संबंधित खबरें
‘कुछ लोग खुश है तो…’, महाराष्ट्र में विभागों के बंटवारें के बाद अजित पवार ने कह दी ये बड़ी बात, आखिर किस नेता पर है इनका इशारा?
कांग्रेस को झटका देने की तैयारी में हैं उमर अब्दुल्ला? पिछले कुछ समय से मिल रहे संकेत, पूरा मामला जान अपना सिर नोंचने लगेंगे राहुल गांधी
खतरा! अगर आपको भी आया है E-Pan Card डाउनलोड करने वाला ईमेल? तो गलती से ना करें क्लिक वरना…
मिल गया जयपुर गैस टैंकर हादसे का हैवान? जांच में हुआ चौंकाने वाला खुलासा, पुलिस रह गई हैरान
भारत बनाने जा रहा ऐसा हथियार, धूल फांकता नजर आएगा चीन-पाकिस्तान, PM Modi के इस मास्टर स्ट्रोक से थर-थर कांपने लगे Yunus
‘जर्सी नंबर 99 की कमी खलेगी…’, अश्विन के सन्यास से चौंक गए PM Modi, कह दी ये बड़ी बात, क्रिकेट प्रशसंक भी रह गए हैरान
इंडिया न्यूज, चंडीगढ़ :
The Sacrilege Book Release : पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस रंजीत सिंह ने बुधवार को यहां चंडीगढ़ प्रेस क्लब में अपनी बहुप्रतीक्षित पुस्तक ‘द सैक्रिलीज’ का विमोचन किया। पुस्तक का विमोचन जस्टिस एसएस सोढ़ी, जस्टिस नवाब सिंह और जस्टिस महेश ग्रोवर ने किया।
पुस्तक के बारे में बात करते हुए जस्टिस रंजीत सिंह ने कहा कि श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी की बेअदबी की घटनाएं 2015 में जिला फरीदकोट में हुई थीं। घटनाओं में गुरु ग्रंथ साहिब जी के सरूप से पवित्र अंग (पृष्ठों) को फाड़ना और बिखेरना शामिल था। उन्होंने कहा कि पंजाब की शांति के लिए खतरा पैदा करने वाले पोस्टर चिपकाए गए थे।
उन्होंने महसूस किया कि कई एसआईटी और दो जांच आयोगों द्वारा जांच के बावजूद बेअदबी के असली दोषियों को न्याय के सामने लाने के लिए पर्याप्त कार्य नहीं करने के लिए व्यापक जन आक्रोश है।
उल्लेखनीय है कि न्यायमूर्ति रंजीत सिंह की अध्यक्षता वाले आयोग को बेअदबी के करीब 160 मामलों की जांच करने को कहा गया था। आयोग ने इन सभी मामलों की जांच लगभग 12 महीने के रिकॉर्ड समय में पूरी की और 544 पृष्ठों में चार भागों में अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत की। जस्टिस रंजीत सिंह ने कहा कि आयोग की रिपोर्ट पर पंजाब विधानसभा में बहस हुई और सदन ने सर्वसम्मति से इसे स्वीकार कर लिया लेकिन यह सार्वजनिक नहीं हुआ।
पुस्तक में विभिन्न तथ्यों और सच्चाई को जनता के सामने लाने का प्रयास किया गया है जिसके कारण बेअदबी की घटनाओं ने गहरे निशान छोड़े हैं जिनसे सिख समुदाय और देश की भावनाओं को ठेस पहुंची है। दुर्भाग्य से, निर्दोष प्रदर्शनकारियों पर पुलिस कर्मियों की गोलीबारी के बाद मानव जीवन की हानि हुई।
इस मौके पर जस्टिस सोढ़ी ने कहा कि बेअदबी के इन मामलों में एसआईटी द्वारा की गई विभिन्न जांचों में बहुत कम सफलता मिली है, जिसके कारण लोग अभी भी न्याय की मांग कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि न्यायमूर्ति रंजीत सिंह की अध्यक्षता वाले आयोग ने बिना पक्षपात के बेअदबी के मामलों की जांच की।
यह पुस्तक चौंकाने वाले खुलासे के साथ आंख खोलने वाली है और बेअदबी की घटनाओं की त्रासदी को उजागर करते हुए स्पष्ट और सरल भाषा में लिखी गई है।
जस्टिस रंजीत सिंह पंजाब और हरियाणा उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश हैं। उन्होंने 2015 के दौरान पंजाब में बेअदबी के विभिन्न मामलों को देखने के लिए रणजीत सिंह आयोग सहित विभिन्न समितियों का नेतृत्व किया है। उन्होंने पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, हिमाचल प्रदेश और दिल्ली राज्यों पर अधिकार क्षेत्र वाले ऋण वसूली अपीलीय न्यायाधिकरण, नई दिल्ली के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है।
लेखक एक सदी से भी अधिक पुराने एस.एस.एस.एस. खालसा सीनियर सेकेंडरी स्कूल, अमृतसर से शिक्षित है। लेखक ने खालसा कॉलेज, अमृतसर से स्नातक किया और पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से कानून की डिग्री पूरी की थी। भाग्य के एक मोड़ में, लेखक को सेना के न्यायिक विभाग में सीधे प्रवेश प्रवेश मिल गया, जिसे जज एडवोकेट जनरल डिपार्टमेंट के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने कानूनी पेशे में अपनी दूसरी पारी शुरू करने के लिए 1986 में मेजर के रूप में स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति ले ली। इस तरह उन्होंने सेना से कानूनी पेशे तक एक अनूठी यात्रा तय की। “लेफ्टिनेंट” से एक संवैधानिक अदालत के न्यायाधीश तक की उनकी यात्रा उनके प्रयासों और दृढ़ संकल्प की गवाही है।
Read More : Dharamshala Skyway Ropeway मुख्यमंत्री ने धर्मशाला स्काईवे रोपवे का लोकार्पण किया
Read More : Terrorist Hideout Busted : आतंकियों ने छिपने के लिए खोदी थी खाई
Get Current Updates on, India News, India News sports, India News Health along with India News Entertainment, and Headlines from India and around the world.