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि, यह दिन भारत चीन सीमा विवाद की शुरुआत के तौर पर देखा जाता है। जब 21 अक्टूबर 1959 को भारत चीन सीमा पर रखवाली करते हुए दस पुलिस जवान शहीद हो गए थे। तब भारत और तिब्बत के बीच ढाई हजार मील लंबी सीमा की निगरानी भारतीय रिजर्व पुलिस बल के पुलिसकर्मियों के जिम्मे थी।

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Police Commemoration Day

चीन ने चोरी से किया था हमला

बता दें कि, जब ये हमला हुआ उस समय ऐसा लग रहा था कि हालात बहुत ही अलग थे। इतना ही नहीं भारत चीन के संबंध बहुत अच्छे थे। वहीं देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू चीन के साथ पंचशील सिद्धांत के साथ मित्रवत संबंध बना चुके थे। लेकिन इसके साथ ही चीन ने तिब्बत पर कब्जा कर लिया था और भारत तिब्बत सीमा रेखा, वास्तव में भारत चीन सीमा रेखा बन गई थी।

दूसरी ओर नेहरू पूरी दुनिया में शांति के पैरोकार के तौर पर काम कर रहे थे। गांधी जी के शिष्य होने के नाते उन्होंने अहिंसा पर ज्यादा जोर दिया था। इन तमाम स्थितियों में भारत को कतई यह जरूरत महसूस नहीं हुई कि उसे अपने सुरक्षा को बहुत मजबूत बनाना चाहिए। खतरा पाकिस्तान का जरूर था, लेकिन हम पाकिस्तान से हमेशा बेहतर थे। ऐसे में भारतीय रिजर्व पुलिस बल के पुलिसकर्मियों को आधुनिक हथियार देकर उन्हें सुरक्षा करने में और सक्षम बनाने के बारे में कोई सोच नहीं सका था।

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